रतलाम कहते हैं काम करने का हौसला हो तो कोई भी बाधा पार की जा सकती हैं। रतलाम जिले की आदिवासी सैलाना विधान सभा सीट से भाजपा और कांग्रेस को पछाड़ कर चुनाव जीते निर्दलीय प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार राजनीति में एक विकल्प और संभावना बन कर सामने आए हैं। उच्च शिक्षित कालेश्वर बहुत ही गरीब परिवार से हैं। झोपड़ी में रहकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले ये शख्स मजदूरी करते हैं।

वृद्ध माता पिता भी खेती मजदूरी कर परिवार का पेट पालने में मदद करते हैं। कमलेश्वर के ऊपर करीब 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमे से 3 मामलो में वे निर्दोष रहे , बाकी मामले भी कमलेश्वर झूठे बताते है लेकिन वो मामले अभी न्यायलय में चल रहे हैं। कमलेश्वर डोडियार ने विधान सभा चुनाव भी करीब बारह लाख रुपए के कर्ज लेकर लडा और कांग्रेस उम्मीदवार को चार हजार वोट से पराजित कर भाजपा को तीसरे नंबर पर ला दिया। विधायक बने कमलेश्वर में अपने आदिवासी क्षेत्र के उत्थान में काम करने की ललक है। जनमत उनके साथ है जिन्हे विधान सभा तक पहुंचा दिया गया है। बुधवार को नव निर्वाचित विधायक कमलेश्वर डोडियार की भोपाल जाकर जरूरी कागजात जमा करवाना था , किसी चार पहिया वाहन की व्यवस्था नहीं हो सकी । चुनाव जीतने के बाद भी आर्थिक संकट से जूझते रहे। और अपने एक साथी के साथ बाइक पर सवार होकर ही भोपाल के लिए निकल पड़े। जो बाइक से ही बुधवार शाम भोपाल पहुंच गए हैं। भोपाल के रास्ते से बात करते हुए उन्होंने बताया मैं बहुत गरीब परिवार से हूं कार की व्यवस्था नहीं कर सका । बाइक से ही भोपाल जा रहा हूं। बाइक से ही विधान सभा पहुंचूंगा । मैं सरकार की हर योजना को अपने क्षेत्र में लागू करवा कर मेरे क्षेत्र का विकास करूंगा। शिक्षा, रोजगार, संपन्नता, स्वास्थ्य मेरा उद्देश्य है।

By V meena

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