रतलाम। रतलाम जिले के एक सरकारी स्कूल के टीचर ने शिकायत भरे अंदाज में अपनी विडम्बना को राज्य सरकार के सीएम हेल्पलाइन के 181 नंबर पर दर्ज कराई है। 8मिनट 55 सेकंड तक अपनी शिकायत को विडंबना बताकर दर्ज करवाने वाले सरकारी स्कूल के टीचर की सीएम हेल्प लाइन में हुई बातचीत का ऑडियो अब सोशियल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सीएम द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में भेदभाव की बात कहते हुए रतलाम जिले के पिपलोदा के सरकारी स्कूल के टीचर गणेश मालवीय ने कहा कि क्या सरकारी कर्मचारी की पत्नी मुख्यमंत्री जी की लाडली बहना नही है। उनको क्यो एक हजार रुपया नही देकर भेदभाव किया जा रहा है।
अपनी शिकायत को विडंबना बताकर सरकारी स्कूल टीचर गनः मालवीय ने मुफ्त की योजाओ को लेकर भी सवाल खड़ा किया है। उसने कहा कि वह सरकारी कर्मचारी है वह सरकार को टैक्स देता है ताकि देश प्रदेश का विकास हो। स्वास्थ्य शिक्षा सहित बुनियादी सुविधा सरकार उपलब्ध करा सके। लेकिन सरकार तो लाडली बहना योजना, पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं में एक हजार से लेकर ढाई से तीन लाख रुपये मुफ्त में देकर उसके टेक्स के रूप में दिए गए पैसे का दुरुपयोग कर रही है।
सरकारी स्कूल के टीचर गणेश मालवीय ने सीएम हेल्प लाइन में उसके फोन को सुनने वाली महिला कर्मचारी को कहा कि उसकी यह बात की पूरी रिकार्डिंग मुख्यमंत्री तक जरूर पहुचाये।आठ मिनट 55 सेकंड की इस बातचीत का ऑडियो अब सोशियल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
इस बातचीत का विवरण………..
नमस्ते मैं सीएम हेल्पलाइन से नेहा बात कर रही हूं मैं आपकी क्या सहायता कर सकती हूं…….. मैडम नमस्कार आपको बहुत-बहुत…….. मैं गणेश मालवीय बोल रहा हूं……मैडम मैं थोड़ा सा यह निवेदन कर रहा था मैंने यह जो कॉल लगाई है यह कोई शिकायत के लिए नहीं लगाई है मेरा एक सुझाव भी है और एक निवेदन करना चाह रहा था कि मुख्यमंत्रीजी मुफ्त की जो योजनाएं चलाते हैं उस योजना को लेकर थोड़ा सा मेरे मन में द्वंद चल रहा है। आखिर ये योजनाएं सरकार मुफ्त की चलाती है और सरकार खुद आगे होकर बोलती है कि मुफ्त की रेवड़ियां नही बाटी जाए…..तो मैं यह जानना चाहता हूं यह जो सरकार है माननीय मुख्यमंत्रीजी यह जो घोषणा कर रहे हैं जिस प्रकार से लाडली बहना योजना है इसके ऊपर आप पैसा दे रहे हो…. कोई दिक्कत नहीं पैसा दे रहे हो उसके लिए धन्यवाद आपको…….लेकिन यह चुनावी चुनावी मसला है… मैं समझ रहा हूं …आप भी समझ रहे हैं…मैडम मैं चाहता हूं कि लाडली बहनों को जब आप 1000 रुपये दे रहे हैं तो क्या किसी सरकारी कर्मचारी की पत्नी लाडली बहन नहीं है। उसके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया गया। उसको भी 1000 रुपये दे सकते हो आप…. वह कौन सा काम करती है…. वह तो ग्रहणी है। दूसरी बात जब हम कर्मचारी काम करते हैं…जब हम काम करते हैं तो टैक्स स्लैब होता है वह एक सिस्टम के बाद हम टैक्स देते हैं जितना आपका बन रहा है उसके बाद हम टैक्स देते हैं। मैंने खुद ने इस साल 36000 रुपये टैक्स दिया है। मेने 36000 टैक्स गवर्नमेंट को क्यों दिया। भारत चलाने के लिए मध्यप्रदेश चलाने के लिए दिया न की मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए दिया। क्या मध्यप्रदेश की लाडली बहनों को खुश करने के लिए आप एक 1000 रुपये दे दो….. हमारा पैसा जब करोना काल में पूरे भारत की स्थिति खराब थी तब पूरे भारत के कर्मचारियों ने कोरोना में अपनी तनखा में से रुपये देकर संकट में मदद की थी।माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी खुद बोलते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के सहारे ही पूरा भारत खड़ा रहा क्योंकि उस समय जनसेवी संस्थाएं आगे रही। सरकारी कर्मचारी आगे रहे। क्योंकि उन्होंने जेब की तनखा निकाल कर आम जनता में बांटा। घर चलाने के अलावा कोरोना काल में भी सहयोग दिया। मैडम मेरा यह कहना है कि जैसे मैं नौकरी कर रहा हूं तो मैं तनखा लेकर नौकरी कर रहा हूं तो मैं टेक्स दे रहा हूं तो क्या मैं उक्त घोषणा करने के लिए टैक्स दे रहा हु।आप सरकार चलाने के लिए पैसा ले रहे हो पेट्रोल डीजल खरीदे देश की सड़कें बनाईये, बिजली बनाये आप देश को उन्नत बनाइए शिक्षा व्यवस्था रोजगार व्यवस्था स्वास्थ्य व्यवस्था में पैसा खर्च कीजिए……( मैडम की आवाज जी…. जी… जी … )ऐसा ही एक परिवार चलता है मैडम मैं परिवार का मुखिया हूं मुझे 5 लोगों को चलाना है तो 5 लोगों को चलाने के लिए मुझे घर का मुख्यमंत्री मान लिया जाए तो कोई गलत थोड़ी है……प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसे भेदभाव करेंगे की सरकारी कर्मचारियों से पैसा टैक्स के रूप में लेते रहो… व्यापारियों से टेक्स में पैसा लेते रहो और गरीब आम जनता को ढाई ढाई तीन तीन लाख फ्री का दे दो…. वह काम कुछ भी नहीं करते हैं… 1000 रुपया महीना लाडली बहना में दे दीजिए।आप कुछ योजनाएं अच्छी है…. मैं मानता हूं…जैसे विधवा पेंशन हुई आपकी दिव्यांग पेंशन हुई इसके लिए मैं मना नहीं कर रहा हूं मैडम….. यह लोग लाचार हैं बेबस गरीब हैं उनको तो दो आप…. लेकिन लाडली बहना योजना, प्रधानमंत्री मकान बनाने जैसी ढाई ढाई तीन तीन लाख जैसी योजना….. ऐसी योजना मैडम जिसके घर मे सरकारी कर्मचारी नौकरी भी करता है और उसका लड़का 18 – 20 साल का हो गया है तो उसने अलग परिवार बना लिया वह गरीबी रेखा के कूपन में नाम लिखवा लेता है उसको मकान मिल जाता है उसकी मिसेस को लाडली बहना में जोड़ देते हैं….. आप मेरी बात पहले पूरी सुन लीजिए मेरी कोई शिकायत नहीं है…..मेरा यह कहना है मैडम मैं नौकरी करके सरकार को को पैसा टैक्स के रूप में देता हूं। देश चलाने के लिए मध्य प्रदेश चलाने के लिए…. जब मैं मेहनत कर रहा हूं मैं इलेक्शन का बीएलओ भी हूं इलेक्शन का बीएलओ होने के नाते मुझे साल भर मैं 6000 रुपये मिलते हैं..500 रुपये प्रति माह के हिसाब से…. जब मैं बीएलओ की अतिरिक्त नौकरी कर रहा हूं तो मुझे काम करने के 6000 रुपये देती है सरकार तो…..लाडली बहना को घर बैठे 1000 रूपयर देती है तो वह क्यों….क्या आप उसको रोजगार नहीं दे सकते हो….सिलाई कढ़ाई बुनाई हैंडलूम छोटा-मोटा किराना व्यापार पत्तल दोने कुछ भी आप ऐसी चीज चीजें बनवा सकते हो जो लाडली बहना घर पर कर सकती है। आप स्थानीय विधायक जो भी है…. मेरे यहां डॉक्टर राजेंद्र पांडे जी लगते हैं आप उनसे कहिए कि जो भी आपके यहां लाडली बहना है उनको काम दीजिए… उनको तनखा मिलेगी….. रोजगार दीजिए….लेकिन आप क्या चाहते हो उनको बेरोजगार बना रहे हो… आप 1000 रुपये खाते में डाल रहै हो… कौन काम करेगा यह बताओ……. मैडम आप भी यहां मेरी बात सुनने के लिये नियुक्त हैं टेलीफोन पर मेरी बात सुन रही हैं…. आप भी फ्री में तो नहीं बैठे होंगे आपको भी तनख्वा मिल रही होगी ना ….. काम कर रहे तो तनख्वा मिल रही है ना आपको…. कि घर बैठे तनख्वा मिल रही है मैडम.. काम करने की तनखा दी जाती है… मुख्यमंत्री एकदम से बोल देते हैं कि मैं यह करता हूं कि ढाई लाख रुपए प्रधानमंत्री जी ने दे दिया ₹1000 लाडली बहना को दे दिया आने वाले समय में बारह सौ, सत्रह सो से तीन हजार तक कर दूंगा…….कहां से ला कर दोगे भाई… आपकी कोई खेती है… क्या 1000 बीघा जमीन है..उसमें से लाकर दोगे….. हमारा ही पैसा आज मैं इस बात को लेकर परेशान हु की हमारे पैसे का देश में इतना दुरुपयोग हो रहा है…. कोई भी नेता आता है लॉलीपॉप देता है…..इधर कमलनाथ जी आ गए 15 सो रुपए महीना महिलाओं को देने का बोला… हम गैस टंकी का 500 रुपये ही कर देंगे….अरे तुम लॉलीपॉप क्यों देते हो आप जनता को….. रीढ से तोड़कर के जमीन पर सुला देते हो जनता को…. उनकी रीढ हड्डी मजबूत रहने दो…. उसका स्वाभिमान खड़ा करो….. मोदी जी ने कहा है हमारा देश स्वाभिमानी देश है ऐसे कैसे हो जाएगा स्वाभिमानी…… अरे मैडम आप सहायता कर सकते हो… जब 181 माननीय मुख्यमंत्री जी ने समस्या समाधान के लिए रखा तो कम से कम मुख्यमंत्री जी खुद एक समस्या खड़ी कर रहे हैं इस तरीके से एक कर्मचारी की पत्नी जो मेरी पत्नी है उसको भी1000 रुपये नही दे रहे है ….. लेकिन मैं भी नहीं चाहता हूं कि मेरी पत्नी को मुफ्त में 1000 रुपये मिले…. वह अपने पैर पर खड़ी रहे… वह कुछ काम करें…..मैं चाहता हूं मैडम मेरा भारत, मेरा मध्य प्रदेश, मेरा घर, मेरा मोहल्ला स्वाभिमानी हो और हाथ से कमा कर खाए शाम को जब वह पसीना पहुंचे तो उसको लगे कि मैंने मेहनत की है….. आप क्या करना चाहते हो पूरे देश को पंगु बनाना चाह रहे हो….. अभी बिजली मुफ्त कर देंगे… फिर कभी किसानों का ऋण मुक्त कर देंगे…. अभी व्यापारियों का लाखों करोड़ों रुपए का ब्याज माफ कर देंगे….. कर्मचारियों को कोई नहीं देता कर्मचारियों ने क्या बिगाड़ा है आपका यह बताइए…अभी माननीय मुख्यमंत्री जी को लगा कि चुनाव आने वाले हैं इतने दिन से 4 परसेंट डीए टलता जा रहा था…. अब उनको मौका लगा तो उन्होंने कल उस चीज की घोषणा कर दी… अभी घोषणा करने के बाद भी यह कोई गारंटी नहीं की मिल जाएगा… हम भी जानते हैं हम भी कर्मचारी संगठन से जुड़े हैं ….कर्मचारियों के प्रतिनिधि है….मैं भी कर्मचारी संगठन का प्रतिनिधि हूं… तृतीय श्रेणी कर्मचारी संघ जिला सचिव हूं। मैं बोलना चाहता हूं माननीय मुख्यमंत्री जी के कान में कम से कम हमारी विडंबना तो जाए…..यह शिकायत थोड़ी है यह हमारी विडंबना है…. मुख्यमंत्री जी से कैसे बोलेंगे….. चारों तरफ गनमैन रहते हैं उनका प्रोटोकॉल इतना खतरनाक रहता है कि हम उनसे बात कर नहीं सकते….. हम ज्ञापन देंगे तो उनका पीए फेंक देगा…. हम कैसे बात करें यह बताइए आप…. माननीय मुख्यमंत्री जी एक विधायक दल के नेता हैं…..हमारे जावरा के विधायक है इन्हीं में से एक हैं…. इनमें से वह मुख्यमंत्री बने हैं… हमारी समस्या मुख्यमंत्री जी को कैसे बताएं यह बताओ… 181 नंबर पर भड़ास निकाल लेते हैं….. तो मैडम मेरा निवेदन है कि यह मेरी पूरी रिकॉर्डिंग दे… मुख्यमंत्री जी को कहें पूरे मध्यप्रदेश में पहला यह ऐसा कैस है….मुख्यमंत्री जी ने 181 शिकायत के लिए रखी है जिस ओर उन्ही के खिलाफ शिकायत आई है….. कर्मचारी की विडंबना है दुखी है वह तकलीफ है है। मुख्यमंत्री जी आपको ही तकलीफ दूर करना है….. मैडम आप यह मेरी बात को मेरी रिकॉर्डिंग को मुख्यमंत्री जी के समक्ष पेश कर मुझे संतुष्ट करें… आने वाले चुनाव में जो भी मतलब है उससे कोई लेना देना नहीं है लेकिन मेरे पैसे का जो टेक्स देता हूं उसका सदुपयोग होना चाहिए…. देश की तरक्की में होना चाहिए ना की मुफ्त की रेवड़ी बांटने में…. मैडम मैंने जो भी यह बात कही है बस वहां तक पहुंचा दीजिए आप ठीक है….. धन्यवाद…….