रतलाम। फूलों की तरह ‘सुनें सुनाएं’ की कोशिशों की महक भी अब दूर-दूर तक फैल रही है। लोग इस आयोजन से जुड़ रहे हैं और इसके ज़रिए अपने शहर की रचनात्मकता को नया आयाम दे रहे हैं । यह साहित्य , संस्कृति और सद्भाव के लिए पहचाने जाने वाले इस शहर के लिए सुखद है और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण । उक्त विचार ‘सुनें सुनाएं’ के 22 वें सोपान में उभर कर सामने आए।
समय पर प्रारंभ हो कर समय पर समाप्त होने वाले इस आयोजन में जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल में रचनाप्रेमियों ने हर विधा की रचना पढ़ी। इसमें शहर और बाहर से आए रचनाप्रेमियों ने रचना पाठ किया। श्रीमती अनीता दासानी ‘अदा’ ने सुशांत सुप्रिय की रचना ‘ धन्यवाद ज्ञापन ‘ का पाठ किया वहीं रंगकर्मी श्याम सुंदर भाटी ने ग़ज़ल ‘ भीगा – भीगा मौसम है ‘ का पाठ किया। वरिष्ठ रंगकर्मी ओमप्रकाश मिश्र ने शरद जोशी की व्यंग्य रचना ‘ बरसों से हम दौड़ ही रहे हैं ‘ का पाठ किया वहीं पूर्व प्राचार्य डॉ. गीता दुबे ने सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की रचना “खाली समय में” का पाठ किया। चिंतक विष्णु बैरागी ने शमीम जयपुरी की ग़ज़ल ‘भला किसी की मुहब्बत में क्या लिया मैंने ‘ का पाठ किया। गुना के सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश शर्मा ने आयोजन में नवाज़ देवबंदी की नज़्म ‘ सोचो, आख़िर कब सोचोगे’ का पाठ किया। रंगकर्मी अनमोल सुरोलिया ने हरेंद्रसिंह ‘एहसास’ की रचना ‘ तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है ‘ का पाठ किया। पूणे में बायो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही सुश्री बुलबुल भाटी ने अशोक चक्रधर की रचना ‘ कुए का मेंढक ‘ का पाठ किया । डॉ . प्रदीप सिंह राव ने अदम गोंडवी की रचना ‘ सौ में सत्तर आदमी ‘ का पाठ किया। पूर्व पार्षद गोविन्द काकानी ने प्रहलाद दास काकानी की रचना ‘गप्प है भाई गप्प ‘ का पाठ किया ।
इनकी उपस्थिति रही
आयोजन को अपनी उपस्थिति से शहर के रचनाप्रेमियों ने सार्थक बनाया। इनमें प्रो.रतन चौहान, डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, डॉ. अभय पाठक, दिनेश जोशी, सरिता दशोत्तर , नरेंद्र त्रिवेदी , राधेश्याम शर्मा , सुभाष यादव , विनोद संघवी , नंदकिशोर भाटी , दीपेश भाटी , नरेंद्र सिंह डोडिया , आई.एल. पुरोहित , मणिलाल पोरवाल , प्रतिभा चांदनीवाला , अनीस मोहम्मद खान , श्वेता कटारिया , डॉ. जी.पी. डबकरा, नीता गुप्ता , सांत्वना शुक्ला , सुशीला कोठारी , प्रकाश हेमावत, डॉ. प्रदीप कोठारी , संतोष लोखंडे , कल्पना सुरोलिया , प्रज्ञा लोखंडे, सुनीता काकानी , आशा श्रीवास्तव , श्री राम दिवे , अशोक कुमार शर्मा, प्रकाश मेहता , जी.एस. खींची , मयूर व्यास , हरेंद्र कोठारी , ज़मीर फारुकी , विजय सिंह रघुवंशी , कमलेश बैरागी , कीर्ति कुमार शर्मा, महावीर वर्मा , आशीष दशोत्तर एवं सुधिजन उपस्थित थे।