रतलाम ivnews
रतलाम पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है जो आम लोगों के नाम पर फर्जी कंपनी बनाकर बैंक खाता खोलने और उससे करोड़ों का ट्रांजैक्शन करते थे। इस गिरोह ने रतलाम शहर में ऐसे बैंक खाते में करीब 50 करोड़ के लगभग का ट्रांजेक्शन किया है। इस गिरोह के तार देशभर के अनेक शहरों से जुड़े होने की संभावना है। पुलिस अब पूरे मामले की सघन जांच में जुट गई है। इसमें। कई बैंको के अधिकारी भी शामिल होने की संभावना भी हो सकती है।

रतलाम एसपी राहुल लोढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा किया। एसपी ने बताया कि इस गिरोह के सदस्यों द्वारा जो बैंक खाते आम लोगो के खोले गए थे उसमें से फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले सूरज चौरे नामक व्यक्ति ने पुलिस को इस मामले को लेकर शिकायत की थी, इसके बाद एसपी राहुल लोढा के निर्देश पर जांच शुरू की तो पता चला,15 हजार रुपए प्रतिमाह का लालच देकर खुलवाए जाते थे खाते।
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने राजस्थान निवासी तुलसीराम पिता गोपाल ओझा, योगेश पिता मदनलाल शर्मा और सूर्य प्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है। यह पुखराज होम्स कालोनी के पास किराए का मकान लेकर रह रहे थे। शिकायत में फरियादी सूरज ने पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले उसकी मुलाकात तुलसीराम से हुई थी। तुलसीराम ने सूरज को हर महीने 15 हजार रुपए देने का लालच दिया। इसके बदले में सूरज के नाम से एक फर्म बनाकर बैंक खाते खुलवाए गए। तुलसीराम ने बैंक खाते की डिटेल्स, चेक बुक और खाते में दर्ज नंबर की सिम सूरज से ले ली थी। तुलसीराम ने सूरज को और भी लोगों के खाते खुलवाने और पैसे देने का लालच दिया। इसके बाद सूरज ने दो और खाते खुलवाए, लेकिन तुलसीराम ने दो अन्य खातों के पैसे सूरज को नहीं दिए। पैसे नहीं मिलने पर सूरज बैंक में खाता बंद करवाने गया तो उसे पता चला कि उसके खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन हो रहा है। उसके चेक पर किसी अन्य व्यक्ति का हस्ताक्षर कर लेनदेन किया जा रहा है। इसके बाद फरियादी सूरज द्वारा बैंक खाता फ्रिज करवाने के लिए बैंक में आवेदन दिया गया और मामले की शिकायत पुलिस को की गई। फरियादी की रिपोर्ट पर धारा 420, 467, 468 ,120 बी में प्रकरण दर्ज कर मामले को अनुसंधान में लिया गया। मामले की जांच के लिए एसपी राकेश खाखा के मार्गदर्शन में साइबर सेल रतलाम और औद्योगिक क्षेत्र रतलाम पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई। इसके बाद शक्ति नगर में आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर 3 फरवरी तक की रिमांड ली गई है।
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि जांच में अभी तक रतलाम के चार लोगों के नाम से अलग-अलग बैंकों में खाता खोले जाने की जानकारी मिली है। सूरज के अलावा जिन लोगों के नाम पर खाते खोले गए हैं उनमें एक मजदूरी करता है। एक प्रिंटिंग प्रेस पर काम करता है और एक सब्जी का ठेला लगाता है। चारों ही लोगों को पैसे का लालच देकर दस्तावेज लिए गए और फर्जी कंपनियां बनाकर बाकायदा जीएसटी नंबर भी लिए गए। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए।

एसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह खाते डेढ़ से दो माह पहले ही खुलवाए गए हैं। इतने समय में ही इन खातों से 50 से 60 करोड रुपए का ट्रांजेक्शन होने की जानकारी सामने आई है। खातों की जांच में पता चला है कि इनमें अलग-अलग शहरों से रुपए का लेनदेन किया गया है।
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल नंबर से उन्हें कुछ अन्य मोबाइल नंबर प्राप्त हुए हैं। वहीं एक लैपटॉप भी जप्त किया गया है। आरोपियों की कुछ लोगों से चैटिंग भी मिली है। पुलिस तकनीकी जांच और पूछताछ के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस पूरे खेल के पीछे कौन-कौन लोग शामिल है और उनका असल उद्देश्य क्या है।
जांच में पुलिस को अन्य शहरों में भी 35 से 40 खातो की जानकारी मिली है वहीं अन्य राज्यों में भी 40 से 50 फर्जी कंपनियों का पता लगा है। कुछ शहरों में खातों को फ्रिज भी करवाया गया है, जिससे पता चलता है कि अन्य शहरों में भी इस पूरे खेल की शिकायत हुई है जिसके बाद खाते फ्रीज हुए हैं। रतलाम पुलिस ने भी यहां खोले गए सभी खातों को फ्रिज करवा दिया है।
एसपी राहुल लोढा ने बताया कि बैंक के किसी खाते में संदिग्ध या बड़े ट्रांजेक्शन होने पर बैंक अधिकारी को इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है। रतलाम में खोले गए नौ खातों में पिछले डेढ़ माह में 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ, लेकिन बैंको की ओर से इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुलिस इस संबंध में नियमों की जानकारी मांग रही है जिसके बाद संबंधित बैंक के अधिकारियों से भी पुलिस सवाल जवाब कर कार्रवाई कर सकती है।

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