
रतलाम
शहर के एक पुलिस थाने के बड़े साहब दो लाख रुपए में बिक गए , ऐसी चर्चा थाने से निकल कर बाहर आ गई जो मीडिया के कानों तक पहुच गई । सूत्रों का कहना है कि शहर का एक युवक जो गुजरात मे क्रिकेट खेलता है को पुलिस ने क्रिकेट का सट्टा करते हुए रविवार की रात को हो रहे मैच के समय पकड़ा । लेकिन मोटा सुविधा शुल्क का ऑफर स्वीकार होते ही थाने के साहब ने कहानी ही बदल दी। साहब ने न केवल क्रिकेट की जगह पर्ची वाला सट्टा का केस बना दिया बल्कि मुलजिम को ही बदल दिया । जिस क्रिकेट खिलाड़ी को पकड़ा था उसके एवज में एक अन्य युवक को मुलजिम बना दिया। इतना ही नही नए मुलजिम का जो जुंआ , सट्टा का प्रकरण दर्ज किया उसमें पुलिस ने तकनीकी गलती कर दी । एक पुराने सटोरिये (नाम नही बताने की शर्त पर जानकारी दी) के मुताबिक पुलिस के साहब ने प्रकरण बनाया है उसमें जो घटना का समय जो दर्ज किया गया है उस समय सट्टा बन्द रहता है, क्यो की घटना जिस दिन की है उस दिन रविवार है और रविवार को सट्टा का केवल एक शो दिन में खुलता है। जबकि पुलिस के साहब ने घटना का दिन 9 अप्रैल रविवार समय रात 23.15 बजे बताया है। उस समय सट्टा बंद रहता है तो अंक पर्ची वाला सट्टा कैसे यह मुलजिम लिखते हुए पकड़ा जा सकता है, यह सवाल विचारणीय है .? अब सवाल पर विचार करे तो कौन?