भोपाल,
सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श के उद्देश्य से भोपाल के होटल कोर्टयार्ड मैरियट में 29 से 31 मई 2023 तक पहली ‘विजन जीरो समिट’ का आयोजन किया जा रहा है। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन समारोह 29 मई को शाम 4 बजे से आयोजित किया गया। इस अवसर पर माननीय गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि और डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि नागरिकों की जान बचाने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान किए जाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मैनिट, भोपाल के डीन डॉ. मनमोहन कापसे ने की । समिट को परिवहन आयुक्त श्री एस.के.झा एवं मैनिट के डायरेक्टर डॉ.रमाशंकर वर्मा ने संबोधित किया। इस अवसर पर पीटीआरआई एडीजी श्री जी.जनार्दन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए करना होगा मंथन :- गृहमंत्री श्री मिश्रा
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है और हमारी तैयारी उतनी नहीं है, जितनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अक्सर मोबाइल पर बात कर वाहन चलाने वाले, तेज गति से वाहन चलाने वाले, नशे में वाहन चलाने वाले, सिग्नल तोड़ने वाले, बिना हेलमेट व सीट बेल्ट पहनकर वाहन चलाने वाले नजर आते हैं। इन पर लगाम कसने के लिए सख्त कानूनी प्रावधान किए जाने आवश्यक हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। युवाओं के दुर्घटना में मृत या घायल होने का बड़ा कारण तेज गति है, जिस पर नियंत्रण आवश्यक है। हमें ऐसे बिंदुओं पर विचार करना होेगा, जिससे प्रभावी रूप से सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और लोगों का जीवन बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि पहली बार हो रही विजन जीरो समिट के सकारात्मक परिणाम सामने आएं, इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे। सड़क सुरक्षा राष्ट्रीय मुद्दा है। इस समिट में देश के विभिन्न स्थानों से बुद्धिजीवी और विद्वान आए हैं, जो अपने क्षेत्रों में यहां होने वाले विचार-विमर्श को लागू कर सकें। इस समिट के दौरान हुए मंथन से जो अमृत निकलकर आएगा, उसका सिंचन संपूर्ण देश में होना चाहिए।

एजुकेशन, इंजीनियरिंग, एन्फोर्समेंट और इमरजेंसी केयर से मिलेगा विजन जीरो:- डीजीपी श्री सक्सेना
डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना ने कहा कि सड़क सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यह आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा है। विजन जीरो कहता है कि कोई मृत्यु न हो, कोई दुर्घटना न हो। यदि हमें विजन जीरो लागू करना है तो हमें विजन जीरो की फिलॉसॉफी निश्चित करनी होगी। हमें माइंडसेट चेंज करना होगा। हमें हर व्यक्ति को यह विश्वास दिलाना होगा कि मानव जीवन बहुमूल्य है। सड़क सुरक्षा हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। हमें चार “ई” पर काम करना होगा और ये चार ई हैं- एजुकेशन, इंजीनियरिंग (रोड और ऑटोमोबाइल), एन्फोर्समेंट और इमरजेंसी केयर। यह विजन जीरो की ओर जाने की होलिस्टिक एप्रोच होगी।
उन्होंने बताया कि विश्व में एक साल में लगभग 13 लाख लोगों की मृत्यु होती है और 5 करोड़ लोग घायल होते हैं। इन में 90 प्रतिशत मृत्यु लो और मिडिल इनकम वाले देशों में होती है। सड़क दुर्घटनाओं में यूएसए प्रथम स्थान पर है, वहीं भारत दूसरे स्थान पर हैं, परंतु सर्वाधिक मृत्यु हमारे देश में होती हैं, जो कि अत्यंत खराब स्थिति है। 2021 में हमारे देश में दुर्घटनाओं से लगभग डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु हुई। मृत्यु से परिवारजन को जो दुख और पीड़ा होती है, वह तो है ही, लेकिन उसके साथ ही आप अंदाजा लगाइये कि हमारी जीडीपी का लगभग 4 प्रतिशत कम होता है। सड़क दुर्घटनाओं में 18 से 45 वर्ष के 67 प्रतिशत लोग प्रभावित होते हैं। अक्सर यह होता है कि सड़क पर किसी घायल व्यक्ति को देखकर, लोग मदद करने से कतराते हैं। यह सोच बन गई है कि कौन पुलिस के चक्कर में पड़े, परंतु अब शासन ने गुड सेमेरिटन स्कीम शुरू की है। इसके अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति घायल को अस्पताल पहुंचाता है तो उसे इनाम दिया जाएगा। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने और लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है, ताकि गोल्डन ऑवर में घायलों की सहायता कर उनका जीवन बचाया जा सके।

दुर्घटनाओं को लेकर चिंतन की आवश्यकता :-
समिट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए परिवहन आयुक्त श्री एस.के.झा ने कहा कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर चिंतन किए जाने की आवश्यकता है। तीन दिन आयोजित होने वाली इस समिट में होने वाले मंथन से हम मध्य प्रदेश को सुरक्षित बनाने में और बेहतर तरीके से योगदान दे पाएंगे। इस अवसर पर मैनिट के डायरेक्टर डॉ. रमाशंकर वर्मा ने कहा कि ‘विजन जीरो समिट’ में देश के अलग-अलग हिस्सों से शोधार्थी आए हैं। इस समिट में तीन दिनों तक होने वाले विचार मंथन के सार्थक परिणाम जरूर सामने आएंगे। उद्घाटन समारोह के अंत में मैनिट के डीन डॉ. मनमोहन कापसे ने आभार व्यक्त किया।

विजन जीरो समिट’ का उद्देश्य :-
समिट का उद्देश्य मैदानी अधिकारियों को प्रभावी यातायात प्रवर्तन एवं नियंत्रण संबंधी सलाह देना है, जिससे सड़क सुरक्षा में नई पहल के साथ काम करने में सहूलियत हो । इस सम्मेलन में भारतीय विज्ञान संस्थान (IIS) बेंगलुरु, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI), नई दिल्ली, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) जैसे भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों, नीति निर्माताओं, अनुसंधान विद्वानों और चिकित्सकों और प्रशासकों द्वारा अपने विचार रखे जाएंगे। इस कार्यक्रम में सेव लाइफ फाउंडेशन, राहगिरी फाउंडेशन और ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च ग्रुप (TRG) इंडिया जैसे सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठनों की भी उत्साहपूर्ण भागीदारी रही। राष्ट्रीय समिट में बुकलेट “विजन जीरो-2023, रोड सेफ्टी” का कवर पेज लांच किया गया। बताया गया कि बुकलेट में समिट में प्रस्तुत किये जाने वाले सभी शोध-पत्र शामिल किये जायेंगे। इसका प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन संस्थान ब्लूमबेरी द्वारा किया जायेगा।

परिचर्चा में इन्होंने रखे विचार :-
समिट के पहले दिन उद्घाटन समारोह के पूर्व ‘रोड टू जीरो एक्सीडेंट्स’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में आईएसटी लैब, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु के डॉ.आशीष वर्मा, एसपीए, भोपाल के डॉ. मयंक दुबे, नगारो आईएनसी के सीईओ श्री मानस ह्यूमन ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में डॉ.राहुल तिवारी और श्री कार्तिक खोखर ने समन्वयक की भूमिका निभाई।समिट के दूसरे दिन मंगलवार 30 मई को सड़क सुरक्षा विषय पर शोध और प्रजेंटेशन प्रस्तुत किए जाएंगे।

By V meena

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