
रतलाम / जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने वाले कैलाश पटेल ने अपने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताते हुए एक बयान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए सोशियल मिडिया में लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के कारणों को बताते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया ,उनके विधायक बेटे डॉ विक्रांत भूरिया सहित प्रदेश कांग्रेस के खिलाफ कई बाते लिखी है।

कांग्रेस के अपने साथियों को संबोधित करते हुए लिखे इस बयान में कैलाश पटेल ने लिखा की जिला कांग्रेस के 15 महीने के उनके कार्यकाल में जो साथ और सम्मान दिया उसके लिए वह हृदय से आभारी है। इसके बाद उन्होंने अपने जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने और पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर स्पष्टीकरण देते हुए लिखा की मुझे पार्टी और पद से इस्तीफा देने के लिए क्यो मजबूर होना पड़ा मेरी जगह आप होते तो क्या करते हैं
पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश पटेल ने लिखा की विधानसभा चुनाव के 6 महीने पहले मुझे अध्यक्ष बनाया गया आप सभी के सहयोग से सभी का साथ लेकर सभी को मान सम्मान देकर संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया परंतु जब विधानसभा की चारों सीटों पर टिकट वितरण की बात आई तब प्रदेश कांग्रेस ने जिला कांग्रेस की नहीं सुनी औरअपने मनमर्जी से सर्वे को ताक में रखकर टिकट दिए गए नतीजा आपके सामने था हार गए तो जिम्मेदार जिला कांग्रेस को बता दिया गया।

उन्होंने लिखा की विधानसभा चुनाव के दौरान उन तमाम नेताओं को जो मेरे सरल साधारण व्यक्तित्व से परेशान थे उनको भी साथ में लेकर चलने की कोशिश की मुझे अपमानित किया गया साइड लाइन करने की कोशिश की गई परंतु पार्टी के खातिर मैंने विधानसभा चुनाव में जहर पिया।
कैलाश पटेल ने लिखा की पहले सुनता रहता था परंतु चुनाव के दौरान मैंने नजदीक से देखा और अनुभव किया की किस प्रकार से पार्टी के खिलाफ लोग कार्य करते हैं ।चुनाव प्रचार का पूरा मैनेजमेंट दूसरों के हाथों में रहा 500 फ्लेक्स पर जिला कांग्रेस के फोटो नहीं फिर भी मैने जहर पिया। संगठन में कुछ ऐसे भी थे जिनको उनकी क्षमता से भी ज्यादा सम्मान देने की कोशिश की गई।
कैलाश पटेल ने लिखा की वह विधानसभा चुनाव के बाद ही पद से इस्तीफा दे रहा थे परंतु प्रभारी श्री इंदोरा , सज्जन सिंह वर्मा और कमलेश्वर पटेल ने मुझे इस्तीफा देने से रोक दिया था। दूसरी बार फिर इस्तीफा टाइप करवाया उस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी बने। पार्टी और जीतू पटवारी के सम्मान को देखते हुए कि कहीं यह संदेश नहीं चला जाए की पटवारी जी के अध्यक्ष बनने के कारण इस्तीफा दिया,इसलिए इस्तीफा नहीं दिया। तीसरी बार फिर इस्तीफा देने का मन हुआ उस दौरान राहुल गांधी की न्याय यात्रा प्रस्तावित थी। मैं नहीं चाहता था कि कि मेरे निर्णय के कारण पार्टी को कोई नुकसान हो।उसके बाद पार्टी के तीन नेताओं के द्वारा मुझे इसलिए इस्तीफा नहीं देने दिया कि तुम इस्तीफा दे दोगे तो फलाना व्यक्ति अध्यक्ष बन जाएगा यदि वहां मेरा इस्तीफा हो जाता तो आज यह स्थिति नहीं बनती
कांग्रेस नेता रहे कैलाश पटेल यही नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा की आलोट में दो ब्लॉक अध्यक्ष पार्टी छोड़ रहे थे यह बात पता चलने पर दोनों से बात की और उनके बारे में प्रदेश कांग्रेस को अवगत कराया परंतु पार्टी ने कोई ध्यान नहीं दिया मैंने सुझाव दिया की पार्टी छोड़ने से पहले दोनों को हटाकर नए ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त कर दिया जाए परंतु प्रदेश कांग्रेस द्वारा नए ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्ति नहीं कर पाए और वह लोग भाजपा में शामिल हो गए ।आलोट में ब्लॉक अध्यक्ष बदलने हो या जावरा में बदलने हो तो कांग्रेस में ठेकेदार से परमिशन लेना पढ़ती हैं। आलोट में 3 ब्लॉक अध्यक्ष बदलने थे तो जिला कांग्रेस के सहमति लिए बगैर पांचों ब्लॉक अध्यक्ष बदल दिए। क्या यह गलत नहीं है और जिला कांग्रेस संगठन का अपमान नहीं है। जावरा में एक ब्लॉक अध्यक्ष विधानसभा प्रत्याशी के इशारे पर अनुशासनहीनता करता है। संगठन का कार्य नहीं करता है कई बार इस्तीफा देता है और सुबह वापस ले लेता है। ऐसा एक बार नहीं 10-15 बार किया। पद पर 10 साल से टिके हुए हैं परंतु उनको हटाने से विधानसभा प्रत्याशी की प्रतिष्ठा खराब हो रही थी। यही स्थिति सैलाना विधानसभा और रतलाम ग्रामीण विधानसभा की थी ।राहुल गांधी जी की न्याय यात्रा के दौरान यात्रा प्रभारी वाला बच्चन के द्वारा कई मीटिंग ली गई और ग्रामीण क्षेत्र और सैलाना में यात्रा के रुकने के पॉइंट बनाए गए परंतु प्रदेश के नेताओं के द्वारा जिला कांग्रेस संगठन और कार्यकर्ताओं की अवहेलना कर उनका अपमान किया गया।
जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे कैलाश पटेल ने आगे लिखा की लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद पार्टी उम्मीदवार का मुंदड़ी और बिलपांक ब्लॉक का दौरा करवाया और चारों ब्लॉक अध्यक्षों के माध्यम से वरिष्ठों की सलाह लेकर सभी ब्लॉक में मीटिंग आयोजित करने का प्लान बनाया परंतु इस दौरान कांतिलाल भूरिया का एक ठेकेदार ने जिला कांग्रेस को नजरअंदाज कर जो ब्लॉक अध्यक्ष मीटिंग करने के लिए तैयार नहीं थे उनसे मीटिंग कर रहे थे। इस तरह से कांग्रेस में ठेकदारों की तूती बोलती है।लोकसभा चुनाव को लेकर रतलाम में रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण और सैलाना विधानसभा का संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन था वहां उपस्थित 800 लोगों में से 700 लोग रतलाम ग्रामीण विधानसभा से थे परंतु वहां पर भी मुझे अपमानित करने की कोशिश की गई। क्या यह विक्रांत भूरिया जी की जानकारी में नहीं था। ग्रामीण के नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिली और स्वागत भाषण जिला कांग्रेस अध्यक्ष की जगह शहर कांग्रेस अध्यक्ष दे रहे हैं क्या यह जिला कांग्रेस संगठन का अपमान नही था।
उन्होंने आगे लिखा की बाजना में लोकसभा उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया की जिला कांग्रेस अध्यक्ष बिक गया है। इस पर कैलाश पटेल ने कहा की वह श्री भूरिया से पूछना चाहता हूं कि अपने लोकसभा के 7 चुनाव लड़े। चुनाव में मेरे पिता सोहनलाल पाटीदार और मुझे आपने कितने पैसे दिए या फिर मैं आप पर आरोप लगाता हूं कि आप ……………. कितने पैसे लेते हो। विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने झाबुआ में आरोप लगाया कि रतलाम जिला कांग्रेस अध्यक्ष निष्क्रिय था। जबकि मेरे फेसबुक अकाउंट पर सारी डिटेल है। मैंने पार्टी के लिए कितनी मीटिंग की है। कितने धरना प्रदर्शन आंदोलन किए है।
कैलाश पटेल ने कांतिलाल भूरिया पर आरोप लगाया की वह खुद अपने लोकसभा क्षेत्र में निष्क्रिय रहते है। 5 वर्ष में जब कार्यकर्ता जिला पंचायत और जनपद पंचायत के चुनाव लड़ते हैं तब आप क्षेत्र में नहीं आते हैं।
कार्यकर्ता विधानसभा का टिकट मांगते हैं और चुनाव लड़ते हैं तब आप क्षेत्र में कभी प्रचार करने नहीं आते हैं। आपको चुनाव लड़ना होता है तो आप आते हैं। और संगठन को निष्क्रीय बताते हैं। कैलाश पटेल ने कहा की उन्होंने मर्यादा रखी की पत्रकार वार्ता में भूरिया जी कोई आरोप नहीं लगाए। उन्होंने कहा की वह उम्मीद करते है की भूरिया जी कांग्रेस को रसातल में पहुंचाने वाले अपने फर्जी सलाहकार नेताओ कि सलाह नहीं माने। कैलाश पटेल ने कहा की मेरी नांद के नीचे रेला नहीं है। सबको नंगा करने में पीछे नहीं हटूंगा।चमचे लोग ध्यान दें।जल्दबाजी में बचाव करने नही उतरे। मेरे पास बहुत सारी एक्सरे रिपोर्ट मौजूद है पत्रकारों के माध्यम से लोगों के बीच में रख दूंगा।
उन्होंने आगे लिखा की 1950 आजादी के समय से परिवार द्वारा कांग्रेस की निस्वार्थ और ईमानदारी से सेवा की उस परिवार के एक सदस्य को कुछ लोग जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर 12 महीने भी सहन नहीं कर पाए।उन्होंने अपने कांग्रेस के साथियों से कहा की ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिसकी वजह से पिछले दो महीने से अंदर ही अंदर घुटन महसूस हो रही थी। एक सरल साधारण और सब को सम्मान देने वाला व्यक्ति इन फर्जी नेताओ को हजम नहीं हो रहा था। साथियों आप सोचो मेरे परिवार ने 75 साल से कांग्रेस पार्टी की निस्वार्थ और ईमानदारी से सेवा की। मुझे चार लोग आकर बोल देते तो मैं पद से इस्तीफा दे देता तो आज पार्टी से इस्तीफा देने की नौबत नहीं आती। मैंने आत्म चिंतन करा कि मैं अपने परिवार के साथ खिलवाड़ कर रहा हूं मेरी सरलता और ईमानदारी को इन लोगों ने मेरी कमजोरी समझ ली परंतु मेरे दादाजी और दादी जी और पिताजी माता जी के दिए हुए संस्कार के कारण चुप हूं। मैं कहीं से कहीं तक कमजोर नहीं हूं
क्या आप मेरी जगह होते तो यह अपमान सहन कर लेते मेरी जगह आप होते तो क्या निर्णय लेते
मेरे निर्णय से आपको दुख हुआ है और जो यह बातें लिखी हैं इससे आपको कष्ट हुआ तो मैं आपसे माफी मांगता हूं। उन्होंने लिखा की मुझे नहीं जानने वाले जो सोशल मीडिया पर 50 रुपए के बैलेंस डालकर लिख रहे हैं। उनका अपना अधिकार है आप स्वतंत्र है परंतु एक बार अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना।उन्होंने निष्ठावान कार्यकर्ता साथीयो से अपील करते हुए कहा की लोकसभा चुनाव के बाद आपको यह नेता पूछने वाले नहीं हैं फिर पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव में आपको हमको आपस में लड़ाएंगे इसलिए आप अभी से सावधान रहो और दूर रहो जिस पार्टी में मेरा सम्मान नहीं कर सके लोग तो आपका क्या करेंगे।मैंने कितने दुखी मन से यह फैसला लिया होगा यह मेरी आत्मा जानती है।