रतलाम खजुराहो के विश्वसंरक्षित मंदिरो के आसपास का क्षेत्र नो फ्लाईंग जोन घोषित हो गया है। इसकी घोषणा केंद्रीय नागरिक उड्डयन विभाग ने की है। खजुराहो के मंदिरों के क्षेत्र को नो फ्लाइंग झोन घोषित करने की मांग 7 दिन पहले रतलाम के समाजसेवी अनिल झालानी ने की थी।


विगत दिनों समाचार पत्रों में प्रकाशित यह समाचार कि खजुराहो में एशिया का सबसे बड़ा हेलीकॉप्टर ट्रेनिग सेन्टर खुलेगा। इस समाचार को आधार लेकर 17 मार्च 2023 को सामाजिक कार्यकर्ता अनिल झालानी ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को पत्र लिखकर इस बात की चिंता जाहिर की कि ट्रेनिंग के दौरान विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होना आम बात रहती है। अतः यदि कोई अनहोनी हुई तो खजुराहो के विश्व प्रसिद्ध एवं पुरातात्विक संरक्षित ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के धरोहर रूपी संरक्षित मंदिरों के क्षतिग्रस्त या खंडित होने का खतरो का सदैव अंदेशा बना रहेगा।

श्री झालानी ने आगाह व आपत्ति दर्ज करते हुए सुझाव दिया कि ट्रेनिंग सेंटर अन्यत्र स्थानान्तरित किया जा, अथवा ट्रेनिंग सेन्टर के स्थल का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना जाए कि इन मंदिरों से पर्याप्त दूरी हो अथवा यूनेस्को की सूची में दर्ज मंदिरों के आसपास का क्षेत्र ‘नो फ्लाइंग जोन‘ घोषित किया जाए।

श्री झालानी ने अपने स्वांतः सुखाय अभियान के अंतर्गत इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करी, कि सरकारी स्तर पर इस पत्र व्यवहार को गंभीरता से लेकर के तत्काल संज्ञान में लेते हुए पिछले सप्ताह भारतीय पुरातत्व विभाग को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मंदिर के ऊपर से विमानों की उड़ान को प्रतिबंधित कर मंदिरो या इसके आसपास के क्षेत्र के साइलेंट जोन बनाते हुए उसका कड़ाई से पालन करने का वचन दिया है तथा संरक्षित मंदिर के क्षेत्र को नो फ्लाईंग जोन द्योषित किया है।

By V meena

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