
रतलाम IV News
सोमवार को विधान सभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद ही दोपहर बाद भाजपा ने चौथी सूची जारी कर चौका दिया। कांग्रेस के मुकाबले उम्मीदवार घोषित करने में भाजपा ने बाजी मार ली है लेकिन अब तक कांग्रेस अपने उम्मीदवार ही तय नहीं कर सकी है। भाजपा ने तीसरी सूची जारी करते ही रतलाम शहर से तीसरी बार विधायक चेतन्य काश्यप पर भरोसा जताते हुए इस बार शहर सीट पर चेहरा बदले जाने की लगाई जा रही अटकलों पर विराम लगा दिया है। भाजपा की गुटीय राजनीति में करीब डेढ़ महीने से चेहरे बदलने की हवा चलवाई जा रही थी, कोई पर्दे के पीछे अनजान बन कर अपना टिकट पक्का बता रहा था तो कोई सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा विकास के नारे के साथ प्रकट हो रहा था, इसी बीचiv newsने पहले ही रतलाम शहर में चेहरा नहीं बदले जाने की पक्की खबर दी थी । जारी सूची में जावरा शहर , रतलाम ग्रामीण और आलोट के पार्टी ने अभी उम्मीदवार घोषित नही किए है। सूत्र बताते हैं कि रतलाम ग्रामीण में वर्तमान विधायक को ही टिकट देने को लेकर हुई राय शुमारी में ग्रामीण क्षेत्रों में विधायक को लेकर मुखर हुए विरोधी स्वर पर पार्टी हर कदम फूंक फूंक कर रख रही हैं। जब की जावरा को लेकर दो चल रहे नाम में एक नाम पर सहमति आपसी तालमेल के साथ करने पर प्रयास किए जा रहे हैं। यही स्थिति आलोट में भी है आलोट में यदि कोई सहमति नहीं बनी तो हो सकता है बाहर से किसी नए चेहरे पर दांव खेला जाएगा।

भाजपा को भा गए भैयाजी
तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी चेतन्य काश्यप भैयाजी भाजपा को भा गए है। भाजपा के हुए सर्वे में विरोध के बाद भी खरे उतरे हैं, हालाकि अभी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है फिर भी भाजपा की इस सीट पर जीत सुरक्षित मानी जा रही है। रतलाम भाजपा ने भी मोदी के 56 इंच सीने की तर्ज पर चेतन्य काश्यप की जीत अबकी बार 56 हजार पार होने के अपने संकल्प को दोहराया है।
तो क्या बिल्ली के भाग्य से…
रतलाम ग्रामीण की बात करे तो वर्तमान विधायक की कार्यशेली को लेकर ग्रामीण ही नहीं भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी अपनी नाराजगी जता चुके हैं। बताया जाता है की चुनाव के कुछ ही महीने पहले विधायक सक्रिय हुए ताबड़तोड़ विकास कार्यों की सौगात देने जुट गए। उनके विरोध और नाराजगी की लगातार शिकायते अलग अलग माध्यमों से पार्टी के आला नेताओं तक पहुंचती रही यही कारण है कि पार्टी को टिकट का फैसला करने में महक्कत करनी पड़ रही है। अब यदि वर्तमान विधायक को ही टिकट देकर पार्टी एक बार फिर मौका देती हैं तोबिल्ली के भाग्य से टूटा छीका वाली कहावत ही चरितार्थ होगी ।