रतलाम IV न्यूज
लोकतंत्र के लिए मतदान कर प्रदेश के मतदाताओं ने वोटिंग कर आहुति दे दी है। मतदाताओं की वोटिंग ईवीएम में बंद हो कर राजनेतिक दलों और उम्मीदवारों को वेटिंग करवा रही हैं। प्रदेश में कहीं हुई बंपर वोटिंग तो कही कम वोटिंग ने राजनेतिक दलों के चुनावी गणित को बिगड़ दिया है। अब भी मतदाता खामोश है तो प्रत्याशी और राजनेतिक दल चिंतित ही है, सरकार कौन बनाएगा जैसे सवालों पर प्रदेश में सिक्का खड़ा नजर आ रहा है। हाल में आए एक्जिट पोल और सट्टा बाजार ने राजनीति में भूचाल ला दिया है जिससे भाजपा खुश तो कांग्रेस मैनेज बता रही है।
मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुनाव छुटपुट हिंसा के साथ शांति पूर्ण तरीको से हो गए हैं। इस चुनाव में हुए मतदान के बाद राजनेतिक दल बहुमत किसको मिलेगा जैसे सवालों पर मंथन करने में जुटे हैं। भाजपा ने इस चुनाव में मोदी के मन में एमपी और एमपी के मन में मोदी जैसे नारे की लहर चलाई थी। वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस आएगी खुशहाली लायेगी नारे को मुद्दा बनाकर चुनाव लडा । बावजूद इसके MP के मन में क्या ये तो खामोश मतदाताओं ने ईवीएम से बंद कर दिया है। चुनाव के लिए हुए मतदान का प्रतिशत राजनेतिक दलों के समीकरण को बिगड़ रहा है। हाला की दोनो राजनेतिक अपने अपने दावे करते नज़र आ रहे हैं। सर्वे और सट्टा बाजार सत्ता किसके खाते में बताने में संशय में है। कोई कांग्रेस के दावे कर रहा है तो कोई भाजपा के लौटने के संकेत दे रहा है। इस बार भी 2018 की तरह बंपर वोटिंग हुई है. हालांकि, शहरी क्षेत्रों में वोटिंग की रफ्तार कम रही है. कुछ सीटों पर 90 फीसदी तक वोटिंग हुई है. इसके साथ ही राजधानी भोपाल के वोटरों ने अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई है. ग्वालियर शहरी क्षेत्र में भी वोट कम पड़े हैं. ऐसे में बालाघाट जिले ने 85.23 प्रतिशत मतदान कराकर रिकॉर्ड बनाया है। रात साढ़े ग्यारह बजे के बाद चुनाव आयोग की तरफ जारी आंकड़ों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में 76.55 फीसदी वोटिंग हुई है. वहीं बालाघाट जिले में 85.23 प्रतिशत मतदान हुआ. जबकि, बैहर में 84.81% तक वोटिंग हुई है. इसके साथ ही लांजी में 84.50%, परसवाड़ा में 86.37%, वारासिवनी में 85.33%, कटंगी में 86.83%, मुरैना में 64%, दिमनी में 66%, नरसिंहपुर 82%, छिंदवाड़ा 82%, बैतूल में 82%, हरदा में 81%, सिवनी मालवा 82% और रतलाम के सैलाना में सबसे अधिक 90 फीसदी वोटिंग हुई है. वहीं सबसे कम भिंड में में 58. 41 परसेंट वोटिंग हुई है. बता दें कि, राज्य में चुनावी मैदान में 2,533 उम्मीदवार हैं, जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके पूर्ववर्ती और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जैसे राजनीतिक दिग्गज शामिल हैं.
- कई पार्टियां मैदान में
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में यूं तो कई राजनीतिक दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही बताया जा रहा है. उनके अलावा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी भी सूबे की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी राज्य के विधानसभा चुनावों में कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लड़ाई है. वहीं 17 नवंबर को मतदान हुआ और सभी 230 सीटों पर हुए मतदान की गणना 3 दिसंबर को अन्य राज्यों के साथ होगी, मतदान के बाद ही MP के मन में क्या मतदाताओं ने जो बताया वह EVM उगल देगी । दो दिन पहले टीवी चैनल के सर्वे और सट्टा बाजार ने भाजपा के लौटने के संकेत देते हुए राजनीति में भूचाल ला दिया है। इस एक्जिट पोल से जहां भाजपा खुश तो कांग्रेस इसे मैनेज करना बता रही हैं जिसकी तस्वीर 3 दिसंबर रविवार को मतगणना के साथ साफ हो जायेगी।