रतलाम IV NEWA
सेव, सोना और साड़ी के बाद साहस में भी रतलाम शहर ने देश दुनिया में अपना नाम दर्ज करवा दिया है। शहर के पर्वतारोही दंपती अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस फतह कर रतलाम का नाम दर्ज करवा दिया है। बैंककर्मी अनुराग और पटवारी पत्नी सोनाली ने 15 अगस्त की रात 11 बजे निकल कर -20 से -25 डिग्री तापमान में पर्वतारोहण कर 16 अगस्त की सुबह 5.30 बजे माउंट एल्ब्रुस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। माउंट एल्ब्रुस पर पहुंचकर दोनों ने राष्ट्रगान गाया और सूर्य नमस्कार किया।
यह उपलब्धि हासिल करने वाले सोनाली और अनुराग भारत के पहले दंपती बन गए हैं। अफ्रीका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी किलिमंजारो पर भारतीय तिरंगा फहराने के बाद रतलाम के दंपती अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने के बाद दोनो दंपति रविवार की दोपहर वापस अपने शहर आ गए हैं। रतलाम रेलवे स्टेशन पर पर्वतारोही अनुराग और सोनाली का स्वागत करने के लिए इष्ट मित्रों सहित शहर के राजनेतिक दलों के जनप्रतिनिधियो ने ढोल ढामाको के साथ जोरदार स्वागत कर नगर प्रवेश करवाया । और रैली के रूप में उन्हें अपने घर ले जाया गया ।
पिता से चिपट गया मासूम बेटा
अनुराग और सोनाली का 3 वर्ष का बेटा रुद्रांजय भी है, जो अपने दादा दादी के पास था, सिर्फ मोबाइल पर वीडियो कॉल पर ही बात कर मम्मी पापा को देखता था, पर्वत विजय अभियान को सफल कर जब रतलाम पहुंचे तो अपनी मम्मी पापा को लेने बेटा भी रेलवे स्टेशन गया था। रेलवे स्टेशन पर जैसे ही ट्रेन पहुंची परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था। अपने पापा मम्मी को देख बेटा भी खुश हो गया पिता की गोद में जाते ही बेटा रोने लगा, और पापा मम्मी ने भी अपने लाल को कलेजे से लगा कर दुलार किया ।
शान से लहराया तिरंगा
रेलवे स्टेशन पर अनुराग ने बताया हमे चोटी पर पहुंचने में पांच दिन का समय लगा । लेकिन जब हमने तिरंगा लहराया और राष्ट्रगान गाया तो हमारी खुशी और गर्व का ठिकाना नहीं था।
चुनौती भरी थी राह
पत्नी सोनाली ने बताया चोटी पर चढ़ाई और रास्ता चुनौती भरा था लेकिन हम अकेले नहीं थे सबका आशीर्वाद हमारे साथ था । सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ कर जब तिरंगा लहराया तो हमे बहुत खुशी हुई। वैसे तो भारत का तिरंगा हाथ में आते ही गर्व महसूस होता है ।