रतलाम ( ivnews ) शहर के एक सराफा फर्म डीपी ज्वेलर्स द्वारा अपने संस्थान के प्रचार प्रसार के लिए सनातनी आस्था का मजाक बनाये जाने का शहर मे आक्रोश बढ़ता जा रहा है. हिन्दू संगठनों द्वारा संस्थान के संचालक से माफ़ी मांगने की मांग करते हुए शहर भर मे लगाए गए सभी पोस्टर हटाने की मांग की गई. हिन्दू संगठनों के साथ अब परशुराम कल्याण बोर्ड भी इस मामले मे आगे आ गया है. बोर्ड के सदस्य आज संस्थान के संचालक से मिलकर शहर मे लगे सभी पोस्टरो को हटाने के साथ साथ हिन्दू समाज से माफ़ी माँगने की मांग करेंगें.
शहर के स्वर्णाभूषण विक्रेता डीपी ज्वेलर्स द्वारा अपने दशहरा विज्ञापन में रामचरित मानस की चौपाई से छेडछाड कर सनातनी आस्था का मजाक बनाए जाने से हिन्दू समाज में आक्रोश व्याप्त है। सोशल मीडीया पर इसको लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। इस मामले में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की भी तैयारी की जा रही है
उल्लेखनीय है कि डीपी ज्वेलर्स द्वारा विजयादशमी के अवसर पर विभिन्न समाचार पत्रों में अपने संस्थान का विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था। इस विज्ञापन मेें रामचरित मानस की प्रसिद्ध चौपाई “रघुकुल रीत सदा चली आई” को तोडमरोड कर अपने आभूषणों का प्रचार किया गया था। रामचरित मानस सनातनी लोगों के लिए पूजनीय ग्रन्थ है और इसकी प्रत्येक चौपाई सनातनियों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। ऐसे में रामचरित मानस की चौपाई से छेडछाड करअपने विज्ञापन के लिए इसका दुरुपयोग करना न सिर्फ आपत्तिजनक है,बल्कि यह सनातनी आस्था का अपमान करने जैसा है।

डीपी ज्वेलर्स का यह विज्ञापन जिसने भी देखा,उसे यह आपत्तिजनक और अपमानजनक लगा। सोशल मीडीया पर इसको लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं हो रही है। सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट प्रशान्त ग्वालियरी ने सोशल मीडीया पर इस मामले को उठाते हुए डीपी ज्वेलर्स के संचालकों से क्षमायाचना की मांग की है। वहीं हिन्दू संगठन भी इस मामले को उठाने की तैयारी कर रहे है। परशुराम कल्याण बोर्ड ने भी इस विज्ञापन पर आपत्ति जताई है. बोर्ड के जिला अध्यक्ष अनुराग लोखंडे ने कहा की डी पी ज्वेलर्स द्वारा इस तरह का कृत्य कर सनातन धर्म का मजाक उड़ाया गया जो की सरासर गलत और निदनीय है. संस्थान को हिन्दू समाज से माफ़ी मांगना चाहिए. इस मामले मे परशुराम कल्याण बोर्ड का एक प्रतिनिधि मंडल संस्थान के संचालक से मिलेगा और माफ़ी मांगने की मांग करेगा. अगर संस्थान माफ़ी नहीं मांगेगा तो आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा,जिससे कि भविष्य में हिन्दू भावनाओं को आहत करने के इस तरह के प्रयासों पर रोक लग सके।

By V meena

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