रतलाम ivnews शहर में गोमाता के नाम सिर्फ राजनीति होती आ रही है । लेकिन जब जब गोमाता पर संकट आते है ऐसे लोग नजर नही आते है । गोमाता के नाम पर तथाकथित गौ पालकों सिर्फ अपना कारोबार चलते है जिनकी क्रूरता और विभत्स रूप की पोल बुधवार को खुलती नजर आई । एक तरफ मुख्यमंत्री गोमाता के उपचार के लिए एम्बुलेंस चलाने की बात करते हैं , दूसरी तरफ अपने आप को गो सेवक कहने वाले गोमाता की सुरक्षा तक नही कर पाते है । टीआईटी रोड गली में बछड़े के जन्म देने के बाद खुले में पड़ी एक गाय को कुत्तों ने नोच लिया। घायल गाय तड़प तड़प कर मर गई। घटना के बाद पुलिस ने नगर निगम के प्रतिवेदन पर गोपालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
खबर के मुताबिक टीआईटी रोड पर डॉ. राजेश पाटनी के घर के सामने खाली पड़े खंडहर नूमा बाउंड्रीवाल के अंदर से बदबू आने के बाद डॉ. पाटनी ने भाजपा नेता रवि जोहरी और पार्षद योगेश पापटवाल को फोन लगाकर बुलाया। मौके पर पाया कि गाय का पेट पूरी तरह फटा हुआ था और अत्याधिक रक्तस्त्राव हो रहा था। गाय उस समय तक प्राण त्याग चुकी थी। एमआईसी सदस्य विशाल शर्मा, नगर निगम कर्मचारी शैलेंद्र गोठवाल भी सूचना पर पहुंचे और नगर निगम के अमले को बुलवाया गया। खंडहर का दरवाजा चौड़ा नहीं होने से नगर निगम की जेसीबी भी बुलवाई गई, लेकिन पुलिस के पहुंचने पर स्पष्ट हुआ कि दीवार निजी होने से दीवार नहीं तोड़ी जा सकती। गाय को एक दरी की मदद से घसीटकर किसी तरह बाहर लाया गया।
गाय की हालत खराब होने पर छोड़ गए।
रवि जोहरी और पापटवाल ने बताया कि पास में गौ पालन करने वाले व्यास परिवार से बछड़े को ले जाकर दूध पिलवाने के लिए कहा गया था। हालांकि उसी क्षेत्र के लोगों ने बताया कि गाय भी उनकी ही थी। वो बछड़ा ले गए लेकिन गाय की हालत खराब होने पर छोड़ गए। बाद में पुलिस और एमआईसी सदस्य शर्मा, जीव प्रेमी और एडवोकेट शिल्पा जोशी आदि ने बाड़े में जाकर देखा तो वह बछड़ा लगभग उसी अवस्था में था, जिस अवस्था में गाय के पास पड़ा था। साथ ही पतरे के नीचे गंदगी में अन्य 4-5 गौवंश के बच्चे भी बंधे थे। किसी भी गौवंंश पर न तो टैग था, न कान पर निशान। बाड़े में गंदगी पर नाराजगी जताते हुए जीवप्रेमी पुलिस की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर बछड़े को गौशाला ले गए।


मामले में मीडिया के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को खबर मिली तो उन्होंने संवेदना दिखाई। मौके पर पंहुची निगम और पुलिस टीमों ने पंचनामा बनाया। जीव प्रेमियों ने गाय के तथाकथित पशु पालक के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने की मांग की। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में केवल दूध निकालने के समय गाय को बांधकर खिलाया जाता है। बाकि समय गौवंश बाहर विचरण करता, खाता, पीता है। इस गाय को भी गर्भावस्था में भी बाहर छोड़ दिया जाता था, जिससे इसका यह हाल हुआ।
पहले भी हो चुका है इसी तरह का मामला
टीआईटी रोड पर इसी स्थान पर दो साल पहले भी इसी तरह का मामला हो चुका है। जीव मैत्री परिवार के प्रकाश लोढ़ा बताते हैं कि कोविड काल में भी एक गाय ने बच्चे को जन््म दिया था। इसके बाद कुत्तों द्वारा घायल कर दिया गया था। तब भी यहीं पर बछड़े को गौशाला भेजा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये तथाकथित गौपालक गौवंश का खुलकर शोषण कर रहे हैं।
दर्ज हुई एफआईआर
नगर निगम के स्वास्थ विभाग अधिकारी एपी सिंह ने बताया कि गाय के साथ हुए दुर्वव्यहार, लापरवाही और मौत पर नगर निगम द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गयी है। इसके लिए उनकी ओर से दो बत्ती थाने पर पत्र भी लिखकर भेजा, जिसपर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।

By V meena

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