
रतलाम ivnews
पान की दुकान पर खड़े होकर विश्वकप किक्रेट फाइनल मैच देखना एक युवक को काफी महंगा पड़ गया। युवक को पुलिस वाले पकड़ कर ले गए। युवक को पुलिस से पीछा छुड़ाने के लिए 20 हजार देना पड़े। लेकिन पुलिस का पेट 20 हजार से नही भरा पुलिस ने उसके भाई को चार दिन बाद बुलाकर 10 हजार और मांगे और नही देने पर झूठी केस में फसाने की धमकी दी। युवक ने पुलिस की 10 हजार की मांग पूरी नहीं करते हुए पुलिस अधीक्षक को पुलिस कर्मचारियों की नामजद शिकायत की है।अब यह देखना है की शिकायत पर क्या कारवाई होती है।

मामला आलोट का है। 19नवंबर को विश्वकप किक्रेट का फाइनल मैच था। आलोट निवासी शाहिद खा रेलवे स्टेशन के सामने पान की दुकान पर चल रहे टीवी पर विश्वकप किक्रेट का फाइनल मैच देख रहा था। तभी रात आठ बजे। आलोट पुलिस थाने के दो पुलिस जवान धीरज और आदिल खान वहा आए। पुलिस जवानों ने शाहिद खान को अपने पास बुलाया और आलोट पुलिस थाने ले आए। थाने पर सब इंस्पेक्टर जोरावत सिंह भी मौजूद थे। उसे पुलिस जवानों ने सब इंस्पेक्टर के सामने ही पुलिस जवानों ने चमकाया की तुम किक्रेट का सट्टा कर रहे थे। अगर छुटना है तो किसी को बुलाओ। तब शाहिद ने अपने चचेरे भाई जाहिद को मोबाइल करके थाने बुलाया। थाने पहुंचे शाहिद के भाई जाहिद ने पुलिस कर्मियों को कहा की उसका भाई ऐसा गलत काम नही करता है वह मैच देख रहा था। लेकिन उसकी एक नही सुनी गई। पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ने के एवज में 20 हजार रुपए मांगे। जाहिद ने थाने से जाकर घर से 20 हजार रुपए लाकर दिए तब शाहिद को आलोट पुलिस थाने से छोड़ दिया गया। दोनो भाई। अपने घर चले गए। लेकिन इसके दो दिन बाद 21 नवंबर 2023 को जाहिद के पास दोपहर एक बजे करीब आलोट थाने से फोन आया और थाने बुलाया गया। जाहिद थाने पहुंचा। उसे थाना प्रभारी के कक्ष में बुलाया गया। जहा सब इंस्पेक्टर जोरावर सिंह ने जाहिद का मोबाइल लेकर चेक किया और कहा की तुम भी शामिल हो, दस हजार लाकर दो नही तो तुम पर भी केस बनाया जा सकता है। पुलिस से मिली धमकी के बाद जाहिद ने आलोट विधायक मनोज चावला को मोबाइल लगाकर पूरी घटना की जानकारी दी और मदद करने को कहा। विधायक मनोज चावला द्वारा पुलिस से बात की उसके बाद जाहिद को थाने से जाने दिया गया। अपने साथ आलोट पुलिस कर्मियों के द्वारा किए गए व्यवहार को लेकर जाहिद खान ने पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा को 23 नवंबर को एक लिखित शिकायत की। जिसमे फर्जी केस बनाने के नाम पर आम जनता को परेशान किए जाने वालें आलोट पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की मांग की गई।