भोपाल, राज्य सरकार उद्योगों की समस्याओं के समाधान और नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रक्रिया अपनाएगी तथा उद्योगों के हित में तेजी से फैसले लिए जाएंगे। मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने की कार्ययोजना बनाई जायेगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य कुमार काश्यप ने आज यहां उद्योग संघों के प्रतिनिधियों और लघु संवर्धन बोर्ड के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया उद्योगों के हित में तेजी से सरकार काम करेगी। वे आज यहां राज्य स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उद्योग और व्यापार परिसंघों के पदाधिकारियों के अलावा एमएसएमई सचिव एवं उद्योग आयुक्त पी. नरहरि, एमपीआईडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला तथा लघु उद्योग निगम के एमडी रोहित सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक में सूक्ष्म और लघु-मध्यम उद्योगों को सशक्त बनाने, लीज डीड, भूमि आवंटन, ऊर्जा, राजस्व, नगरीय विकास, औद्योगिक प्रोत्साहन एवं निवेश आदि विभागों से संबंधित 36 प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। बोर्ड के सदस्यों ने उद्योगों के लिए 40 फीसदी तक अनुदान की नीति की सराहना की और मध्यप्रदेश की नीतियों को अन्य राज्यों से बेहतर बताते हुए अन्य बदलावों के प्रस्ताव दिए।

एमएसएमई मंत्री श्री काश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के चलते भारत में अवसरों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भी मंशा है कि सरकार संभाग तथा अंचलों में जाकर उद्योगों के विस्तार, संसाधनों और समस्याओं को पहचान कर तेजी से निर्णय लेकर युवाओं, महिलाओं, नव उद्यमियों को स्टार्टअप, कलस्टर आदि के माध्यम से उद्योगों का जाल बिछाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उज्जैन में ग्वालियर की तर्ज पर व्यापार मेला और इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन अन्य अंचलों में भी होंगे।

एमएसएमई मंत्री ने कहा कि बोर्ड में प्राप्त सुझावों के आधार पर सकारात्मक रूप से काम किया जाएगा और अन्य विभागों से संबंधित दिक्कतों को दूर किया जायेगा। उन्होंने सभी विभागों से संवेदनशील रवैया अपनाने की अपील भी की। श्री काश्यप ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के युवाओं और महिलाओं को उद्योग संवर्धन के लिए विभाग के पास आई सभी अनुशंसाओं पर शीघ्र निर्णय लेकर लागू किया जाएगा। उन्होंने उद्योग संघों से अपील की है कि वे बदलाव आदि के प्रस्ताव पूर्ण शोध के साथ प्रस्तुत करें।

एमएसएमई विभाग के सचिव पी. नरहरि ने बताया कि मध्यप्रदेश की मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ देश के औसत के मान से 17 फीसदी है, जिसे उद्योगों के सहयोग से 25 प्रतिशत किए जाने के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि रोजगार पैदा करने और रोजगार देने में भी 30 फीसदी के साथ प्रदेश अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग अन्य विभागों से समन्वय कर प्रदेश के सभी क्षेत्रों में उद्योगों का जाल बिछेगा। प्रस्तुतिकरण लघु उद्योग निगम के एमडी रोहित सिंह ने किया।

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