
सैलाना । आदिवासी क्षेत्र सैलाना के जंगलों में एक तेंदुआ पकड़ना चुनौती बना हुआ है । रेक्सयू ऑपरेशन के तहत लगाए गए पिंजरे को भी तेंदुए ने नकार दिया है । जब पिंजरा लगा था तब तेंदुआ पिंजरे में तो नहीं आया और लुप्त हो गया था , लेकिन पिंजरा हटते ही टेंडर ने फिर अपनी आमद दे दी है । खबर के मुताबिक लगभग दो सप्ताह के विश्राम के बाद पुनः तेंदुए ने अपना मूमेंट शुरू किया है । 2 अप्रैल को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने पिंजरे व अन्य साधन उठवा लिये थे। और इधर 12 अप्रैल की रात ग्राम पंचायत पाटडी के ग्राम बेडदी में तेंदुए ने पुनः एक आदिवासी कास्तकार के बाड़े में बंधे सभी बकरे-बकरियों को अपना शिकार बना लिया था । इस बार फिर तेंदुए ने हमेशा की तरह खाया कम और मृत बकरे-बकरियों को क्षत-विक्षत अवस्था में छोड़कर चला गया।
एक माह से तेंदुआ का दिख रहा है मूमेंट-
बताया जाता हैं कि मार्च माह में 18 तारीख से 27 तारीख तक ग्राम पंचायत पाटडी व बरड़ा के कई ग्रामों में रात्रि में तेंदुए ने अनेक शिकार किए। जिनमें अधिकतर बकरे-बकरियों व कुछ गाय-बछड़े भी शामिल हैं स्थिति तब यह हो गई थी कि लोग अपने घरों से बाहर निकलना भी बंद हो गए थे। ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ था ।
पिंजरे व अन्य साधन लगाए व हटा लिए-
रालामंडल वन परिक्षेत्र इंदौर की रेस्क्यू टीम ने वन परिक्षेत्र शिवगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में वन विभाग ने 2 टीमें गठित कर ग्राम पंचायत पाटडी व बरड़ा में पिंजरे व अन्य साधन लगाए थे। तेंदुए को लुभाने के लिए पिंजरे में बकरा बांधा जाता रहा। दूर से दोनों ही स्थान पर लगभग 16-16 अधिकारी कर्मचारी पूरी पूरी रात निगरानी करते थे। परंतु फिर भी तेंदुआ वन विभाग की गिरफ्त में नहीं आया। 2 अप्रैल तक वन विभाग का यह रेस्क्यू अभियान चलता रहा। इधर 27 मार्च से 2 अप्रैल तक जब तेंदुए का कोई मूमेंट नजर नहीं आया तो यह मानकर विभाग ने अपने साधन हटा लिए कि तेंदुआ यहां से चला गया है। ग्रामीणों के हवाले से साफ किया था कि यह फौरी राहत है। तेंदुआ इसी क्षेत्र में है, जो फिर कभी हमला कर सकता है।
फिर आमद और मूमेंट
बीती रात ग्राम पंचायत पाटडी के पास ग्राम बेढदी में तेंदुए ने एक आदिवासी सुगना पति मान सिंह खराड़ी के बाड़े में बंधी सभी बकरे-बकरियों को अपना शिकार बना डाला चार बकरियां व एक बकरा मारा। थोड़ा बहुत खाया और तेंदुआ फिर वहां से चला गया। दूसरे दिन प्रातः उठने पर स्वजनों को यह पता चला तो उन्होंने आसपास के ग्रामीणों की मदद से वन विभाग व पशु चिकित्सा विभाग को इसकी जानकारी दी। वन विभाग की टीम ने सभी मृतकों का पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सा विभाग को सुपुर्द किया है। व पूरे नए सिरे से मामले को देखा जा रहा है।
फिर शुरू होगाअभियान-
करीब एक पखवाड़े की शांति के पश्चात तेंदुए ने फिर आदिवासी अंचल में बकरे-बकरियों को अपना शिकार बनाया है। यह मामला बाजना वन परिक्षेत्र का है जो पूर्व की घटनाओं के घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूरी पर ही स्थित है। वन विभाग के अधिकारी पुनः नए सिरे से तेंदुए को पकड़ने का अभियान चलाने की तैयारी कर रहे हैं।
आईबी गुप्ता एसडीओ फॉरेस्ट
दहशत का माहौल –
क्षेत्र में तेंदुए के आने से फिर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है लोग डर में जल्दी अपने घर लौट रहे हैं।
कोदर कटारा सचिव ग्राम पंचायत पाटडी