


रतलाम । ivnews । शहर के 80 फिट रोड रत्नपुरी स्थित सज्जन मिल तालाब जो कि प्राचीन हनुमान ताल के रूप में पहचाना जाता हैं , शहर के मध्य एक अच्छा पर्यटक स्थल के रूप में सामने आया है । इस हनुमान ताल पर तड़के सुबह और शाम बड़ी संख्या में नागरिक वॉकिंग करने आते है । प्राकृतिक हरियाली और स्वच्छ हवा सेहत में दवाई का काम करती हैं । बताया जाता हैं कि इस हनुमान ताल में सुबह सबेरे आये नागरिको ने बड़ी संख्या में बगले , कबूतरों को मृत अवस्था में देखा । रहवासियों की माने तो ये कबूतर छीटे और बड़े है जो मूर्क्षित होकर गिरते हैं और कुछ ही पलों में मौत के मुंह में समां जाते है । अचानक से बडी संख्या में कबूतरों और बगले की मौत के कारण समझ नही आ रही हैं । फिर भी लोगो का मत है बड़ती गर्मी कारण हो सकता है । जबकि कुछ लोगो का मानना है कि गर्मी के कारण तेजी से गिरते भू जल स्तर के कारण हनुमान ताल का पानी कम होता जा रहा है । इस पानी में लोग तरह तरह की सामग्री फेंक जाते है । तालाब में गंदे पानी के मिलने से भी इंकार नहीं किया जा सकता , जिसकी कई मर्तबा शिकायत की जा चुकी हैं । कि तालाब का पानी प्रदूषित भी हो सकता है । शहर के मध्य विकसित हनुमान ताल में समाजसेवियों ने विकास कर इसे खूब सूरत बनाने का प्रयास किया है , लेकिन नगर निगम की उदासीनता के कारण हनुमान ताल अब तक उपेक्षित ही है । जबकि कई बार तालाब के विकास की योजनाएं बनी , बोटिंग के सपने संजोए गए लेकिन जिम्मेदारो की इच्छा शक्ति नहीं होने के कारण सब कागजो में ही कैद होकर रह गया है । इसके पहले आक्सीजन की कमी से झाली तालाब में अठखेलियाँ करने वाली सैकड़ो जलरानी मच्छलीय भी मौत के मुंह में समा गई थी ।