
आलोट आलोट विधानसभा में भाजपा के बाद अब कांग्रेस में भी बगावत के स्वर उभर आए है। प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी सूची में आलोट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पुन विधायक मनोज चावला को उम्मीदवार घोषित किए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक बड़ा खेमा नाराज हो गया। कार्यकर्ताओं के नाराज खेमे ने अपनी रणनीति बनाने के लिए तीन दिन बाद 19 अक्टूबर को एक बैठक रखी है। इस बैठक में नाराज कार्यकर्ताओं ने उज्जैन आलोट क्षेत्र के पूर्व सांसद कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू को विशेष रूप से आमंत्रित किया है। चर्चा है की इस बैठक में नाराज कार्यकर्ता प्रदेश हाईकमान से टिकट परिवर्तन करने की मांग करेंगे। और टिकट में परिवर्तन नहीं होने पर अपनी ओर से निर्दलीय रूप से किसी को चुनाव मैदान में उतार सकते है। संभावना है की नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरने के लिए पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू को राजी कर सकते है।
आलोट कांग्रेस के नाराज कार्यकर्ताओं की यह बैठक 19 अक्टूबर को साढ़े ग्यारह बजे प्रेमचंद गुड्डू के कार्यालय पर ही होगी।
इस बैठक में यह तय हो जाएगा की नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू देकर निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरेंगे की नही। अगर पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू निर्दलीय रूप से चुनाव मैदान में उतरते है तो यह कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला के लिए बड़ी मुसीबत हो जाएगी। क्यों की पिछला चुनाव में कांग्रेस ने एकजुटता के साथ लड़ा था तब भी केवल 5 हजार से चुनाव जीता था। पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला के साथ आलोट के दो कद्दावर नेता जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष वीरेंद्र सोलंकी और निजाम काजी साथ थे जो अब आलोट की राजनीति छोड़कर जावरा जा चुके है। ऐसे में प्रेमचंद गुड्डू का निर्दलीय रूप से मैदान में आने से कांग्रेस के कार्यकर्ता अगर उनके साथ आ गए तो कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला की जीत की राह मुश्किल हो जाएगी। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू चुनाव मैदान में कूदते है तो वह आर्थिक रूप से काफी सक्षम है और अपने साथ आने वाले कार्यकर्ताओं को चुनाव मैदान में उतरने के लिए वह किसी भी संसाधन की कमी नहीं होने देंगे। वैसे प्रेमचंद गुड्डू आलोट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ कर विधायक और उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़कर सांसद भी रह चुके है इस वजह से आलोट विधानसभा में उनको पहचान की कोई दिक्कत नहीं है। आलोट विधानसभा में उनके सेकडो समर्थक है यह कांग्रेस आलाकमान को भी पता है। ऐसे में अगर प्रेमचंद गुड्डू चुनाव मैदान में निर्दलीय रूप से उतरते है तो कांग्रेस की जीत पर सवाल खड़े हो जाएंगे। इसकी मुख्य वजह कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चावला के साथ कोई भी ऐसा नेता अभी दिखाई नही दे रहा है जो विधानसभा क्षेत्र में जनाधार रखता हो।