
रतलाम ivnews जब तुझ से ना सुलझे तेरे उलझे हुए धंधे, भगवान के इंसाफ पर सब कुछ छोड़ दें वंदे, वंदे तेरे हर हाल पर मालिक की नज़र है , मिलता है जहाँ न्याय , वह दरबार यहीं है ।
प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार के अभिनीत फ़िल्म नया दौर के इस गीत की यह पक्तियां हर एक के कानों में गूंजी होगी । इसी तर्ज पर मोबाइल चोरी की बात आस्था के साथ भगवान के दरबार मे जा पहुंची आलोट एसडीओपी शाबेरा अंसारी के समक्ष शिव मंदिर पर कसम खाने के बाद मामला शांत हुआ ।
दरअसल मामला आलोट के ग्राम पालनगरा का है । गांव में विगत दिनों एक महिला और ग्राम की अन्य महिलाओं के साथ के साथ विवाद हो गया था, मामला इतना बढ़ गया था कि दोनों पक्षों ने आपस में एक दूसरे पर क्रॉस केस दर्ज करवा दिया। इस मामले को लेकर एक पक्ष की महिला ने दूसरे पक्ष की महिला पर आरोप लगाया और मोबाइल चोरी होने की बात कही,जिसके बाद मामला थाने पहुंचा जहाँ दर्जनों ग्रामीण मोबाइल चोरी के आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ थाने में पहुंचे । मामला गंभीर होता देख आलोट पुलिस ने दोनो पक्षो को आपसी समझाइस देने के लिए आज आलोट पुलिस थाने बुलाया था।
यहां पुलिस ने एसडीओपी शाबेरा अंसारी,जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि कालू सिंह परिहार,जनपद पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह परिहार, राकेश दायमा,जनपद सदस्य प्रतिनिधि रमेश मालवीय सहित कई जनप्रतिनिधियो को भी थाने पर आमंत्रित किया था। जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनो पक्षो ने अपनी अपनी बात रखी। लेकिन एक पक्ष की एक महिला लगातार अपना मोबाइल चोरी होने की बात कहती रही, पुलिस ने जब ग्रामीणों से मोबाइल के बारे में पूछा तो उन लोगों ने साफ मना कर दिया और कहा की हमने मोबाइल नहीं लिया । लेकिन महिला मोबाइल चोरी को लेकर ग्रामीणों पर इल्जाम लगाती रही।
सभी लोगों के समझाने के बाद महिला ने एक शर्त रख दी कि अगर यह महिलाएं मंदिर पर चढ़कर बोल देगी कि मैंने मोबाइल नहीं लिया है तो मैं इस मोबाइल को भूल जाऊंगी। इस तरह से जो मामला थाने पर नही सुलझा , आखिर कर भगवान के दरबार में पहुंच गया । आलोट एसडीओपी थाने में स्थित भोलेनाथ के मंदिर पर उन सभी महिलाओं को ले गई। वहां जाने के बाद महिला भगवान भोलेनाथ के सामने मोबाइल नहीं ले जाने की बात कही, भगवान भोलेनाथ के सामने मोबाइल नहीं लेने की कसम खाने के बाद पूरा मामला शांत हो गया।
आस्था और ईश्वरीय शक्ति से सुलझे इस मामले ने यह साबित कर दिया कि यदि इंसानियत है तो ही धर्म है । बाद में पुलिस थाने के बाहर जमा भीड़ भी धीरे-धीरे घर चली गई। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि आज भी भगवान पर लोगो की गहरी आस्था है, अगर मंदिर पर चढ़कर अगर कोई यह कह दे कि हां मैंने यह अपराध नहीं किया है तो ग्रामीण मान लेते हैं।