रतलाम / अणुव्रत विश्व भारती समिति द्वारा अणुव्रत उद्बबोधन सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके तहत अणुव्रत विश्व भारती समिति रतलाम द्वारा अहिंसा दिवस मनाया गया व जिला जेल परिसर में बंदियों के लिए साध्वी पुण्य प्रभा श्रीजी के व्याख्यान रखे गए । साध्वी श्री जी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आज्ञा वर्ष अपराध करता है व्यक्ति के पास खाने , मकान , कपड़ा , चिकित्सा , शिक्षा के लिए पैसा नहीं हो तो व्यक्ति अपराध करता है ।

अपराध दो तरह से होते हैं एक अपराध अज्ञानवश होता है तथा दूसरा आदतन अपराध होता है । यदि व्यक्ति अपराध करते समय सोच कि इससे उसका अहित होगा तो वह अपराध नहीं करेगा क्योंकि यदि व्यक्ति अपराध करेगा तो उसके परिणाम उसको भुगतना पड़ेंगे अतः व्यक्ति को अपनी सोच बदलना चाहिए उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने कहा है की धरती पर जितने भी प्राणी है सभी का आपस में संबंध जुड़ा हुआ है.

उन्होंने कहा कि व्यक्ति जब परिवार से अपने को अलग मानने लगता है तो वह अपराध करता है लोगों को आपस में प्रेम तथा भाईचारा बनाकर रखना चाहिए तथा किसी से द्वेष भाव नहीं रखना चाहिए व्यक्ति को चिंतन जरूर करना चाहिए व्यक्ति अहिंसा को समझे वह वैसा आचरण करें तो दुनिया में शांति रहेगी.

इस अवसर पर उन्होंने बंधिया से बंदी भाइयों से भेंट के रूप में बुराई रूपी भेंट देने का आग्रह किया प्रारंभ में स्वाति साध्वी पुण्य प्रभाव श्री जी ने नवकार मंत्र प्रस्तुत किया मंगलाचरण महिला मंडल ने प्रस्तुत किया स्वागत उद्बोधन अणुव्रत समिति अध्यक्ष ज्योति पीपाड़ा ने दिया कार्यक्रम को रवि जैन , विशाल भागूँ ने भी संबोधित किया। साध्वी दर्शन प्रभा, निर्मल प्रभात, जीनयशा ने गीतिका द्वारा बंदियों को अहिंसा का संदेश दिया । कल्याणमल भागूँ, संगीता मूणत आदि मौजूद थे कार्यक्रम का संचालन उप जेल अधीक्षक ब्रजेश मकवाना ने किया इस अवसर पर जिला जेल को पांच पंखे भी भेंट किए गए ।आभार सचिव ज्योति दख ने माना ।

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