अद्वितीय है निर्माणों में, गुरुओं का निर्माण
जिनने फूँके चलती−फिरती प्रतिमाओं में प्राण॥* गुरु मेरा अनमोल गुरु पूर्णिमा पर विशेष ( पण्डित जय किरण शर्मा )
जल बिना जीवन नहीं, गुरु बिना नहीं है ज्ञान ।जल धोए तन का मैल, गुरु मिटाएं अज्ञान ।कबीरा ते नर अँध है, गुरु को कहते और ।हरि रूठे गुरु ठौर…