रतलाम
आदिवासी अंचल में सरकारी जमीन को किस तरह से निजी करने का खेल पटवारी कर रहे है इसका खुलासा आज जनसुनवाई में आई शिकायत से हुआ। एक आदिवासी व्यक्ति ने एक पटवारी के खिलाफ सरकारी जमीन को नाम कर फर्जी पावती बनाकर देने की शिकायत की। पावती बनाने के नाम पर एक लाख नब्बे हजार रुपये भी पटवारी द्वारा लिए जाने का आरोप भी इस आदिवासी व्यक्ति ने लगाया है।



यह सनसनीखेज मामला है जिले के आदिवासी अंचल रावटी क्षेत्र का। ग्राम भूतपाड़ा निवासी रमेश ने आज जनसुनवाई में शिकायत की की गाव की जमीन सर्वे क्रमांक 112 रकबा 2.00 पर उसका ओर उसकी पत्नी का नाम पर दर्ज है । इस जमीन की पावती भी बनी हुई है। जो कि मेरे द्वारा बजरंगगढ़ की पटवारी सोनिया चौहान से बनवाई थी। लेकिन यह पावती फर्जी है। इसका खुलासा तब हुआ जब वह जमीन का खाता खसरा की कॉपी निकलवाने के पहुचा। वहां इस जमीन का खाता खसरा की नकल मेरे ओर मेरी पत्नी के नाम से नही निकल रही थी। कम्प्यूटर के रिकार्ड में यह जमीन सरकारी बताई जा रही थी। खाता खसरा निकालने वाले ने बताया कीजो पावती दी गयी है वह फर्जी है।

रमेश ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने इस जमीन की पावती बनाने के लिए बजरंगगढ़ की पटवारी सोनिया चौहान को टुकड़ो टुकड़ो में करीब एक लाख नब्बे हजार की राशि दी। और साथ मे उनके घर पुताई का काम भी किया। शिकायत में रमेश ने फर्जी पावती बनाकर देने वाली महिला पटवारी के खिलाफ कार्रवाई कर उसके रुपये वापस दिलाये जाने की मांग की है। इस शिकायत पर कलेक्टर ने सैलाना एसडीएम को तत्काल जांच कर तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने को कहा है।