
रतलाम । ( ivnews) ” अब क्या किया जाए? ……अगर पेड़ नहीं काटा जा सकता तो इस आदमी को काटकर निकाल लिया जाए! अगर इस आदमी को बीच में से यानी धड़ की जगह से काटा जाए, तो आधा आदमी इधर से निकल आएगा और आधा आदमी उधर से बाहर आ जाएगा और पेड़ भी वहीं का वहीं रहेगा।
पेड़ के नीचे दबा आदमी अपनी पूरी ताक़त लगाकर बोला…..- मगर इस तरह से तो मैं मर जाऊंगा !
” तुम चिंता मत करो। आदमी को काटने के नायाब तरीके पेश करने वालों की एक पुख़्ता दलील पेश की है मैंने। आजकल प्लास्टिक सर्जरी के जरिए धड़ की जगह से, इस आदमी को फिर से जोड़ा जा सकता है। व्यवस्था आदमी को काट सकती है मगर बिना फाइल चले किसी पेड़ को नहीं। “

यह संवाद सुन उपस्थित श्रोता व्यवस्था की खामियों पर चिंता भी व्यक्त करते रहे और अफसोस भी । अवसर था ‘युगबोध’ द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन नाट्य प्रशिक्षण शिविर के समापन का । एक माह से चल रहे नाट्य शिविर का समापन महाराष्ट्र समाज भवन पर हुआ जहां शिविर में भाग ले रहे बच्चों ने दो नाटकों ‘तोता’ और ‘जामुन का पेड़’ की प्रस्तुति दी। रवीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी ‘ तोता ‘ और कृश्न चंदर की कहानी ‘ जामुन का पेड़ ‘ के आशीष दशोत्तर द्वारा नाट्य रूपांतर को सभी ने सराहा। नाटक ‘तोता’ ने हमारी शिक्षा पद्धति पर कटाक्ष किया वहीं नाटक ‘जामुन का पेड़’ ने व्यवस्था की अव्यवस्था को उजागर किया ।

युगबोध के अध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि नन्हें कलाकारों को मंच से जोड़ने एवं उन्हें रंग कर्म की बारीकियों से अवगत कराने के उद्देश्य से ‘युगबोध’ नाट्य संस्था द्वारा प्रतिवर्ष ग्रीष्मकालीन बाल नाट्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। युगबोध द्वारा 2009 से प्रतिवर्ष ग्रीष्मकालीन बाल नाट्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है । कोरोना काल को छोड़कर यह शिविर प्रतिवर्ष आयोजित होता रहा । इस शिविर के माध्यम से शहर के बच्चों को रंगकर्म से जोड़ने की कोशिश की जाती है । यह शिविर पूर्णतः निःशुल्क होता है । इसमें बच्चों को रंगकर्म के प्रशिक्षण के साथ संवाद अदायगी , भाषा एवं उच्चारण तथा कला के विभिन्न पक्षों की जानकारी प्रदान की जाती है । इस वर्ष शिविर की शुरुआत 5 मई को की गई थी। शिविर में 15 बच्चों ने हिस्सेदारी की ।
नाटक मंचन के दौरान शहर के रंगकर्मियों एवं सुधिजनों ने नन्हें कलाकारों का उत्साहवर्धन किया । अश्विन शर्मा एवं लायंस क्लब के दिनेश शर्मा द्वारा बच्चों को प्रोत्साहन सामग्री प्रदान की गई ।कार्यक्रम का संचालन सतीश भावे ने किया । कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं युवा कलाकार मौजूद थे।