रतलाम । हमारी सनातन संस्कृति में नारी को देवी का स्थान दिया गया है। देश और दुनिया में आज उसी नारी शक्ति को उनके अधिकार देने पर बहस हो रही है। ऐसे में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ हुए ‘सुनें सुनाएं’ के तेरहवें सोपान में इसी आधी आबादी ने अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं का पाठ किया। किसी ने पिता और बेटी का संबंध बताया तो किसी ने नए कृष्ण के आगमन की आवश्यकता पर बल दिया। किसी ने कहा आसान नहीं होता नारी से प्रेम करना।

सुनें सुनाएं का तेरहवां सोपान 1 अक्टूबर 2023 (रविवार) को जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल (एनैक्सी प्रथम तल), रतलाम में संपन्न हुआ। पहली बार सुनें सुनाएं का यह सोपान सिर्फ महिलाओं पर केंद्रित रहा। आधी आबादी का प्रतीक नीता गुप्ता ने अटल बिहारी वाजपेयी की रचना ‘उमर की ऐसी तैसी…’, सुशीला भाटी कवि जुझार सिंह भाटी की रचना ‘मुझको बहुत भाती है तेरी बिंदिया…’ प्रस्तुत की। आशा श्रीवास्तव ने संजय सिंह की रचना ‘बाबूजी…’ सुनाते हुए पिता और बेटी के रिश्ते की खूबसूरती बताई। रीता दीक्षित ने कवि प्रदीप की रचना ‘चलो चलें मां…’, सीमा बोथरा ने रश्मि गुप्ता की रचना ‘नया कृष्ण आना होगा…’, अर्चना दलाल ने सविता पाटिल की रचना ‘आत्मविश्वास…’, आशारानी उपाध्याय ने गीतकार एवं शायर सिद्दीक रतलामी की रचना ‘गैरों को जाना पहचाना…’ का पाठ किया।

योगिता राजपुरोहित ने अनुपमा भगत की रचना ‘आसान नहीं होता…’ सुनाई तो सुशीला सिंह ने रामधारी सिंह दिनकर की रचना ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को…’ का पाठ किया। इस मौके पर कवि एवं रंगकर्मी एडवोकेट यूसुफ जावेदी का जन्मदिन भी सेलिब्रेट किया गया। उन्हें काव्यात्मक बधाई और शुभकामना दी गई। पूर्व प्राचार्य ओमप्रकाश मिश्र ने यूसुफ जावेदी की लिखी रचना और ख्यात शायद फैज अहमद फैज की रचना सुनाई। एडवोकेट कैलाश व्यास, विनोद झालानी एवं श्याम सुंदर भाटी ने भी प्रस्तुति दी।

समय पर शुरू, समय पर विराम

सुनें सुनाएं की खूबसूरती और सफलता की खास बात समय पालन है। यह प्रत्येक माह के पहले रविवार को आयोजित होता है। नियत समय सुबह 11 बजे शुरू होना और ठीक 12 बजे संपन्न होता है। यह सुनाने से ज्यादा सुनने वालों का प्रिय मंच है जहां रचनाधर्मी अपनी नहीं, बल्कि अपने प्रिय रचनाकारों की रचना सुनाते हैं। इसमें न भूमिका होती है और न ही अन्य प्रकार की औपचारिकताएं। यदि आप में ऐसे ही आयोजनों में रुचि तो आप भी सुनें सुनाएं।

ये रहे उपस्थित

रीता दीक्षित, कविता व्यास, सुरेश बरमेचा, संजय दलाल, अर्चना दलाल, सुशीला राठौड़, इंदु सिन्हा, रवि बोथरा, जुझार सिंह भाटी, ललित चौरड़िया, आई.एल. पुरोहित, संजय बालकृष्ण शर्मा, दुष्यंत कुमार व्यास, डॉ. प्रदीप कोठारी, विष्णु बैरागी, कीर्तिकुमार शर्मा, दीपक व्यास, नरेंद्र सिंह डोडिया, छवि नीलिमा सिंह, कमलेश शुक्ला, स्मिता शुक्ला, किरण जैन, महावीर वर्मा, आभा त्रिवेदी, राकेश पोरवाल सहित आदि उपस्थित रहे।

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