रतलाम,IV NEWS प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था लागू है । पंचायतों की गांव सरकार फैसला कर विकास को गति देते है । बावजूद इसके पंचायत सचिव की मनमानी ही हावी रहती हैं जो सुसाशन को पलीता लगाने में लगे रहते हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत पलास का सामने आया है जहां सचिव ने अब तक ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठक ही नहीं की ।

इस पंचायत के सचिव भेरूलाल मुनिया है जो भ्रष्टाचार और अनिमित्तता के आरोपों में घिरे हैं। ग्राम पंचायत पलास के सरपंच , पंच से लेकर हितग्राहियों तक ने उनके कारनामों और उदासीनता की कलेक्टर से लेकर जिला पंचायत और सीएम हेल्प लाइन तक में शिकार कर रखी है। इतना ही नहीं पंचायत में किए जा रहे विकास कार्य में गुणवत्ता और सचिव की मनमानी की शिकायत करते हुए सूचना के अधिकार में अप्रैल 2023= में जानकारी भी मांगी गई, लेकिन अब तक वह जानकारी भी नही दी गई।


हितग्राही और पंचायत के निर्वाचित सदस्य जन सुनवाई में भी कलेक्टर को शिकायत कर चुके है। बावजूद सचिव भेरूलाल मुनिया को कोई डर नही है वो कहते है जहां शिकायत करना हो कर दो । ग्राम पंचायत पलास के हितग्राही बताते है सचिव पीएम आवास की किश्त भी खाते में नही डलवा रहा है, जिससे मकान निर्माण अधूरा पड़ा है। किस्त के लिए एक हजार रुपए से पांच हजार रुपए तक की मांग करता है। वही लाडली बहना योजना में भी महिलाओ के फार्म नही भर रहा है, खर्चे के दो – दो सौ रुपए की मांग करता है।

ग्राम पंचायत पलास की सरपंच आरती राहुल राडोदिया ने कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को शिकायती पत्र लिखकर सचिव भेरूलाल मुनिया को पलास पंचायत से हटाने की मांग की है। सचिव मुनिया द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत पंच मोहन लाल भाभर, हितग्राही बापूसिंह निनामा, बद्री, गीता, सुगनाबाई, नंदू , रूपा बाई, नाथी बाई ने करते हुए बताया सचिव को पैसे नहीं दिए तो वह पी एम आवास की किस्त खाते में जमा नही करवा रहा जिससे मकान अधूरा पड़ा है, छत नही डाल पा रहे हैं।

बताया जाता है कि इस पंचायत के सचिव खुद ठेकेदारी में लग कर शासन की कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर चुना लगा रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों को इन योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है तो ग्रामीण कैसे मनाए विकास पर्व … कैसा विकास पर्व जिसे पंचायत सचिव विनाश पर्व बना कर सिर्फ अपनी स्वार्थ सिद्ध में लगे हैं।

By V meena

error: Content is protected !!