रतलाम मध्यप्रदेश में कांग्रेस को आज फिर बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज चावला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद गुगालिया ने आज भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। दोनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रतलाम प्रवास के दौरान भाजपा की सदस्यता ली।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार शनिवार को रतलाम पहुंचे। मुख्यमंत्री यहां से बरबढ रोड क्षेत्र स्थित एक मैरिज गार्डन पर भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे। बैठक शुरू होने से पूर्व यहां बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला। कांग्रेस नेता एवं आलोट विधानसभा के पूर्व विधायक मनोज चावला और रॉयल कॉलेज ग्रुप के चेयरमैन प्रमोद गुगालिया ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। दोनों वरिष्ठ नेताओ का मुख्यमंत्री डॉ. यादव, मंत्री चेतन्य काश्यप और भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी भी मंचासीन रहे।
खाद लूट कांड के आरोपी हैं पूर्व विधायक चावला
कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज चावला ने आज प्रदेश अध्यक्ष पटवारी को संबोधित पत्र में पार्टी से अपने त्यागपत्र दिए जाने की जानकारी साझा की। चावला के विरुद्ध आलोट में खाद लूट का प्रकरण भी दर्ज हुआ था जिसमें वे मुख्य आरोपी हैं। मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है। इधर नामली में कांग्रेस नेताओं ने चावला के पोस्टर पर कालिख पोत दी। सोशल मीडिया पर वारयल वीडियो में कांग्रेस नेता बंटी डाबी चावला के पोस्टर पर कालिख पोतते नजर आ रहे हैं।
गुगालिया पहले ही दे चुके थे इस्तीफा
रॉयल कॉलेज के चेयरमैन प्रमोद गुगालिया पहले ही पार्टी को इस्तीफा दे चुके थे। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव और पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रमोद गुगालिया केन्द्र सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय, रेल मंत्रालय व कपड़ा मंत्रालय के बोर्ड में डायरेक्टर व सदस्य भी रहे है।श्री गुगालिया शिक्षा, चिकित्सा, फिल्म निर्माण व सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे है, इनके द्वारा वर्ष 1996 से संचालित शैक्षणिक संस्थानों में 1 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों ने अध्ययन किया है।फिल्म निर्माण और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले गुगालिया द्वारा भाजपा की सदस्यता स्वीकार कर सभी को चौंका दिया है। संभावना जताई जा रही है कि आगामी दिनों में जिला कांग्रेस के कई और भी नेता भी भाजपा का दामन छोड़ सकते हैं।