रतलाम,IV NEWS
एक तरफ हम रामराज्य की बाते करते हैं दूसरी तरफ आरती के लिए ही अनुमति लेनी पड़ती हैं। मामला करमदी स्थित जैन तीर्थ और उसके समीप ही स्थित हनुमान जी के मंदिर के धर्मध्वजा को लेकर चल रहा विवाद है, जिसने अब स्वभिमान की लड़ाई का रूप ले लिया है। शनिवार शाम को प्रशासन के आला अधिकारी धर्म ध्वजा लगाने के लिए करमदी पहुंचे , उससे पहले ही भरी संख्या में पुलिस बल तैनात कर सभी दरवाजे बंद कर दिए गए।
मौके पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ,पुलिस कप्तान राहुल कुमार लोढ़ा, एएसपी राकेश खाखा, एसडीएम संजीव केशव पांडेय सहित प्रशासनिक अमला पहुंचा और प्रशासन ने जैन तीर्थ के पास इमली के पेड़ के करीब धर्म ध्वजा लगाने के लिए गढ्ढा खुदवाना शुरू करवाया लेकिन तकनीकी दिक्कते आने पर काम रोक कर कलेक्टर ने बडी मशीन बुला कर रात को ही काम करने के निर्देश देकर चले गए। इसी बीच ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और नगर विधायक के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर मनमानी का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहाभगवा नहीं तो वोट नहीं कहते हुए आक्रोश जताया ।
पुलिस पर आरती नही करने देने का आरोप
शाम की आरती के लिए ग्रामीण जैन तीर्थ के मुख्य द्वार पर पहुंचे जिससे मंदिर के अंदर संध्या आरती की जा सके, लेकिन पुलिस की तैनाती होने से पुलिस ने सिर्फ पांच लोगो को अंदर आकर आरती करने की अनुमति दी जिसे ग्रामीणों ने खारिज कर बाहर फिर नारेबाजी और धरना देकर बैठ कर हनुमान चालीसा पाठ शुरू कर दिया।
अंदर प्रशासन ने की आरती
ग्रामीणों का आक्रोश और आरती नही करने देने के आरोपों से बचने के लिए अंदर प्रशासन के अधिकारियों ने आरती कर ठंडे पानी के छींटे डालने का प्रयास किया । एसडीएम ने मंदिर का घंटा बजाया और पुलिस अधिकारी ने आरती की । लेकिन पुलिस अधिकारी बेल्ट लगाए हुए थे जो सनातन धर्म और संस्कृति के मुताबिक गलत है।
फिर हुई आरती
रात करीब साढ़े आठ बजे आक्रोषित ग्रामीणों ने बंद दरवाजे के बाहर ही सड़क पर ढोल ढमाके बजाकर आरती शुरू कर दी और शासन प्रशासन को सदबुद्वी की कामना की । विवाद के दौरान सनातन धर्म की वकालत करने वालो का वोट बैंक के खातिर दूरियां बनाए रखना भी चर्चा का विषय बना रहा। इधर समाचार लिखे जाने तक प्रशासन ने फिर बडी मशीन से खुदाई शुरू करवा कर ध्वजा लगाने का काम शुरू कर दिया था लेकिन रात को क्या धर्म ध्वजा लगाने की धर्म अनुमति देता है पर चर्चा होती रही।