रतलाम / भारत आदिवासी पार्टी ( बाप ) के सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडीयार तीन साल पहले अपने खिलाफ एक महिला द्वारा दर्ज कराये गए बलात्कार के मामले मे दोष मुक्त हो गए.
29 वे अपऱ सत्र न्यायधीश एवं विशेष न्यायधीश एम. पीं./ एम. एल. ए इन्दोर विजय डांगी ने प्रकरण की सुनवाई के पश्चात् दोष मुक्त किया.
रतलाम पुलिस द्वारा दर्ज किया गया कमलेश्वर डोडीयार के खिलाफ यह प्रकरण पहले रतलाम न्यायलय मे चला लेकिन विधानसभा चुनाव मे कमलेश्वर डोडीयार सैलाना से चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित होने से यह प्रकरण सुनवाई के लिए 29 वे अपऱ सत्र न्यायधीश एवं विशेष न्यायधीश एम. पीं./ एम. एल. ए इन्दोर न्यायलय मे स्थातरित हो गया था.

अभियोग पत्र अनुसार संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी ने आरक्षी केन्द्र महिला थाना, रतलाम पर अपने भाईयों के साथ उपस्थित होकर एक लेखीय आवेदन पत्र एवं स्क्रीनशाट इस आशय का प्रस्तुत किया गया है कि कमलेश्वर डोडियार ने उसके साथ 2018 से 20 जुलाई 2022 तक फिजिकल रिलेशन में रहा और अब उसके घरवाले दूसरी जगह शादी कर रहे थे तो उसने उसके घर रिश्ता सगाई करवाने के लिये लडके लोगों ने बोला कि एक दो दिन में बात करते हैं और एक दिन बाद उसका फोटो वायरल कर दिया और फिर परिवारवालों ने मिलकर सगाई की और कमलेश्वर ने बोला कि वह अपने परिवारवालों का साथ दे तो वह कोर्ट मैरिज कर लेगा और एक मेरिज सर्टिफिकेट बनाकर दे देगा कि वह उसकी औरत है और 2018 से 1 जुलाई 2022 तक फरियादी से शारीरिक संबंध बनाता रहा। वह उसके गांव सलवानिया में रात में खेत पर मिलने आया तथा फिजिकल रिलेशन संबंध बनाने आया था। वह उसके रूम पर रात को कितने भी बजे आ जाता था और दारू नशा करके आता एवं शारीरिक संबंध बनाता था। फिर कमलेश्वर डोडियार 2020 में सैलाना जेल में था तो फरियादी उससे मिलने गयी थी और घरवालों ने उसकी कमलेश्वर डोडियार से सगाई फिक्स नहीं की उससे पहले कमलेश्वर डोडियार ने उसका फोटो वायरल किया जिससे उसके परिवारवालों को सब पता चल गया। उसे बदनाम कर दिया गया और जब घरवालों ने उसे बोला सगाई फिक्स नहीं हुई उससे पहले फोटो क्यों वायरल किया तो फरियादी ने उसका समर्थन किया था। उसने कमलेश्वर बोला नहीं करे तो वह कोर्ट में ही शादी कर लेगा। फरियादी से और उसके दोस्त के घर ले जाकर शादी कर लेगा, ऐसा बोला, फिर घर परिवारवालों ने मिलकर सगाई का संबंध रिश्ता पक्का किया, सगाई की ओर अब बोलता है कि वह उससे शादी नहीं करेगा दूसरी से शादी करेगा, ऐसा बोलकर उसे धमकियां देता है, गाली गलौच तथा उसके साथ संबंध नहीं बनाये जाने से जाने से खत्म कर देका। कमलेश्वर ने उसके साथ शादी का झांसा देकर कई बार संबंध बनाये थे, अब शादी करने से मना कर रहा है। आवेदिका के उक्त लेखीय आवेदन पर से महिला थाना, रतलाम द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध अपराध क. 61/23 अंतर्गत धारा 469, 506, 294, 500, 450 एवं 376 (2) (एन) भा.द.स. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान घटना स्थल का नक्शा मौका बनाया गया, साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये एवं अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया एवं आवश्यक अनुसंधान पश्चात अभियुक्त के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाये जाने पर अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया। जहां से प्रकरण उपार्पित होकर सत्र न्यायाधीश रतलाम को प्राप्त हुआ है जहां से अंतरण पर पंचम अपर सत्र न्यायाधीश रतलाम को विधि अनुसार निराकरण हेतु भेजा गया था । माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय के एम.पी./ एम.एल.ए. से संबंधित प्रकरणों के विचारण के संबंध में विशेष न्यायालय का नोटिफिकेशन 22वें अपर सत्र न्यायाधीश, इंदौर के न्यायालय को होने से प्रकरण इंदौर स्थित न्यायालय को प्राप्त हुआ था.

न्यायलय ने उक्त प्रकरण में सुनवाई के बाद पाया की अभियुक्त के विरुद्ध फरियादिया को लोक स्थान पर अश्लील शब्द उच्चारित करने व जान से मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास कारित किये जाने के संबंध में भी आरोप है, स्वयं अभियोक्त्री द्वारा इस संबंध में अभियुक्त द्वारा इस प्रकार की घटना कारित किये जाने से इंकार किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में विशिष्ट रूप से इसके संबंध में कोई उल्लेख नहीं है कि अभियुक्त द्वारा कब कब व किस किस स्थान पर क्षोभ कारित किया गया है व आपराधिक अभित्रास कारित किया गया है।
उक्त प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के साथ वायरल फोटो 4 प्रस्तुत किये गये हैं जिसमें फोटो अभियुक्त की सगाई फिक्स होने का उल्लेख है। उक्त फोटो अन्य फोटो से जोड़कर बनाया गया है उक्त तथ्य की स्वीकारोक्ति अनुसंधान अधिकारी द्वारा किया गया है। फोटो भील चंदु माइडा के नाम से जारी किया गया है। फोटो किस सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किये गये व किसके द्वारा अपलोड किये गये हैं उक्त बिंदु पर कोई अनुसंधान नहीं हुआ है। इस तथ्य की स्वीकारोक्ति स्वयं अनुसंधान अधिकारी द्वारा अपने कथनों में की गयी है। फोटो में कोई आपत्तिजनक मुद्रा नहीं है। फरियादिया द्वारा केवल मात्र यह कहा गया है कि अभियुक्त ने उसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था और यह लिखा था कि उसकी सगाई हो गयी है जबकि वास्तव में कोई सगाई नहीं हुयी है किंतु फोटो अभियुक्त द्वारा अपलोड नहीं किया गया है व दो भिन्न फोटो को जोड़कर अपलोड किया गया है जिस पर भील चंदु मईड़ा का उल्लेख है। चंदु माईड़ा व सोशल मीडिया साइट से कोई अनुसंधान नहीं है जिससे यह प्रमाणित नहीं है कि फोटो अभियुक्त द्वारा अपलोड किये हैं। अभियोक्त्री द्वारा गुस्से में आकर रिपोर्ट दिया जाना बताया है। प्रकरण में अभियोक्त्री व उसके भाईयों के 164 द.प्र.सं. के कथन अभिलेख पर हैं। अभियोक्त्री द्वारा कथनों पर अपना हस्ताक्षर होना स्वीकार किया है किंतु न्यायालयीन परीक्षण में घटना बाबत् कोई समर्थन नहीं किया गया . साक्षी ने पुलिस द्वारा वन स्टॉप सेंटर में रखा जाना बताया है व उनके कहे अनुसार कथन दिया जाना बताया है। धारा 164 द०प्र०सं० के कथनों के साक्ष्यीय महत्व के संबंध में न्याय दृष्टांत बैजनाथ साह बनाम बिहार राज्य (2010) 6 एस.सी.सी. 736 को विचार में लिया गया.
उपरोक्त विवेचन के आधार पर अभियुक्त कमलेश उर्फ कमलेश्वर पिता ओंकार डोडियार, उम्र 32 वर्ष, निवासी ग्राम लुणी, (राधाकुंआ) तहसील सेलाना, जिला रतलाम म.प्र. को भा०द०सं० की धारा 376 (2) (एन), 294, 506 भाग-2 के आरोपों से दोषमुक्त किया गया।

By V meena

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