रतलाम कलेक्टर कार्यालय में आज पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक ने जमकर हंगामा मचाया। हंगामा कर रहे इस अधिकारी को भाजपा जिला अध्यक्ष ने लताड़ भी लगाई। हंगामा करने की वजह इनके ही अधीनस्थ कुछ कर्मचारी इनके खिलाफ शिकायत लेकर कलेक्टोरेट पहुचे थे। तभी यह भी पहुचे ओर उन्हें देखकर हंगामा करना शुरू कर दिया था।

लगभग दस मिनिट तक उपसंचालक पशु डी के जैन का हंगामा चलता रहा। भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंदसिंह लुनेरा के सामने भी तेज आवाज में हंगामा करने लगे। भाजपा जिला अध्यक्ष ने उपसंचालक पशु को जमकर लताड़ लगाई। उल्लेखनीय है कि उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग डी के जैन के आडियो पिछले दिनों वायरल हुई थी। आडियो में ये अपने अधीनस्थ कर्मचारी से ही दो हजार रुपये की मांग कर रहे थे। इस आडियो के वायरल होने के बाद भी उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग डी के जैन के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हुई थी।

इनसे परेशान अधीनस्थ कुछ कर्मचारी आज दोपहर को कलेक्टोरेट कार्यालय पहुचे। यहां ये कर्मचारी दिशा समिति की बैठक में शामिल होने आ रहे क्षेत्र के सांसद गुमानसिंह डामोर से मिलने वाले थे। लेकिन उसके पहले ही उपसंचालक डी के जैन भी कलकेटोरेट पहुच गए। अपने द्वारा शिकायत करने की जानकारी मिलने पर हंगामा करने लगे। उसी समय पहुचे भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंदसिंह लुनेरा के सामने भी उपसंचालक श्री जैन तेज आवाज में बोलते हुए हंगामा करने लगें । इस पर भाजपा जिला अध्यक्ष ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई। भजापा जिला अध्यक्ष की लताड़ के बाद उपसंचालक श्री जैन चले गए।


हंगामा करने वाले पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डी के जैन ने मीडिया से चर्चा करते हुए काफी गंभीर आरोप सरकार पर लागाये। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार से स्वर्ण परेशान ओर पीड़ित है। सरकार में ट्रांसफर का 2 लाख रुपया लगता है। हालांकि उसने पैसे नही दिए है। लेकिन सरकार में पैसा चलता है। इस तरह के ओर भी आरोप जैन ने लगाए है। मीडिया कर्मियों से चर्चा करते हुए पशु चिकित्सा उपसंचालक डॉ ड़ी के जैन ने कहा कि मुझे रिश्वत से कोई मतलब नहीं है बस मेरे कर्मचारी समय पर काम करें मेरे खिलाफ ऑडियो वायरल हुआ वह पूर्णता झूठा है ऑडियो में हमने उसको ₹7000 वह हमारी गाड़ी टोचन करके ले गया था आज से 5 साल पहले बमनिया से वह 15000 का टोचन काबिल था बिल 10000 का था लेकिन वह 15000 लेकर गया जब से मैं उससे पैसे की मैसेज से भी ले गया वह लड़का हमने उससे पैसे मंगवाए मैं देख रहा हूं मैं देख रहा हूं इसलिए मैंने उससे मजाक करके कहा कि तेरी तनख्वाह रोक देंगे पैसे दे नहीं रहा था वह दारू नशा मैंड्रेक गोली सब खाता है वह बोलता है कि मैं यहां मेरा नाम पप्पू ठाकुर था अपराधिक उसके चेहरे पर यहां दाग दिखेंगे आप मुझे जानते नहीं हो देखिए ₹200000 उसको जो भार्गव था रिटायर्ड fab2 है उसका हमारे डॉक्टर नवीन शुक्ला करके प्रभारी है डॉक्टर नवीन शुक्ला तो स्टार्टिंग में साढे 4 महीने ज्वाइन हुए हैं साडे 4 महीने रहा तो मुझे हटाकर मनोज शर्मा जी को फिट कर दिया अब यहां पर शिवराज सिंह चौहान सरकार में जनरल वर्सेस स्वर्ण का युद्ध चल रहा है। मैं डायरेक्ट बोल रहा हूं मैं। सवर्णों को रिजर्वेशन के कारण प्रमोशन नहीं मिलते हैं। और हम इस सरकार पर इसी कारण से पीड़ित है…. पीड़ित हैं…. हंड्रेड परसेंट पीड़ित हैं…..रिजर्वेशन नहीं मिलने के कारण शिवराज सरकार ने यह बोला था आप के वित्तीय अधिकार जो है अगर प्रभावित ना होते हैं तो आप इनको प्रभार दिया जा सकता है तो हमें प्रभार मिल गया सीएम साहब ने ही साइन किये थे। मैं यहां पर प्रशासकीय अधिकार के साथ बेठा। मेरे जो जलने वाला है डॉक्टर… दो-तीन लोग देते हैं रहते ही हैं वह भी एशोसिएशन का अध्यक्ष था। जब मैं साडे 4 महीने के कार्यकाल में रहा तब उसने मेरी झूठी शिकायत की थी एक जांच में भी मुझे क्लीन चिट मिली थी । इससे वह फिर जल गया …. फिर उसने सेकंड पारी खेली तो उसने बाबुओं को भड़का दिया.

200000 वाली बात ऐसी है जो लड़का बोलता है कि मेरा ट्रांसफर करवा दो मैंने बोला भैया ट्रांसफर में गवर्नमेंट में पैसा लगता है तो ही ट्रांसफर होता है सभी को पैसा देना पड़ता है यह अंडरस्टूड है सभी लेते हैं कौन नहीं लेता है कौन नहीं ले रहा है आज के जमाने में। सर जो पीड़ित है वह तो यही बात करेगा दिए तो बोलेंगे ना हमने नहीं दिए हमसे यह बोला गया था कि स्वयं के व्यय पर जाकर उसको हटाना चाहते हो तो इतने लगेंगे और अगर उसको हटाना चाहते हो तो भी 200000 लगेंगे हमारे पास पैसे नहीं थे हमने नहीं दिए हमने उसका ट्रांसफर नहीं कराया मैं यह नहीं बता सकता किसने मांगे थे जो मांगे थे यह बहुत हाई लेवल की राजनीति होती है इसमें हम एक लोक सेवक के रूप में यह बता रहे हैं कि सारी जगह पर पूरे मध्यप्रदेश सरकार हो या कहीं पर भी हो पैसा गवर्नमेंट में चलता है यह आप उस को झुठला नहीं सकते।

दिशा समिति की बैठक लेने गुमान सिंह डामोर ने बैठक समाप्ति के बाद इस पूरे मामले पर कहा कि इस मामले की जांच करवा रहा हूं और जो भी तथ्य आएंगे उसके बाद हम कार्रवाई करेंगे जहां तक आरोप का सवाल है यह बेबी बुनियाद आरोप है अधिकारी ने जो बात कही है यह उनके आचरण के भी खिलाफ है सिविल सर्विस के जो रूल्स करते हैं यह उसके खिलाफ की बात है हम उसमें जांच करवाएंगे और आपको 10 से 15 दिन में परिणाम मिलेंगे।

कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि मालूम पड़ा है कि उन्होंने आज कुछ कतिपय ड्रामा हंगामा किया है और कुछ गलत वक्तव्य दिया है इसकी जानकारी मुझे मिली है। इस संबंध में मैंने एडीएम को निर्देशित किया है जो आज यहां उन्होंने माननीय सांसद जी की बैठक के दौरान बाहर जो हंगामा किया है उसकी जांच करके समुचित कार्रवाई करेंगे

पशु चिकित्सा उपसंचालक डी के जैन से पीड़ित कलेक्टोरट पहुचे छत्रपाल सिंह गहलोत ने बताया की हर महीने हम परेशान हो गए थे हम दो हजार रुपए पेमेंट निकालने के या जब भी हम ऑफिस जाएंगे तो रबड़ी समोसा कचोरी सब उनको देना पड़ता है वह किसी ना किसी चीज में डरा कर हमेशा पैसा वसूल करते थे यह डॉक्टर डीके जैन अधिकारी है इस महीने उन्होंने मई महीने की पेमेंट रोक दी थी मेरी. उन्होंने झूठ बोला कि 10 दिन की अब्सेंट है जबकि मैं रेगुलर जा रहा हूं फिर भी वह 10 दिन की अब्सेंट का बोलकर डरा करके ₹2000 मांग रहे थे इसकी शिकायत मैंने लोकायुक्त में भी की थी वहां से भी कुछ व्यक्ति आए थे इसकी जांच की थी बाकी उसके बाद उन्होंने पैसे नहीं मांगे और फिर मेरी पेमेंट डाल दी थी आज हम सभी पीड़ित कलेक्टर से मिलने आए थे उनको ज्ञापन वगैरह दिया और सांसद महोदय को भी ज्ञापन दिया।


एक ओर पीड़ितलक्ष्मण प्रजापति का कहना था कि मैं आज शिकायतें लेकर आया था कि मेरी सर्विस बुक के लिए ₹3000 दे चुका था मैं फिर भी काम नहीं करा इन्होंने फिर उन्होंने ₹10000 की मांग करी पैसे की मांग डामोर साहब और डॉक्टर डीके जैन साहब ने की थी मेरा काम आज दिनांक तक नहीं हुआ है मेरा एरियर अभी बनाना था दूसरों को सबको मिल गया है लेकिन मुझे नहीं मिला आज तक मैंने उनसे बोला भी कि मुझे एरियर नहीं दिया गया है तो उन्होंने कहा कि तुमने पैसे नहीं दिए इसलिए काम नहीं होगा तेरा। यह आठ 10 दिन पहले की बात है । आज हम कलेक्टर साहब से मिलने आए थे इस समस्या के लिए और जो भी नेता लोग आए थे उनसे भी मिलना था।

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