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रतलाम ( ivnews ) अपने समाज के बच्चो को निशुल्क कुरान शरीफ पढ़ाने वाले रेलवे के एक कर्मचारी के खिलाफ झूठी शिकायत करवा कर ब्लेकमेल करने के सनसनीखेज मामले मे हुई शिकायत के बाद स्टेशन रोड पुलिस थाने मे पदस्थ एक प्रधान आरक्षक ( हेड कास्टेबल ) को पुलिस अधीक्षक ने लाईन अटैच कर दिया. शिकायत मे थाना प्रभारी की भूमिका भी शंका के घेरे मे आने से पुलिस अधीक्षक ने मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए है.
यह पूरा मामला रतलाम के स्टेशन रोड पुलिस थाने का है. रतलाम मे रेलवे मे पदस्थ एक कर्मचारी ने अपने साथ हो रही इस ब्लेकमेलिंग की शिकायत प्रदेश भाजपा के एक नेता के सहयोग मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक अमित कुमार को लिखित मे की. प्रदेश भाजपा के नेता को रेल कर्मचारी के साथ हो रही ब्लेकमेलिंग की यह पूरी घटना रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बता कर रेल कर्मचारी को सहयोग करने के लिए अनुरोध किया था.पीड़ित यह रेल कर्मचारी प्रदेश भाजपा नेता के साथ पुलिस अधीक्षक से मिला और लिखित शिकायत के साथ साथ अपने साथ हुई पूरी घटना को बताया.

शिकायत मे यह बताया रेलकर्मी ने …

रेल कर्मचारी द्वारा की गई लिखित शिकायत मे बताया की अपने समाज के बच्चो को फी में कुरान शरीफ लोट्स सीटी महावीर कॉलोनी रतलाम पर पढाने जाता हूँ। करीब 1 माह पूर्व एक महिला के मोबाईल नंबर से मुझ प्रार्थी के मोबाईल नंबर 9827344513 पर फोन आया कि मेरे 2 बच्चे है जिनको कुरान शरीफ पढाना है और मैं अपने बच्चो को आपके यहा भेजना चाहती हु. इस पर उन्होंने कहा कि मैं फी में बच्चो को कुरान शरीफ पढाता हूँ आपके बच्चो को भी जहा बच्चे इकटठे होते है वहा भेज देना जिस पर उक्त महिला ने अपने दो छोटे बच्चो को मेरे यहा भेजा।
उक्त दोनो बच्चे मुझे जानते है और मैं भी दोनों बच्चो को पहचानता हूँ लेकिन मैं उक्त महिला से नही मिला हूँ और न ही कभी मैने उक्त महिला को देखा है। एक दिन मैं बच्चे पढाकर अपने घर की तरफ जाने के लिए लोट्स सीटी से निकला तो लोट्स सीटी के बाहर एक कच्चे मकान के बाहर उक्त दोनो बच्चे मुझे दिखाई दिये और उनके घर के अन्दर से जोर जोर की लडाई झगडे की आवाज आ रही थी मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया और मैं अपने घर चला गया था उसके दूसरे दिन मैं प्रार्थी नाईट ड्यूटी पर था तभी रात में करीब रात दो बजे उक्त महिला का मोबाईल फोन व्हाट्सअप पर आनलाईन बता रहा था तो मैंने उक्त महिला से कल हुए विवाद के बारे में पूछा और उक्त महिला के पति के बारे में पूछा इस पर उक्त महिला मुझ से लगातार चैटिंग करने लगी और मेरे बारे में पूछने पर मैने अपने बारे में बताया और मैने अपनी नौकरी के बताया. उक्त महिला द्वारा चैटिंग के दौरान कहा कि मुझ आप पढाओ तो मुझ प्रार्थी ने कहा कि मैं अकेली महिला को नही पढाता हूँ मै बडे बच्चे भी पढाता हूँ आप चाहे तो उनके साथ कुरान शरीफ पढ सकती है तो उक्त महिला ने कहा कि मैं अकेले आपसे पढ़ना चाहती हूँ जिस पर मैने मना कर दिया उक्त चैटिंग के दौरान उक्त महिला ने मुझ से कहा कि पचास हजार रूपये मुझे चाहिए तो मैंने कोई जवाब नही दिया।
उक्त महिला ने चालाकी पूर्वक मुझ से लगातार उस दिन चैटिंग करती रही और उक्त महिला जो मुझ प्रार्थी को व्हाट्सअप पर मैसेज भेजती वह हाथो हाथ डिलिट कर देती थी इस लिए मुझ प्रार्थी को उक्त महिला पर कोई शक नही हुआ था।

इस तरह हुआ शुरू ब्लेकमेलिंग का खेल….

शिकायत मे रेलकर्मी ने बताया की उक्त चेटिंग के दूसरे दिन मेरे परिचित अनीस खान का मोबाईल नंबर 9993189555 से फोन आया और उसने मुझे कहा कि तुमने एक महिला से व्हाट्सअप पर चैटिंग की है उसका पति तुम्हे मारने के लिए तुम्हारे घर आने वाला है तो मैने अनीस खान को कहा कि मैने सहानुभूति के लिए चैटिंग की थी की उसके घर खैरियत तो है तो अनीस खान कहने लगा की मैं तुम्हारा समझौता मैं करवा दुगा उसके पति को पांच लाख रूपये देना पड़ेगे तो मेने कहा कि मेरे पास अभी रूपये नही है तो अनीस खान ने कहा कि रूपयो की व्यवस्था कर लेना और अपना मोबाईल काट दिया ।
इसके 2 दिन बाद फिर अनीस खान ने फोन कर कहा कि स्टेडियम आ जाओ तो मे अनीस के कहने पर स्टेडियम पर गया जहा अनीस व शाहरूख नामक व्यक्ति खडा था. अनीस ने शाहरूख से परिचय करवाते हुए बताया की यह उस महिला का पति है और पांच लाख रूपये देकर मामला निपटा लो. मैने कहा की मेरे पास इस महीन की सैलरी के अलावा रूपये नही है तो अनीस व शाहरूख कहने लगे की दो लाख पचास हजार रूपये देना पडेगे नही तो तुम्हे घर पर आकर मारेगे और तुझे बदनाम कर देगे और काफी डराया धमकाया. मैने काफी मिन्नते की तो अनीस व शाहरूख ने कहा कि पचास हजार रूपये अभी देने पडेगे नही तो साले को जिन्दा नही छोडेगे जिस पर मेने डर के मारे अनीस को ऑनलाईन फोन पे के माध्यम से पचास हजार रूपये ट्रांसफर कर दिये।

ब्लेकमेलिंग खेल मे पुलिस की एंट्री….

अनीस को पचास हजार रूपये ट्रांसफर करने के 15 दिन बाद महिला डेस्क थाना स्टेशन रोड रतलाम से मुझे फोन आया और कहा गया कि तुम्हारे खिलाफ शिकायत आयी है थाने आ जाओ जिस पर मैं स्टेशन रोड थाने रतलाम पर गया जहा पर महेन्द्र फतरोड नामक पुलिस कर्मचारी से मिला तो महेन्द्र ने कहा की तुम कुछ मत बोलों मुझे सब पता है मैने टी.आई. साहब से बात कर रखी है.एक लाख रूपये मे सब सेटल कर दूंगा तुम पैसे दो तो मैने कहा कि मेरे पास इतने रूपये नही है जिस पर महेन्द्र पुलिसकर्मी ने मुझे शाम 6 बजे से रात 9बजे तक थाने पर बिठा रखा और डराते धमकाते हुए कहा की तेरी सर्विस चली जाएगी जल्दी पैसे मंगा. इस पर मेने अपने परिचित हारून व जाकिर को फोन लगाया और पैसे मंगवाये जिस पर जाकीर थाने पर पचास हजार रूपये लेकर आया और उसी समय अनीस व शाहरूख व शाहरूख का भाई आ गये थे व मेरे परिचित हारून भी थे. उक्त रूपये जाकीर से शाहरूख का भाई जिसका नाम मैं नही जानता हूँ उसको रूपये दिये. जिसने उक्त रूपये पुलिसकर्मी महेंद्र को दिये. पुलिस कर्मी महेंद्र ने कहा की सिक्युरिटी के लिए तीन लाख का चेक चाहिए. पुलिसकर्मी महेंद्र के दबाव में आकर मेने भारतीय स्टेट बैंक शाखा डीआरएम आफिस का खाता कमांक 31776957079 का चेक कमांक 542347 का चेक अनीस खान ने मुझ प्रार्थी से लिया. यह चेक किसी भी व्यक्ति के नाम पर जारी नहीं किया है मात्र मेरे हस्ताक्षर कर तीन लाख रूपये की राशि लिखवाई गई है जो चेक इनके कब्जे में है पुलिस कर्मी महेंद्र ने मुझे कहा की रूपये व्यवस्था कर देना और यह चेक वापस ले जाना और मुझे छोड दिया गया.

पीड़ित रेलकर्मी को पुलिसकर्मी की धमकी…..

इसके बाद महेन्द्र पुलिसकर्मी महेंद्र का 21 जनवरी 2025 को दिन में करीब ढाई बजे फोन आया और मुझे थाने बुलाया.
थाने पहुंचने पर पुलिसकर्मी महेन्द्र ने शाहरूख, अनीस, शाहरूख का भाई को वहा बुलाया. उनके आने पर पुलिसकर्मी महेन्द्र ने कहा की तुम लोग बाहर निपटारा कर लो जिस पर शाहरूख व अनीस ने मुझ से पांच लाख रूपये की मांग की. मैने उनसे कहा की मेरे पास जो रूपये थे वह मैं पहले ही दे चुका हूँ अब मेरे पास पैसे नही है. जिस पर पुलिसकर्मी महेन्द्र मुझे व शाहरूख व उसके भाई को टी.आई साहब के सामने खड़ा किया. मेरे द्वारा टी.आई. को सारी बात बताते हुए कहा की मैं इनको एक लाख रूपये दे चुका हूँ और तीन लाख रूपये का खाली चेक भी दे दिया है। अब मेरे पास पैसे नही है. टी.आई ने मेरे खिलाफ मुकदमा कायम करने का कहकर हमे बाहर भेज दिया. तभी मै मौका देखकर वहा से निकल गया.

रेल कर्मचारी ने शिकायत मे कहा की यह सभी आपस में मिले हुए है और उक्त अनजान महिला को हथियार बनाकर मुझे ब्लैकमेल कर अवैध रूप से पांच लाख रूपये की मांग कर रहे है. जबकि मेरे से इन सभी ने डरा धमका कर एक लाख रूपये ले लिये है. फिर भी मुझे मुकदमे में फसाकर झूठी रिपोर्ट की कायमी करने का डर बताकर ठगा जा रहा है.. शिकायतकर्ता ने कहा की उसे अगर अवैध वसूली से नही बचाया गया तो उसे मजबुर होकर जहर खा कर आत्महत्या करनी पडेगी जिसकी जिम्मेदारी इन सभी ब्लेकमेलरों व पुलिस प्रशासन की रहेगी।

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