फुलछाप के ऊपर वाले चुनाव को देख हर कार्यकर्ता से लेकर नेताओं तक को साधने में जुटा है लेकिन स्थानीय संगठन अब भी एक दूसरे को निपटाने में लगे हैं। पटरी पार क्षेत्र में हुए सड़क निर्माण के समारोह में भी फुलछाप की खींचतान चलाती रही। महामहिम के स्वागत से लेकर मंच पर नही बुलाने को लेकर एक महिला नेत्री और कुछ पदाधिकारी नाराज़ रहे । जिनकी आंखे टर्राती रही। जो महामहिम का आयोजन बीच में छोड़ कर जाने लगे , तभी एक कार्यकर्ता ने पूछ लिया क्यों जा रहे हो तभी जिम्मेदार पदाधिकारी बोले इससे बड़ा एक और कार्यक्रम है। अब कार्यकर्ता भी सोच में पड़ गया की महामहिम की मौजूदी से बड़ा कौन सा कार्यक्रम हो सकता है….?
दुष्कर्मी नेताजी का राजनीति से तौबा
आदिवासी बहुल क्षेत्र में जयस नेता के रूप में अपनी छबि बनाने वाले नेताजी अपने ऊपर लगे दुष्कर्म के आरोप के बाद से फरारी और फिर गिरफ्तारी से सुर्खियों में रहे थे । इन नेताजी ने चुनाव में अपना दम दिखाने की बात कही थी। लेकिन इन नेताजी के विचार अब बदल गए है। सोशल मीडिया पर नेताजी ने अपना वीडियो वायरल कर कहा है कि उनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। वे चुनाव में कोई दावेदारी पेश नही करेगे । अचानक इन नेताजी के विचार बदलने से राजनेतिक गलियारे में आखिर क्यों वाली चर्चाएं चल रही है। नेताजी अब समाज सुधारक , शैक्षणिक गतिविधियों के विस्तार में लगेंगे । कहने वाले कहने लगे हैं क्या नेताजी सुधर गए है। जब की हाल ही में नेताजी ने एक शिक्षक को फोन धमकी देकर गलियों की बरसात की थी ,वह मामला भी थाने में दर्ज है।
क्या महामहिम का आना गरिमा के विपरीत था….?
चुनाव नज़दीक आते ही शहर में विकास कार्यों की रफ्तार तेज कर दी गई है। शहर को नगर से महानगर बनाने के लिए चौमुखा विकास से नवाजा जा रहा है। गत दिनों शहर में सिटी फोर लेन की सौगात देने के लिए करोड़ रूपए की लागत से पटरी पार वाले क्षेत्र में भूमिपूजन के लिए समारोह रखा गया। आयोजन को राजनेतिक दृष्टि से भव्य बनाने के लिए बतौर अतिथि सरकार के मंत्री और दूसरे राज्य के महामहिम राज्यपाल साहब को बुलवाया गया। माननीय और महामहिम के आगमन पर प्रशासन ने भी प्रोटोकॉल के तहत तमाम व्यवस्थाएं की सारा खर्चा भी नगर निगम को उठाना ही है। गाड़ियों का काफिला भी हूटर बजाते हुए शहर की सड़को से गुजरा और राहगीर सावधान की मुद्रा में खड़े होकर सारा तमाशा देखते रहे। आयोजन स्थल पर महामहिम और माननीय मंत्री जी ने सड़क निर्माण की रस्म अदा की । चुनाव को देखते हुए अपने भाषणों में विकास का झंडा फहराया और एक दूसरे नेताओ का राजनेतिक कद बडाने का प्रयास किया गया। माननीय और महामहिम के रवाना होते ही रायचंद इतने छोटे आयोजन में महामहिम को बुलाने, उनकी गरिमा पर सवाल खड़े कर बहस करते रहे की राजनीति में अपना कद बड़ा करने के लिए कायदे कानून भी ताक पर रख दिए जाते है। वैसे भी शहर की राजनीति में माननीय नेताओ की कोई कमी नहीं है। लेकिन ….. बस वही बात जो ना मुमकिन है वह मुमकिन है.. । फिर सियासत किस करवट बैठे , सत्ता में बैठे नुमाइंदों का फोकस तो विकास कार्य शुरू करवाना है भले ही गुणवत्ता न हो विकास कार्य शुरू होंगे तभी तो उनके विकास की गारंटी होगी
तबादला होते ही…..
राज्य शासन ने पटवारीयो और बडी संख्या में खाकीवर्दी वाले साहबो का तबादला कर सूची जारी की है। सरकार की ये तबादला सूची कुछ साहब लोगो को रास नहीं आ रही है। तबादला होने के बाद भी जिले से मोह नहीं छूट रहा है, मामला हिसाब की गणित से जुड़ा होने से कुछ साहब और कुछ खाकी वर्दी वाले साहब अपने नेताओ की शरण में है कुछ तबादला निरस्त करवाने के ,तो कुछ स्थान बदलवाने के लिए भोपाल के चक्कर लगा रहे हैं, फोन खटखटा रहे है लेकिन अब तक प्रयास सफल नहीं हुए हैं तो किसी को सोमवार तक इंतजार करने को कहा गया है।
लो पॉलिटिक्स टेंशन पुड़िया
विधान सभा चुनाव के करीब आते ही पॉलिटिक्स टेंशन टेबलेट भी आने लगी है। फूलछाप और पंजा पार्टी के दो पर्व मेयर तो ताल ठोक ही रहे है। लेकिन अब सोशल मीडिया के माध्यम से एक जनसेवक नाम से बाजार में आई पोस्ट राजनेतिक गलियारे में सरदर्द बनती नजर आ रही है क्योंकि ये पोस्ट भी कम बाजनदार की नही है, सामाजिक स्तर हो या पुरानी राजनीति से तो जुड़े व्यक्ति की है जो शहर के व्यापारिक नब्ज को भी टटोलने में माहिर है। फिर सबसे बडी बात तो यह है कि फूलछाप के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री के परिवार से जुड़ा होने से भी पॉलिटिक्स टेंशन तो है…?