
उज्जैन, ivnews
तपती रोहणी के बीच अचानक रविवार को मौसम ने अपना रुख बदल लिया । महाकाल की नगरी में तेज आंधी बारिश के कारण महाकाल लोक की 6 मूर्तियां धराशायी हो गई। महाकाल लोक में स्थित सप्तऋषि की सात में से छः मूर्तियां पेडस्टल से नीचे उस समय गिरी जब वहां पर हजारो श्रद्धालु मौजूद थे। गनीमत ये रही कि महाकाल बाबा के आशीर्वाद से किसी भी श्रद्धालु को चोंट नहीं आई है, लेकिन महाकाल लोक की मूर्तियां गिरने से यहाँ पर हुए करोडो रुपए के कामो पर सवाल जरूर खड़े हुए है। यह तो मानसून पूर्व का बवंडर था , जब मानसून अपने परवान पर होगा तब क्या स्थिति बनेगी । महाकाल लोक के निर्माण गुणवत्ता को अभी से परखना बेहद जरूरी है ।

खबर के मुताबिक , उज्जैन में शाम करीब 4 बजे अचानक तेज आंधी और बारिश के चलते शहर के कई इलाको में पेड़ और मकान गिर गए। महाकाल मंदिर में भी सप्तऋषि के 6 मूर्तियां गिर गई , जिससे मूर्तियों में काफी नुकसान हुआ है। जैसे ही मूर्तियां गिरी मंदिर समिति के कर्मचारियों ने श्रद्धालुओं को वहां से बाहर कर दिया, जिससे जन हानि नहीं हुई। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। मूर्ति गिरने की खबर पर उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम, एसपी सचिन शर्मा, एसडीएम अनुकूल जैन, एसडीएम कल्याणी पांडे और मंदिर प्रशासक संदीप सोनी पहुंचे। यहाँ उन्होंने क्रेन की मदद से मूर्तियों को हटाना शुरू करवाया। कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने बताया कि तेज हवाओं के कारण मूर्ति गिरी है। मूर्ति गिरने के तुरंत बाद श्रद्धालुओं की इंट्री महाकाल लोक में बंद कर दी गई। सभी मूर्तियों को हटाने या जो अच्छी मूर्तियां है उन्हें लगाने के बाद ही आम लोगो को इंट्री दी जायेगी।
कम्पनी नयी मूर्तियां बनाकर देगी
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम ने बताया की मूर्तियों की एज 10 साल थी, मूर्ति बनाने वाली कम्पनी गुजरात की एमपी बाबरिया की काफी राशि धरोहर के रूप में हमारे पास है। सभी मूर्तियां डिफेक्ट लायबिलिटी में है। कंपनी नई मूर्तियां बनाकर देंगी। गनीमत ये रही की कोई जन हानि नहीं हुई है। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी कर इसे करीब 5 वर्षो में तैयार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुर्नस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।

दिन का तापमान घटा
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने के बाद से शुरू हुए नौतपा के चौथे दिन ही रविवार को बदले मौसम ने शहर में व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। मौसम बदलने के बाद मौसम विशेषज्ञ के अनुसार हवा की गति करीब 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रही। वहीं वेधशाला में दर्ज मौसम के रिकार्ड में पिछले 24 घंटे के दौरान दिन के अधिकतम तापमान में 6 डिग्री की गिरावट आई है। रविवार को दर्ज दिन का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।