रतलाम / अगर कोई कर्मचारी के खिलाफ कोई जांच एजेंसी कार्रवाई करती हैं तो नियमानुसार विभागीय कार्रवाई के तहत उस व्यक्ति को उस टेबल से हटा दिया जाता हैं या फिर उसे लुप लाइन मे कर दिया जाता हैं. लेकिन रतलाम मे एक विभाग मे ऐसा नहीं हुआ…. तो मामला चर्चा का विषय बन गया और चर्चा अब मीडिया तक आ पहुंची हैं.

यह मामला हैं रतलाम रेल मण्डल कार्यालय के वाणिज्य विभाग का….. इस विभाग के एक कर्मचारी के खिलाफ रेलवे के विजलेंस विभाग नें शिकायत पर जांच शुरू की. विजलेंस की करवाई हुई तब हड़कंप मचा. लेकिन उसके बाद सभी को यकीन था की इस कर्मचारी के खिलाफ उसके विभाग प्रमुख द्वारा कार्रवाई करते हुए उसे उस टेबल से हटा दिया जाएगा. ताकि विजलेंस जांच प्रभावित ना हो. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नही बल्कि इस कर्मचारी ने उसी टेबल पर बैठकर के विभाग के कुछ कर्मचारियों के ट्रांसफर मनमाने ढंग से कर दिए… अपने खिलाफ चल रही विजलेंस जांच के बावजूद इस कर्मचारी द्वारा इस तरह से यह कार्य करना साबित करता हैं की सेया भैया तो डर काहे का…

चर्चा हैं की वाणिज्य विभाग प्रमुख अधिकारी का यह कर्मचारी ख़ास हैं…… अपने ख़ास कर्मचारी के खिलाफ विजलेंस जाँच होने से वाणिज्य विभाग प्रमुख अधिकारी गुस्से मे आ गई….. और अपने खास के खिलाफ विजलेंस जांच शुरू होने का पूरा गुस्सा अपने विभाग के बाकी कर्मचारियों पर उतार दिया और बिना किसी की समस्या सुने जाने अन्य कर्मचारियो का स्थानांतरण कर दिया….. चर्चा हैं की अमूमन इससे पहले ऐसा होता आया है की जो कर्मचारी विभाग प्रमुख के ख़ास इस कर्मचारी से सेटिंग कर लेता था उसका दूसरे जगह स्थानांतरण होते हुए भी रतलाम मुख्यालय नहीं छोड़ा था.

लेकिन वर्तमान में खुद को सही साबित करने के चक्कर में वाणिज्य विभाग प्रमुख और उनके ख़ास कर्मचारी नें बिना किसी की परेशानी सुने स्थानांतरण कर दिए. रेलवे के इस विभाग मे कितनी भांग खुली हुई है यह सभी को पता है.इस विभाग में कई लोग ऐसे हैं जिनका कागजों पर स्थानांतरण हुआ है लेकिन कई वर्षों से वह एक हो टेबल पर कार्य कर रहे हैं… शायद विभाग प्रमुख का ध्यान इस और नहीं गया होगा और गया भी होगा तो अनदेखा कर दिया… जब उन सबको अनदेखा किया जा सकता है तो बाकी कर्मचारियों पर दया भाव क्यों नहीं और विजिलेंस जांच के बाद भी अपने ख़ास पर इतनी कृपा क्यों……

रतलाम रेल मंडल के इस विभाग कि यह चर्चा अब पश्चिचम रेलवे के मुख्यालय चर्चगेट पर भी काफी बनी हुई है कि आज तक विजलेंस जांच के बाद भी कर्मचारी को क्यों नहीं हटाया… कहानी अभी और भी हैं… चर्चाये जारी हैं… गोलमाल बड़ा हैं… तो और भीं खुलासे बाकी हैं..

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