रतलाम जिले से गुजर रहे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से जहा आमजन को सुविधा मिली है तो से इससे लगी जमीनों पर खेती करने वाले कई किसान परेशान है। किसानों की परेशानी की वजह व्यवस्थित jl निकासी नही होने से खेतो में पानी भरने से फसल नष्ट होना और खेतो में आने जाने के लिए रास्ता नहीं दिया जाना है।

भारतमाला योजनांतर्गत बन दिल्ली मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस वे से लगी जमीनों पर खेती करने वालें ये किसान आज कलेक्टोरेट में आयोजित जनसुनवाई में पहुंचे और अपनी समस्या का आवेदन दिया। इनमे नामली क्षेत्र के बड़ौदा, कांडरवासा और मेवासा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की एक्सप्रेसवे से लगी जमीन व्यवस्थित जल निकासी नहीं होने के कारण इस बार फिर जलमग्न हो गई है।

वहीं किसानों का आरोप है कि 8 लेन निर्माण कंपनी ने किसानों के खेत पर जाने के मार्ग भी बंद कर दिए हैं। परेशान सैकड़ों ग्रामीण आज जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर पहुंचे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि कि बीते 3 सालों से हर वर्ष बारीश में 8 लेन के दोनों तरफ खेतों में जलभराव हो जाता है जिससे उनकी फसल चौपट हो रही है। वहीं, गांव से एक खेत तक जाने के रास्ते भी 8 लेन की वजह से बंद हो गए हैं जिसकी वजह से किसानों को 8 से 10 किलोमीटर तक का लंबा सफर तय कर खेत तक जाना पड़ रहा है। इस मामले पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जल्द ही समस्या का समाधान किए जाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है और इस मामले को टीएल में लिया है।

धरना आंदोलन की चेतावनी

जिले की सीमा से गुजर रहे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के अधिकांश हिस्सों में रोड के दोनों तरफ जल भराव हो गया है। ग्रामीणों को निर्माण एजेंसी द्वारा खेतों तक पहुंचने के एप्रोच रोड और सड़क के दोनों छोर पर सर्विस रोड बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन ग्रामीण लगातार 3 सालों से जलभराव की समस्या से परेशान हैं। वहीं, किसानों के खेत तक जाने के परंपरागत रास्ते को एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने बंद करवा दिया है। अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंचे ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 10 दिनों में उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जाता है तो ग्रामीण धरना प्रदर्शन करेंगे

By V meena

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