रतलाम अपनी रचनाओं के माध्यम से देशभर में रतलाम का नाम रोशन करने वाले मरहूम शायर दानिश अलीगढ़ी की स्मृति में जनवादी लेखक संघ, रतलाम द्वारा ‘ दानिश अलीगढ़ी स्मृति सम्मान’ की स्थापना की गई है । वर्ष 2022 का प्रथम स्मृति सम्मान वरिष्ठ कवि एवं भाषाविद डॉ. जयकुमार जलज को प्रदान किया जाएगा। उक्त निर्णय जनवादी लेखक संघ रतलाम की सम्मान समिति की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता जलेसं अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौर ने की ‌। सम्मान निर्धारण समिति में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो रतन चौहान, युसूफ जावेदी एवं जनवादी लेखक संघ रतलाम के सचिव सिद्धीक़ रतलामी शामिल रहे ।
उक्त जानकारी देते हुए जलेसं कोषाध्यक्ष कीर्ति शर्मा ने बताया कि उस्ताद शायर दानिश अलीगढ़ी ने अपनी ग़ज़लों के माध्यम से पूरे देशभर में बहुत ऊंचा स्थान प्राप्त किया था। रतलाम में उनकी स्मृतियां बनी रहे , इस उद्देश्य से जनवादी लेखक संघ द्वारा प्रतिवर्ष उनकी याद में यह सम्मान प्रदान की शुरुआत की गई है। यह सम्मान प्रतिवर्ष जनवादी लेखक संघ उर्दू विंग प्रदेश कार्यसमिति सह प्रभारी सिद्दीक़ रतलामी द्वारा संयोजित होगा। वर्ष 2022 के लिए वरिष्ठ कवि एवं भाषाविद डॉ. जयकुमार ‘जलज’ को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।

किनारे से धार तक

डा.जयकुमार ‘जलज’ देश के उन मूर्धन्य साहित्यकारों में शामिल हैं जिन्होंने छायावादी युगीन कवियों से लेकर आधुनिक कवियों तक के साथ रचनाधर्मिता की है। उन्होंने अपने समय को रचनाओं के माध्यम से परिभाषित किया है । ‘किनारे से धार तक’ पुस्तक के रचयिता डॉ. जयकुमार ‘जलज’ ने कविता गीत एवं संस्मरण के साथ भाषा विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की है। भगवान महावीर का बुनियादी चिंतन उनकी महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसका देश की विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जाकर 56 से अधिक संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं । भारतीय नाट्य शास्त्र पर जलज जी के महत्वपूर्ण कार्य को देश में बहुत आदर के साथ स्वीकारा जाता है। जलज जी को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है , इनमें कामता प्रसाद गुरु पुरस्कार, विश्वनाथ पुरस्कार , मध्य प्रदेश सरकार का भोज पुरस्कार ,हिंदी साहित्य सम्मेलन का साहित्य सारस्वत पुरस्कार भी शामिल हैं।

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