रतलाम। जिस शहर का एक्यूआई लेवल खराब स्थिति में और कटते पेड़ों के कारण पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा हो वहां डोंगरे नगर पर सड़क निर्माण की आड़ में पेड़ों की कटाई की सचूना पर पर्यावरण प्रेमियों में हड़कंप मचा गया। सड़क के किनारे खड़े पेड़ों को आपसी खींचतान में कटवाने के लिए दो परिवारों की शिकायत के चलते पेड़ काटने की तैयारी भी कर ली गई।

हालांकि पर्यावरण प्रेमियों और अन्य लोगों ने वहां जाकर सभी पक्षों से बात की और अधिकारियों को भी सूचित किया। इसके बाद अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि यहां पेड़ों की कटाई नहीं होगी।
डोंगरे नगर में मेन रोड को बनाने का काम शुरु किया गया है। यहां सड़क की चौड़ाई करीब 30 फीट बनाई जा रही है। इसके लिए चूने की लाईन भी डाली गई है। यहां पीपल, नीम, कल्पवृक्ष जैसे पेड़ हैं जो चूने की लाईन के बाहर हैं। यानी ये सड़क निर्माण में कहीं से भी बाधक नहीं है। इसके बावजूद एक पट्टी से 4 पेड़ काट दिए गए जिनमें आम, जामून और नीम के पेड़ शामिल थे। अब सड़क की दूसरी पट्टी पर भी पेड़ काटने की तैयारी कर ली गई। इसकी सूचना मिलते ही अधिवक्ता एवं समाजसेवी अदिति दवेसर, बबीता नागर, शिल्पा जोशी, हेमा हेमनानी, पत्रकार अदिति मिश्रा आदि मौके पर पंहुचे।

उन्होंने तकनीकी जानकारी ली तो पता चला कि पेड़ सड़क निर्माण की अनुमति प्राप्त चौड़ाई में नहीं आ रहे हैं बल्कि सड़क के किनारे हैं। इसके बावजूद दो परिवारों की व्यक्तिगत शिकायत के चलते पेड़ काटने की तैयारी कर ली गई थी। हालांकि क्षेत्र के ही अधिकांश रहवासी पेड़ों की कटाई के खिलाफ हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा दबाव बनाए जाने पर पेड़ काटे जा रहे थे। पर्यावरण प्रेमियों द्वारा सम­ााने के दौरान भी वहां दोनों पक्षों की आपस में बहस भी हुई।


पेड़ काटना कानूनी रूप से अपराध
इस दौरान उन्हें बताया कि वृक्ष अधिनियम के तहत भी बिना अनुमति पेड़ काटना कानूनन जुर्म है जिसके लिए पैनल्टी और सजा भी हो सकती है। अत्यावश्यक होने पर यदि नगर निगम द्वारा पेड़ काटने की अनुमति जारी भी की जाती है तो एक पेड़ काटने के बदले 5 पौधे पहले ही दूसरे स्थान पर लगाए जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं पौधों की पांच साल तक पूरी देखरेख करना भी काटने वाले के लिए अनिवार्य है।


एक भी पेड़ नहीं कटेगा
पर्यावरण कार्यकर्ता अदिति दवेसर की शिकायत पर निगम आयुक्त ओपीएस गहरवार ने बताया कि डोंगरे नगर सड़क निर्माण के दौरान एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। यहां कोई भी पेड़ सड़क निर्माण में बाधक नहीं बन रहा है। ऐसे में बेवजह कटाई की अनुमति नगर निगम भी नहीं देगा। दूसरी ओर महापौर प्रहलाद पटेल को भी स्थानीय क्षेत्रवासियों ने पेड़ नहीं काटने की बात कहते हुए चर्चा की। इसपर महापौर ने भी आश्वस्त किया कि यहां पेड़ नहीं काटे जाएंगे

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