
रतलाम। अज्ञात मजदूर की हत्या कर दूसरो को हत्या के मामले में फसाने वाला खुद हत्या का आरोपी बना और अब तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने इस आरोपी को हत्या का दोषी पाए जाने पर। आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। न्यायालय ने 5 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया गया कि 5 जुलाई 2016 को स्टेशन रोड पुलिस को यह सूचना मिली थी कि सम्यक कॉलोनी के पीछे रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। जहां पर पुलिस ने पाया कि एक मृतक पुरुष जो की लगभग 30 से 35 वर्ष आयु का था उसके सिर पर चोट लगी होकर चेहरे पर खून लगा था। पुलिस थाना स्टेशन रोड द्वारा देहाती नालिसी मर्ग कायम कर मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अज्ञात मृतक पुरुष की मृत्यु मारपीट कर गंभीर चोट पहुंचाने से हुई थी। इसके पश्चात प्रकरण में धारा 302 भादवी का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना निरीक्षक श्री अजय सारवान द्वारा की गई थी जिसमें यह पाया गया था की दिनांक 4 जुलाई 2016 को मृतक अभियुक्त रामचंद्र के साथ रात्रि 8:00 बजे प्लेटफार्म नंबर 3 पर से जाते हुए दिखा था जिस पर से पुलिस द्वारा आरोपी रामचंद्र को गिरफ्तार किया गया था जहां पूछताछ के दौरान आरोपी ने यह बताया था कि उसने रतलाम स्टेशन से 30 से 35 वर्ष के अज्ञात व्यक्ति को मजदूरी का काम करने का बात कर अपने साथ ले जाकर बबुल की लकड़ी से मारपीट कर मृतक की हत्या कर दी तथा मृतक की जेब में चिट्ठी रखकर लकड़ी को झाड़ियां में छिपने की बात कही थी । आरोपी रामचंद्र द्वारा कुछ लोगों को फसाने के लिए मृतक की जेब में उनके नाम व मोबाइल नंबर की चिट्ठी रखी गई थी ।अनुसंधान अधिकारी द्वारा मामले में विस्तृत रूप से अनुसंधान कर सघन विवेचना की गई तथा आरोपी के विरुद्ध भौतिक मौखिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित की गई थी और उसके पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।
आरोपी रामचंद्र का विचारण तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री लक्ष्मण कुमार वर्मा के न्यायालय में किया गया जहां अभियोजन अपने द्वारा प्रस्तुत भौतिक मौखिक एवं वैज्ञानिक साक्ष को संदेह से प्रमाणित करने में सफल रहा था तथा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपी रामचंद्र पिता भगवान बाघरी उम्र 42 वर्ष निवासी मानपुर थाना सीतामऊ जिला मंदसौर को अज्ञात मृतक की हत्या का दोषी पाया और आरोपी को अज्ञात मृतक की हत्या करने के अपराध में आजीवन कारावास की सजा एवं ₹5000 जुर्माना से दंडित किया। अभियोजन की ओर से सफल पर संजीव सिंह चौहान द्वारा की गई।