
रतलाम ताल के पास रणायरा गांव में एक पिता ने अनूठी पहल की है।पिता नेअपने बेटे की शादी में एक ऐसा काम किया जा रहा है, जो समाज को प्रेरित करेगा। शादी के निमंत्रण पत्र में उन्होंने जीवनदान देने वाले कार्य के लिए अनोखे शब्द लिखवाए हैं।

रणायरा निवासी रामनारायण परिसर को अपने दोनो पुत्रो जीतू पाटीदार और अनिल पाटीदार रक्तदान के प्रति समर्पित देख स्वयं को भी गर्व महसूस होता हैं उन्होंने बताया की कई मरीज खून की कमी से परेशान होते है । अपने बच्चों को रक्तदान की इस मुहिम का हिस्सा बने और जरूरतमंदों की जान बचाने में मदद करने पर उन्हें गर्व होता है। पेशे से किसान पिता ने अपने अपने बेटे की शादी के कार्ड पर रक्तदान के प्रति जागरूकता संदेश छापने का फैसला किया है।

रणायरा के रहने वाले समाजसेवी जितेंद्र (जीतू) पाटीदार ने अपनी शादी के कार्ड में रक्तदान को लेकर अनूठा संदेश दिया।कार्ड में प्रेरक नारा ‘ वक्त का हर क्षण रक्त का हर कण अमुल्य होता हैं, जो अन्न दे वह अन्नदाता, धन दे वो धन दाता जो विद्या दे वो विद्यादाता, पर जो रक्त दे वो जीवनदाता और ‘रक्तदान महादान’ छपवाया ।
समाजसेवी और दूल्हे जीतू के छोटे भाई हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप के सदस्य अनिल पाटीदार ने बताया की फेरो के वक्त सात वचन के साथ एक वजन रक्तदान को लेकर भी लिया जाएगा जिसमे शादी की वर्ष गांठ पर हर साल और जब तक रक्तदान करने के लिए स्वस्थ हूं तब तक रक्तदान करने का संकल्प भी लिया जाएगा ।वही जीतू अब तक 9 बार रक्तदान कर चुके हैं।
पांच सौ घरों में कार्ड जाएगा, लोग जागरूक होंगे, यह सोचकर संदेश छपवाए
हेल्पिंग हैंड्स ग्रुप के संस्थापक अनिल रावल ने बताया की दूल्हा जीतू पाटीदार और अनिल पाटीदार दोनों भाई स्वयं एवम अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर निः स्वार्थ समाजसेवी के तौर पर कार्य कर रहे हैं। शादी कार्ड पर रक्तदान का स्लोगन छपवाना भी जागरूकता फैलाने व समाज को इसके लिए प्रेरित करना ही मकसद माना। पूरा कार्ड में स्पष्ट और मातृ भाषा में ही छपवाया। जिससे लोगों को अनिल रावल बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में आमतौर पर रक्तदान को लेकर झिझक रहती है। लोग कमज़ोरी होने के अंधविश्वास के चलते रक्तदान से बचते हैं। यह भ्रम दूर करने के लिए ही उन्हें शादी कार्ड पर संदेश छपवाने का आइडिया आया। शादी कार्ड कम से कम पांच सौ घरों में जाता ही है, तो क्यों न कार्ड पर ही ये प्रेरक नारे छपवाए जाएं।