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*बिना कार के 4 फायदे*
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▪️पैदल चलना होगा
▪️सिटी ट्रांसपोर्ट बढेगा
▪️वायु प्रदूषण होगा कंट्रोल
▪️हजारों लीटर ईंधन बचेगा
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*महसूस करने वाली 4 बातें*
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▪️बिना कार शहर कैसा दिखेगा
▪️बिना कार कैसा महसूस होगा
▪️बिना कार ट्रेफिक पर असर
▪️ कार का कितना इंर्पोटेंस है
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इंदौर 22 सितम्बर की तारीख तो हर साल आती है, लेकिन इस दिन कौन सा दिवस मनाया जाता है ये बहुत कम लोग जानते होंगे, इस दिन विश्व गाड़ी मुक्त दिवस यानी नो कार डे मनाया जाता है।  इसका मतलब यह है की कार चालकों को एक दिन के लिए अपनी कारें घर पर छोड़कर काम पर जाए। एक दिन कार नहीं चलाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा की वायु प्रदुषण में कमी और सुरक्षित वातावरण में पैदल चलने या साइकल चलाने को बढ़ावा मिलेगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इंदौर एक नई दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है। महापौर, कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर ने मिलकर  सामूहिक रूप से
एक सार्थक पहल करते हुए शहर में नो कार  डे दिवस  मनाने का  स्वागत योग्य फैसला लिया है। इंदौर में पहली बार यह अनूठा अभियान चलाया जाएंगा। इस सामूहिक प्रयास को सफल बनाने में नगर निगम  और जिला प्रशासन के अफसरों के साथ  पर्यावरण प्रेमी भी इसमें जुटे हुए हैं । इस इस अनूठे अभियान के लिए महापौर पुष्य मित्र भार्गव और कलेक्टर टी इलिया राजा और कमिश्नर हर्षिका सिंह ने शहर के  नागरिको व सहयोगी संस्थानो से अपील की है कि वह इस अभियान में जुडकर शहर के एयर क्वालिटी इण्डेक्स को सुधारने के साथ ही स्वास्थ्य के प्रति अपनी सजगता दिखाकर ई बाईक, सायकल, सिटी ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें।
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*ऐसा अनूठा अभियान*
*प्रदेश में कभी नहीं हुआ*
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विश्व गाड़ी मुक्त दिवस यानी नो कार डे को लेकर कई लोगों के मन में यहीं सवाल उठ रहा है की एक दिन कार नहीं चलाने से वायु प्रदुषण कम हो जाएंगा क्या। इससे क्या फायदा होगा। फायदा कितना होगा ये तो बताना मुश्किल है लेकिन इंदौर मुख्य कर्ताधर्ताओ  ने एक नई शुरुआत की है, जो हम सब के हित में है। इस अभियान से इंदौर मप्र का पहला शहर होगा जहां पर नो कार डे मनाया जाएगा। कहते हैं कि सामूहिक प्रयास से ही सफलता मिलती है. स्वच्छता इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। नो कार डे भी एक चुनौती पूर्ण अभियान है, जिसे सफल करने के लिए
पिछले कुछ दिनों से लगातार नगर निगम कमिश्नर और निगम के सारे अधिकारियों कर्मचारियों तथा कलेक्टर अपनी पूरी टीम के साथ अभियान को सफल करने में जुटे हुए हैं।
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*ईंधन बचेगा, सिटी*
*ट्रांसपोर्ट का उपयोग*
*ज्यादा होगा*
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महापौर का यह अभियान भले ही फ्लाप हो जाए , लेकिन पूरे देश में एक सकारात्मक मैसेज तो जाएगा , पूरे देश में जो शहर स्वच्छता में शीर्ष स्थान पर है, वह शहर में स्वच्छता के साथ साथ अब स्वास्थ्य में भी पहले नम्बर के लिए दिशा तय कर ली है। इंदौर को नई दिशा में ले जाने के लिए महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने 22 सितम्बर को नो कार डे दिवस मनाने का जो निर्णय लिया है उसमें पूरे शहर को साथ देना चाहिए। निश्चित रुप से महापौर की अपील काम करेंगी और कार चालक अपनी कारें घर रखकर पैदल, ई बाईक, सायकल, सिटी ट्रांसपोर्ट का उपयोग करेंगे। साथ ही हजारों लीटर ईंधन भी बचेगा।
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*वायु प्रदूषण को*
*कम करने का*
*शानदार अवसर*
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स्वच्छता में डंका बजाने वाले इंदौर शहर को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए शानदार अवसर मिला है। इस अवसर को भूनाने के लिए महापौर और उनकी पूरी टीम तैयार है। इस अभियान को सफलता दिलाने के लिए शहर के तमाम कार मालिकों और कार चालकों को मैदान में उतरा पड़ेगा।
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*बिना कार के केसा*
*दिखेगा शहर*
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विश्व गाड़ी मुक्त दिवस (वर्ल्ड कार फ्री डे ) वाले दिन अगर हम कार नहीं चलाए तो  इस बात का प्रदर्शन हो सकता है की साल के 365 दिन हमारे शहर कार के बिना कैसा दिखता है, बिना कार के शहर में कैसा महसूस होता है और और शहर कैसे लगेगा। इन सब का प्रदर्शन देखने के लिए शहरवासियों को इस अभियान में हिस्सा लेना पड़ेगा।
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