रतलाम लो विधानसभा चुनाव की रंगत का पारा चढ़ने लगा है। इस चुनाव में उम्मीदवार अपने उप नाम को चर्चित कर जंग जीतने के लिए मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। रतलाम शहर में फूल छाप के भैय्याजी ने तो हर एक मुंह ओ भैयाजी को चढ़ा दिया है। अब तो घरों में महिलाएं भी ओ भय्याजी , ओ भैय्याजी हमारे भैय्याजी गुनगुनाती सुनाई पढ़ती है। गली मोहल्लों में बच्चे भी अपनी शरारत में ओ भैयाजी कहते है। यह लोकप्रिय होकर चर्चाओं में हैं। फिर इस बार नए कलेवर में आए पंजा छाप के दादाजी अभी चुनावी प्रचार में आकर्षण का केंद्र पहले की तरह नहीं बन सके है, लेकिन पंजा छाप के युवा और हंसमुख चेहरा बेटा जी की बैसाखी पर दांव मारने में लगे हैं लेकिन मलाल तो इस बात का है कि दादाजी के पुराने तजुर्बे जनता ने देख रखे हैं।

जनता अब हर कदम फूंक फूंक कर रख रही है क्योंकि दादाजी की राजनीति का इतिहास गंवा है। रतलाम ग्रामीण की बात करने तो यहां चुनावी दंगल में हर एक मुंह “बा” राम राम की तर्ज पर इस्तेमाल किया जा रहा है। बा फूल छाप से है तो ग्रामीण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी टीस लिए डॉक्टर साहब घूम रहे हैं। इन डॉक्टर साहब को पंजा छाप बनना था लेकिन एक सरकारी साहब ने पंजा छीन कर इन डॉक्टर साहब टीस जरूर दी है लेकिन सरकारी साहब से कहीं अधिक डॉक्टर साहब भारी है। जावरा के चुनावी दंगल में एक पुराने राजू भैया वाले डॉक्टर साहब पंजा छाप की बगावती तेवरों वाली लड़ाई में जीत के सेहरे की तरफ देख रहे हैं। यहां पंजा छाप के उम्मीदवार पर एक तरफ बाहरी होने तो दूसरी तरफ एक का टिकट कटवा कर टिकट लेने के खतरे भीतरघात का अंदेशे की तरफ इंगित कर रहे हैं। यहां त्रिकोणीय मुकाबले में जावरा के विकास का जीवन शेरो की तरह घूरते हुए पंजा छाप और फूल छाप के लिए संकट खड़ा कर रहा�
अब बात करे तो आलोट की यहां के चुनावी दंगल में फूल छाप ने एक राजनीति के पुराने स्पेशलिस्ट डॉ को उतारा है। उनके सामने पंजा छाप के भगोड़ा आरोपी से चर्चित नट्टू काका है, लेकिन इन नट्टू काका को पुराने पहलवान गुड्डू भैया ने नाक में दम कर रखा है। जिससे नट्टू काका चिंता में है और मन, जीत के सेहरे की तरफ आंख लगाए बैठे हैं। सैलाना विधान सभा में चुनावी जंग बहुत विचित्र है कोई दावा नही कर सकता की ऊंट किस करवट बैठेगा क्यों की मालवा के गांधी के साहबजादे गुड्डू भैया अपनी सीट पक्की समझ बैठे हैं, फूल छाप की दीदी सरकारी योजनाओं के सहारे बजी मारने के फिराक में लेकिन आरोपों में घिरे होने के बाद भी एक निर्दलीय ऐसा कमाल दिखा रहा है जो पंजा छाप और फूल और के वोट बैंक को नुक्सान करता नजर आ रहा है।

By V meena

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