शब्दों की तपिश ही ज़िन्दा रखती है तहरीर को- श्री पंछी……जलेसं के आयोजन में आशीष दशोत्तर के ग़ज़ल संग्रह का विमोचन हुआ
रतलाम। शब्दों की तपिश ही किसी भी तहरीर को कायम रखती है। शब्द ही अपने अर्थो द्वारा आने वाले समय में किसी रचना को महत्वपूर्ण बनाए रखते हैं। यह एक…