
भोपाल / मध्य प्रदेश के नये वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने अपने पदभार सँभालने के बाद रतलाम जिले कें आदिवासी विधानसभा क्षेत्र सैलाना के उन किसानों के चेहरे पर ख़ुशी ला दी जिनकी जमीन खरमोर अभरायण की जद मे आ गई थी. मंत्री श्री रावत ने पद ग्रहण करने के बाद इन किसानों की जमीन को अभ्यारण से बाहर करने वाली फ़ाइल पर हस्ताक्षर किये.

वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत ने मंगलवार को वल्लभ भवन बिल्डिंग नंबर 2 के कक्ष क्रमांक 313 में विधिवत पूजन-अर्चन कर पदभार ग्रहण किया। उन्होंने पद संभालने के बाद सबसे पहले खरमोर अभ्यारण के भीतर आने वाले किसानों की जमीन को बाहर करने वाली फाइल पर हस्ताक्षर किए। यह अभ्यारण रतलाम जिले के सैलाना क्षेत्र में आता है और करीब 250 किसानों की करीब 300 हेक्टेयर जमीन इस अभ्यारण की जद में आ गई थी। वहां के आदिवासी किसान कई वर्ष से इस जमीन को अभ्यारण से बाहर करने की मांग कर रहे थे। मंत्री श्री रावत ने सबसे पहले इसी समस्या को हल किया और मंगलवार को जमीन अभ्यारण से अलग करने वाली फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए।

इसके बदले अभ्यारण के लिए करीब 450 हेक्टेयर जमीन जंगल क्षेत्र की शामिल कर ली गई है। श्री रावत के इस फैसले से पीड़ित किसानों में खुशी की लहर है।
उनके पदभार ग्रहण कार्यक्रम में विभाग के वन राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार और अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ देकर मंत्री श्री रावत का स्वागत किया और शुभकामनाएँ दीं।

इस मौके पर विजयपुर समेत पूरे प्रदेश से आए उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया। पदभार ग्रहण करने के बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रावत ने विभागीय अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और विभागीय योजनाओं और अन्य गतिविधियों की जानकारी ली।

मंत्री श्री रावत ने कहा कि वन, पर्यावरण संरक्षण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी। वर्तमान में संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेकर श्री रावत ने सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा विभागीय कार्य प्रणाली को और अधिक बेहतर व दुरूस्त करने के निर्देश दिये।