
रतलाम। क्या रतलाम शहर के भूमाफिया प्रभावशील है । क्या जिला प्रशासन ने राजनेतिक प्रभाव में ऐसे भूमाफियाओं के सामने घुटने टेक दिए हैं , जैसे अनेको सवाल शहर की जनता प्रशासन और सरकार से पूछ रही है । जिला प्रशासन ने अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्यवाही कर वाहवाही लूटी है लेकिन शहर की अवैध कॉलोनियों को नजरअंदाज करना प्रशासन की कार्यवाही को कटघरे में ही खड़ा करता है ।
जिले में अवैध कॉलोनी को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है। जावरा और पिपलोदा में 48 कॉलोनाइजर के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया है। जावरा में जिला प्रशासन के निर्देश पर लगातार कार्रवाई हो रही है वही रतलाम शहर में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होना सवाल में ही घिरा है आखिरकार कार्यवाही से यहां परेहज क्यो ? सनद रहे कि कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी द्वारा जावरा में दौरे के दौरान अवैध कॉलोनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पिछले दिनों 6 अवैध कालोनाइजरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए थे। बुधवार को फिर जावरा शहर थाने में जावरा सीएमओ की शिकायत पर 14 स्थानों पर काटी गई कॉलोनी के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है।
■ इन कलोनीनाइज्रो पर हुई कार्यवाही
ईदगाह रोड, नरसिंह कॉलोनी, जैन कॉलोनी नया मालीपुरा, अरब साहब कॉलोनी, सांवरिया एक्सटेंशन, फुलशाह दाता कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, कृष्णा कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनी शामिल है। जावरा शहर थाने में 41 लोगों के खिलाफ मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। वही पिपलोदा थाने में भी नांदलेटा रोड पर कटी कॉलोनी के मामले में 7 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। लेकिन रतलाम शहर में बड़ी कार्यवाही से प्रशासन बच कर चल रहा है जो शंकाओं को ही जन्म दे रहा है ।