रतलाम ivnews चुनाव आयोग ने चुनाव लडने वाले उम्मीवार को चुनाव खर्च की अधिकतम राशि चालीस लाख रुपए रखी थी । इस विधान सभा चुनाव में प्रदेश में कई धनाटय उम्मीदवारों ने भी चुनाव लडा और उनकी असली खर्च की तो बात करना बेमानी होगी ।
इन्ही उम्मीदवारों में एक उम्मीदवार था रतलाम जिले के सैलाना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार जो की 40 लाख तो दूर जो भी नाम मात्र का खर्च किया वह भी उधारी के पैसे से चुनाव लड़ कर भाजपा और कांग्रेस के सामने चुनौति खड़ी कर दी। इस आदिवासी नेता कमलेश्वर के चुनावी खर्च की उधारी चुकता करने के लिए अब आदिवासी समाज ने अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए रविवार को सरवन और रावटी में नोतरा कार्यक्रम आयोजित किया। उम्मीदवार के वृद्ध पिता के साथ बैठे समाज के लोगो ने नोतरा आयोजन में पहुंच कर परंपरा अनुसार पहले एक दूसरे को गुलाल लगाया फिर जय जोहार बोल कर रखी पीतल की परात में अपनी हैसियत के मुताबिक राशि रख कर आर्थिक मदद की । इस मदद से यह भी साबित है कुछ लोग शराब और पैसे की लालच में वोट देते हैं और दूसरी तरफ परंपरा अनुसार कुछ वोट देने के बाद निस्वार्थ भाव से अब उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार को आर्थिक मदद करने के लिए नोतरा जैसे कार्यक्रम में शरीक हो कर सामने आए हैं।

कमलेश्वर डोडियार आदिवासी विधानसभा क्षेत्र सैलाना से आदिवासी संगठन जयस के समर्थन से चुनाव मैदान में उतरा था। उसकी आर्थिक स्तिथि ऐसी नही है की वह बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के मुकाबले में प्रचार प्रसार कर सके। लेकिन जयस आदिवासी संगठन के इस प्रत्याशी ने अपना चुनाव प्रचार उधारी के रूपयो से कर चुनाव लड़ा। पोस्टर बेनर पैंपलेट प्रचार वाहन सब कुछ उधार किया। अब चुनाव प्रचार के बाद मतदान हो गया। उधार चुकता करने के लिए कमलेश्वर डोडियार ने अपने समाज की परंपरा के मुताबिक नोतरा कार्यक्रम रखा। इसके लिए विधानसभा क्षेत्र सैलाना के दो कस्बों सरवन और रावटी में आज कार्यक्रम हुआ। सुबह आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक। कमलेश्वर के परिजन और मित्र बैठे। सामने एक थाली उसमे रखा गुलाल, और बैठे हुए लोगो में से एक के पास एक नोट बुक जिसमे नोतरा देने वाले का नाम और राशि को लिखे जाने के लिए रखी हुई थी। सुबह से शाम तक सेकडो आदिवासी वहा पहुंचे। और नोतरा में शामिल हुए। इन आदिवासियों ने कमलेश्वर की मदद के लिए अपनी हैसियत अनुसार राशि थाली में डाल कर मदद की। इस नोतरा में मिली आर्थिक सहायता से अब कमलेश्वर चुनाव प्रचार में खर्च के लिए उधार की गई राशि को चुकता करेगा। सरवन में आयोजित नोतरा में। जिला पंचायत सदस्य प्रिनिधि चंदू मईडा सहित जयस संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे।
क्या है नोतरा परंपरा
आदिवासी समाज के गरीब लोगो की मदद के लिए समाज के लोगो द्वारा आर्थिक सहायता करना ही नोतरा होता है। आदिवासी समाज में यह परंपरा प्राचीन है। समाज का कोई भीं व्यक्ति समाज के लोगो से मदद मांगने के लिए नोतरा का आयोजन कर सकता है। समाज के लोग अपनी हैसियत अनुसार मदद करने लिए इस आयोजन में शिरकत करते है। और आर्थिक सहायता स्वरूप अपनी ओर से राशि प्रदान करते है।