
भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है लेकिन बदलते समय के साथ पार्टी अपने कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ नेताओ को हाशिये पर रखने की भूल कर चुकी हैं । चूंकि अब विधानसभा चुनाव नजदीक है और एक सर्वे ने भाजपा की नींद उड़ा रखी है , अब भाजपा अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिशों में लग गई है । निगरिय निकाय चुनाव में भाजपा का तेजी से कम हुआ वोटो का ग्राफ देख अब पार्टी रतलाम शहर में तहकीकात करने जाजम बिछाने में जुटी हैं । इसी जाजम पर गत दिनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बिठा कर
रतलाम दौरे पर आए भाजपा क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन किया तो वरिष्ठों की नाराजगी फूटने में देर नही हुई । बन्द कमरे की चर्चा जब बाहर आई तो खबर मिली कि पार्टी जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लूनेंरा हर एक के निशाने पर है । अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी उनका पद से चिपके रहना किसी के गले नहीं उतर रहा है । वैसे भी कहा जाने लगा है कि वो पार्टी के नही माननीय के कृपापात्र होने से रबर स्टैम्प की तरह जिलाध्यक्ष है । बस क्षेत्रीय संगठन मंत्री को बैठक में एक के बाद एक ने जमकर शिकायत कर जिलाध्यक्ष लूनेंरा जी की लू उतार दी और संगठन के नियमो को भी कटघरे में खड़ा कर दिया । और भविष्य के परिणामो के संकेत भी दे दिए । संगठन मंत्री भी इन शिकायतो की सच्चाई देख आश्चर्य में पड़ गए और जल्द नए समीकरण बनने का भरोसा दिला गए । इस भरोसे से यह साबित हो गया कि अब लूनेंरा जी की बिदाई तय है । शिकायत के इस दौर में जिलाध्यक्ष के कार्यकलापों के साथ ही आचरण तक कि बाते होने में देर नहीं हुई जो अब भोपाल तक पहुंच कर रतलाम की राग दरबारी की तरह अलाप होने लगा है । खबरची बताते है कि भोपाली संगठन को शहर में भाजपा को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह बना कर कृपापात्रों और माननीय के सामने मूक बधिर बन कर रहने वालों को ही रेबड़ियाँ बांटने के खेल में ही पार्टी की गुटबाजी तेजी से बड़ी है जिसने निकाय चुनावों में पार्टी का ग्राफ घटाया है जो शायद विधानसभा के लिए सबक हो सकता है , जैसी शिकायते भी पहुंची है । 】
■ एक तीर से कोठारी के कई निशाने
जननेता हिम्मत कोठारी की सख्त और खरी कार्यप्रणाली से हर एक परिचित हैं । गत दिनों बिना तथ्यों को परखे कॉलोनीनाइजरो के खिलाफ हुई कार्यवाही से नाराज़ पूर्व मंत्री कलेक्टर से मिलने जा पहुंचे , बन्द कमरे की चर्चा में कलेक्टर को उन्होंने नसीहतें भी दे डाली , लेकिन बाहर आते ही मीडिया को दिए बयान में कहा “अब हिम्मत कोठारी अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा “। कोठारी के ये दो टूक शब्दों को हर एक अपने नजरिये से देख रहे है । भाजपा की राजनीति में चर्चा है कि सेठ ने एक तीर से कई निशाने लगाए हैं । प्रशासन को नसीहतें दी है तो भाजपा संगठन जो चल रहा है उसे भी इंगित कर दिया है कि भाजपा को जिन उद्देश्य और अनुशासन के साथ बनाया था उसके साथ खिलवाड़ कर मत खेलो , पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाया तो भुगतने को तैयार रहे । ऐसे में शनिवार को मुख्यमंत्री का रतलाम दौरा भी है , इस दौरे में भी सेठ की नाराजगी सीएम के कानों तक पहुंच सकती हैं । हालांकि कहा जा रहा है कि भोपाल संगठन से लेकर सत्ता तक तो उनकी नाराजगी पहुंची गई हैं …?
■ कप्तान कहे ” फील गुड “
जिले में नवागत पुलिस कप्तान ने भी कुर्सी सम्हाल ली । और कप्तान फिलहाल पुलिस की कार्यप्रणाली , अपराथो को समझ रहे है । इसी बीच सीएम साहब का दौरा आ गया जिससे माइक वन सुरक्षा व्यवस्था में जुटे हैं । सीएम साहब के जाने के बाद नए कप्तान , अपनी कप्तानी दिखाने में जुटेंगे , जिसमे शहर के थानों के कप्तान भी बदलने की संभावना है । नए वित्तीय वर्ष में हिसाब किताब बिगड़ने के खतरे को देख टीआई साहब लोग सक्रियता दिखाने के तरीके ढूंढने में लगे हैं कि पुलिस कप्तान ” फील गुड ” महसूस करें और उनके थानों की सर्जरी होने से बच सके । एक टीआई साहब ने जुंआ पकड़ा वह भी सात लोगो से दो हजार का बताया , तो दूसरे थाने के टीआई साहब ने चाकूबाजीयो का जुलूस निकाला और जिला बदर आरोपी को अपने थाना क्षेत्र में घूमते पकड़ा । हर एक थाना कप्तान अपनी सक्रियता बताने में लगा है क्योंकि खतरा अभी टला नही है सीएम साहब के जाने के बाद नए पुलिस कप्तान कब किस थाने के कप्तान को बदल कर बजट बिगाड़ दे ….?