रतलाम / राज्य बाल आयोग की सदस्य द्वारा रतलाम के दारुल उलूम आयशा सिद्धक्की मदरसे के निरीक्षण मे मिली खामियों का मामला अब राष्ट्रीय बाल आयोग तक पहुंच गया है.राज्य बाल आयोग द्वारा बताई गई कमियों के बाद जिला प्रसाशन द्वारा जिस तरह से मदरसे को क्लीनचिट दी गई उससे राष्ट्रीय बाल आयोग खफा नजर आया है. राष्ट्रीय बाल आयोग ने आज ट्विट कर जिला प्रसाशन को कटघरे मे खड़ा किया.

राष्ट्रीय बाल आयोग के ट्विट के बाद जिला प्रसाशन हरकत मे आ गया.कलेक्टर राजेश बाथम अमले सहित मदरसे पहुचे. कलेक्टर ने यहाँ मदरसे की उन बच्चियों को पाठ्य पुस्तके प्रदान की जिनका बाल आयोग की सदस्य के निरीक्षण मे स्कूल मे एडमिशन नहीं पाए जाने के बाद जिला प्रसाशन द्वारा स्कूल मे एडमिशन करवाया गया था.इसके पहले कल सोमवार को शहर के तीन और मदरसों का नीरिक्षण जिला प्रसाशन के दल ने किया. दो मदरसों मे कमिया पाई गयी. एक मदरसे मे कोई नहीं मिला था. जिन मदरसो मे कमिया पाई गई उनको जिला प्रसाशन नोटिस जारी कर रहा है.

उल्लेखनीय है की करीब सात दिन पूर्व मप्र बाल आयोग की सदस्य निवेदिता शर्मा ने खाचरोद रोड स्तिथ दारुल उलम मदरसे के निरीक्षण के दौरान पाया था कि यहां दूर दूर से बच्चियों को लाकर रखा जा रहा है जबकि इसकी विधिवत अनुमति भी उस समय संचालक नहीं बता पाए। बच्चियां जिन कमरों में रहती थीं वहां भी सीसीटीवी कैमरे लगे थे। बच्चियों को स्कूल तक नहीं भेजा जाता है। बच्चियों की निजता और शिक्षा के मूल अधिकारों के हनन पर नाराजगी जताते हुए निवेदिता शर्मा ने जिला प्रशासन से तत्काल इनकी डीवीआर जप्त करने के लिए कहा था। इसके बाद जिला प्रसाशन का दल एडीम शालिनी श्री वास्तव के नेतृत्व मे जांच करने पंहुचा था. जिसके बाद एडीम द्वारा मिडिया को दिए गए ब्यान मे मदरसे को जिला प्रसाशन द्वारा लगभग क्लीनचीट दे दी गई थी. इसके बाद आज मंगलवार को बाल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्विट कर कहा की एसडीएम का ब्यान मदरसे की प्रवक्ता जैसा लगता है. मदरसे मे मिली अनियमिता पर कोई करवाई नहीं की.मदरसे मे लगे सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर भी अब तक जप्त हुई है या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिली है। ऐसे में आयोग अब नोटिस भी जारी कर सकता है।

By V meena

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