रतलाम शब्द की अपनी महत्ता है। सार्थक शब्द अपने उपस्थिति से हक़ीक़त को बयान भी करते हैं और उसे सही रूप में समाज के सामने लाते भी हैं । शब्दों के सामने मौजूदा दौर में खड़े ख़तरे को पहचाना और शब्दों की ताक़त को महत्व देना बहुत आवश्यक है। उक्त विचार प्रसिद्ध कवयित्री डॉ. प्रभा मुजुमदार ने जनवादी लेखक संघ द्वारा आयोजित दानिश अलीगढ़ी स्मृति सम्मान समारोह में व्यक्त किए। प्रभा जी ने कार्यक्रम में अपनी प्रभावी कविताओं की प्रस्तुति दी जिसे उपस्थितजनों ने बहुत सराहा।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि एवं अनुवादक प्रो. रतन चौहान ने कहा कि प्रभा जी की कविताओं में गहरे अर्थ समाहित हैं और ये आज के दौर की अनिवार्य कविताएं प्रतीत होती हैं । उन्होंने कहा कि समय के साथ चलने वाला रचनाकार सदैव अपनी बात को कम शब्दों में गहरे अर्थों के साथ प्रस्तुत करता है। वरिष्ठ कवि युसूफ जावेदी ने डॉ. मुजुमदार का परिचय देते हुए कहा कि रतलाम में महाविद्यालय में छात्र के रूप में उनकी जो छवि उस समय थी , वही छवि आज उनकी कविताओं में भी नज़र आती हैं । शायर सिद्दीक़ रतलामी ने इस अवसर पर दानिश अलीगढ़ी की ग़ज़लों की प्रस्तुति दी।

सम्मान प्रदान किया

‘दानिश अलीगढ़ी स्मृति सम्मान’ वर्ष 2024 के लिए देश की सुपरिचित कवियत्री प्रभा मुजुमदार को दिया गया। जनवादी लेखक संघ रतलाम के अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौर, सचिव सिद्दीक़ रतलामी , वरिष्ठ कवि श्याम माहेश्वरी , कैलाश व्यास, ओमप्रकाश मिश्रा, पूर्णिमा शर्मा , मनोहर जैन, ललित चौरडिया , जावेद अलीगढ़ी सहित उपस्थितजनों ने डॉ. प्रभा मुजुमदार को सम्मान प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि दानिश अलीगढ़ी स्मृति सम्मान का यह तीसरा सोपान था। प्रथम सम्मान वर्ष 2022 के लिए वरिष्ठ कवि एवं भाषाविद डॉ. जयकुमार ‘जलज’ तथा दूसरे वर्ष 2023 का सम्मान वरिष्ठ कवि श्याम महेश्वरी को दिया गया था। प्रारंभ में जनवादी लेखक संघ,जन नाट्य मंच, युगबोध की ओर से प्रभा जी का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया तथा आभार सचिव सिद्दीक़ रतलामी ने व्यक्त किया। आयोजन में शहर के वरिष्ठ साहित्यकार सहित साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

By V meena

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