विधान सभा चुनाव की विसात बिछते ही नेताओ की जमावट होने लगी है । नेताओं के बोल वचन से राजनीति के तापमान को बढ़ाया जा रहा है। शनिवार को शहर से लेकर अंचल तक की राजनीति में शनि लगे रहे । एक तरफ फूलछाप के राष्ट्रीय महासचिव के हमले हो रहे थे तो दूसरी तरफ पंजाछाप के पूर्व मंत्री के बोल वचन तालियां बटोरने में लगे थे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और दिग्विजयसिंह को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यकर्म में आमंत्रित करते हुए पाप धोने के लिए भगवान राम की चरण वंदन करने की सलाह दी तो कांग्रेस की ओर से इसका जवाब कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने देते हुए कहा की कैलाश कौन होता है आमंत्रण देने वाला, अगर उनका नेता मोदीजी आमंत्रित करेंगे तो जाएंगे भी और उद्घाटन भी करेंगे। सज्जन भैया के बोल वचन यहीं नहीं रुके जब उनसे पूछा कैलाश विजयवर्गीय ने भाजपा की सरकार बनने का दावा किया है तो जवाब में उन्होंने कहा कैलाश नही चाहता की शिवराज सरकार बनाए , शिवराज को भरोसे में रखता है, उसने तो अपने घर में हवन पूजन भी करवाए की शिवराज नही आए , क्या क्या बताऊं … कैलाश मेरा दोस्त भी है। जब पूछा आप दोस्त को समझते क्यों नहीं… तो सज्जन भैया मुस्कराते हुए बोले आज आ जाता मंच पर तो समझा देता, उसके बहुत किस्से है बोलते हुए चलते बने …। समझने वाले समझ गए जो ना समझे वो अनाड़ी है फिर राजनीति में नूरा कुश्ती की परंपरा तो पुरानी है ना…..?


विधायक ने दिखाई जमीन
चुनावी समर शुरू होने के पहले नेताओ की नब्ज टटोलने के लिए जनता की अदालत में बुलाकर रिपोर्ट कार्ड देखा जा रहा है। दो तीन आयोजन में तो नदारत रहे विधायकजी एक आयोजन में प्रकट हुए तो उन्होंने भी अपने प्रयासों से किए गए विकास पर जमकर बेटिंग कर विपक्षी हमलों को नकारा साबित कर दिया। विपक्षी आरोप समिति के मुखिया के हमले को भी जमीन दिखा दी । इन मुखियाजी ने जब झूठ की एटीएम बोला तो विधायकजी ने बड़ी सज्जनता से इन महाशय के आरोपों को कटघरे में खड़ा कर दिया। एंकर ने भी विपक्षी आरोप समिति के इन वन मेन पर निशाना साधते हुए आरोपों में घेरने में देर नहीं की । आयोजन में विधायक तो सहज नजर आए लेकिन आरोप समिति के ये विपक्षी चिल्ला चिल्ला कर अपनी बात कहते नजर आए। डिबेट में विपक्ष के हमले पर पक्ष भारी नजर आया और आरोप समिति के मुखिया भी स्वयं के आरोपों से बच नही सके जो इस बात पर इंगित कर रहा है की रतलाम शहर का चुनाव कितना रोचक होगा । ऊठ किसी भी करवट बैठे लेकिन जनता का चुनावी मनोरंजन भरपूर होगा । क्योंकि अपने आप को बेदाग साबित करने वालेलागा चुनरी में दाग छिपाऊ कैसे की चुनरी में भी दाग कोई कम नहीं हैं…?
आव भगत में लगे दावेदार
चुनावी दौरे पर बड़े नेताओं की आवाजाही भी शुरू हो गई है। इन नेताओ के स्वागत और आव भगत में आगे पीछे टिकट के दावेदार मंडराते नजर आते हैं। बड़े नेताओं के पैर छूकर चरण वंदन करने वाले भी पीछे नहीं रहते हैं जो नेताओ के साथ किसी भी तरह फोटो लेकर तत्काल वायरल करने वाले फीवर से ग्रसित रहते हैं। बस.. नेताओ के जाते ही यह कहते सुने जाते है कि बड़े नेता यानी साहब इशारा कर गए हैं, तैयारी रखो । इस भरोसे में नए पैजामे कुर्ते पहने कुछ दिन आस में गुजारने को मजबूर रहते है….? अब देखना तो यह है कि किस किस के दिल के अरमां पूरे होते हैं, क्योंकि राजनीति में कानो मे फूंक मारने वाले चेहरों की भी कमी नहीं है…?
भोले की भक्ति
इस बार सावन माह में अधिक मास भी है, फिर चुनाव , ऐसे मौके को कौन भुनाना नही चाहता । बस राजनीति के लिए धर्मनीति का सहारा लेकर त्रिशूल उठा कर भोले बाबा की भक्ति की जा रही है। अपने स्वार्थ सिद्ध में लगे सफेदपोश को यह भी समझना चाहिए कि कहीं भोले बाबा का तीसरा नेत्र नही खुल जाए …..?

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