जावरा मंदिरों की भूमि की नीलामी प्रक्रिया शुरू होते ही पुजारी सड़क पर आ गए। आक्रोशित पुजारी कांग्रेस नेता डीपी धाकड़ के नेतृत्व में भगवान की प्रतिमा गोद मे लेकर धरने पर बैठ गए। पुजारियों के इस धरना आंदोलन में मुस्लीम समाज के लोग भी मौजूद रहे। क्षेत्रीय नेता भरत बैरागी के हस्तक्षेप के बाद जिला प्रशासन ने नीलामी निरस्त की।

जावरा के आस- पास विभिन्न 40 सरकारी मंदिरों की लगभग 95 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि खेती के वास्ते लीज पर देने के लिए शुक्रवार को तहसील में नीलामी रखी थी। इसका पुजारियों ने विरोध किया है । क्षेत्र के पूजारीगन तपती धूप में 42 डिग्री से ज्यादा तापमान के बावजूद कांग्रेस नेता डीपी धाकड़ के नेतृत्व में भगवान की मूर्ति गोद में लेकर धरने पर बैठ गए। दूसरी ओर केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त आयोग के सदस्य भरत बैरागी को नीलामी की जानकारी मिलते ही उन्होंने तत्काल रतलाम कलेक्टर ओर भोपाल सचिवालय में बात कर सभी को अवगत कराया गया, जिससे तत्काल नीलामी रोकने की बात सामने आई।प्रशासन को नीलामी भी निरस्त करना पड़ी और पुजारियों को एक मौका दिया है कि वे अपने स्तर पर नीलामी करें।

दरअसल तहसीलदार ने एक नीलामी विज्ञप्ति जारी की थी, जिसमें बताया था कि कृषि भूमि वाले मंदिरों की 10 एकड़ भूमि छोड़कर इससे अधिक जो भी भूमि है, उन्हें खेती के लिए 12 मई को लीज पर देने के लिए नीलामी की जाना है। श्री पुजारी संघ उत्थान एवं कल्याण समिति तथा केसरिया हिंदू वाहिनी सनातन कल्याण समिति से जुड़े पुजारी दो दिन से इस नीलामी प्रक्रिया पर आपत्ति ले रहे थे। गुरुवार व शुक्रवार दोनों दिन इन्होंने एसडीएम हिमांशु प्रजापति को ज्ञापन भी दिया। शुक्रवार को तहसील कार्यालय पहुंचे। तहसीलदार लीना जैन ने कहा कि भूमि नीलामी रोक नहीं सकते हैं। आक्रोशित पुजारी कांग्रेस नेता डीपी धाकड़ के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए। घंटेभर तक धूप में ही धरना चला व नारेबाजी की गई । पुजारियों के इस आंदोलन में समाजसेवी असलम मेव, यूसुफ पठान भी समर्थन में धरना स्थल पहुंचे।

धरने पर राजेश महंत, ईश्वरदास बैरागी, महंत जितेंद्रदास, रघुदास बैरागी, मांगूदास बैरागी, राधेश्याम बैरागी, सत्यनारायण पंडित आदि बैठे थे। तहसीलदार ने धरने पर बैठे पुजारियों के प्रतिनिधिमंडल को कार्यालय में बुलाया और कहा कि कलेक्टर समेत वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया है। उन्होंने कहा कि एक मौका पुजारियों को दे सकते हैं।

एसडीएम हिमांशु प्रजापति का कहना है कि 22 अप्रैल 2023 को सरकार के आदेश आए थे, उसी के मुताबिक ये नीलामी की जा रही थी। पुजारियों के जीवनयापन के लिए 10 एकड़ भूमि रिजर्व करने के बाद जो अतिरिक्त भूमि है, सिर्फ वही लीज पर दे रहे थे।

By V meena

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