रतलाम / एक माह  पहले  अपनी समस्याओ को मन्त्री से लेकर अधिकारियो तक को बताने  के  बाद भी समस्या हल नहीं होने  पर कन्या परिसर की हायर सेकंडरी  की छात्राये  करीब आठ किलोमीटर पैदल  चलकर  कलेक्टरेट कार्यालय  पहुची।

सागोद रोड स्तिथ  पीएम श्री कन्या परिसर की  करीब 55 छात्राये  आज सुबह करीब दस बजे  परिसर से   पैदल  ही कलेक्टर कार्यालय के लिये निकली. छात्राओं  के पैदल  आने की सूचना पर कलेक्टर राजेश बाथम  सहित अन्य अधिकारी  परिसर की और चल पड़े. रास्ते मे कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियो ने छात्राओं से बात  करना चाही  लेकिन छात्राओं ने  कलकेटर कार्यालय मे ही बात  करने का  कह कर रुकने से इंकार कर दिया.

छात्राये पुन पैदल ही कलेक्टर कार्यालय  की और चल  पड़ी. इस दौरान अधिकारी भी अपनी लग्जरी गाड़ियों में छात्राओं के पीछे-पीछे चलते रहे। बालिका कलेक्ट्रेट परिसर पहुंची और यहां पर जमीन पर बैठ गई. छात्राओं का एक दल कलेक्टर से मिलने उनके केबिन में पंहुचा. छात्राओं द्वारा कलेक्टर राजेश बाथम से मिलकर शैक्षणिक समस्याओं के संबंध में शिकायत की

कलेक्टर श्री बाथम ने संवेदनशीलता से छात्राओं को कलेक्टर चेंबर में कुर्सियों पर बिठाकर रूबरू होकर उनकी समस्याएं सुनी तत्काल सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग को समक्ष में बुलाया छात्राओं की समस्या सुनकर कलेक्टर ने हॉस्टल अधीक्षका सुनीता हारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए प्राचार्य गणतंत्र मेहता को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जा रहा है कलेक्टर ने सहायक आयुक्त को छात्राओं की मांग के अनुसार तत्काल शिक्षकों की परिवर्तित व्यवस्था के निर्देश दिए कलेक्टर ने फिजिक्स केमिस्ट्री तथा अन्य विषयों की पढ़ाई के लिए छात्राओं की मांग के अनुसार शिक्षक पैनल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए साथ ही अतिरिक्त रूप से कक्षाओं के संचालन हेतु निर्देशित किया

छात्राओं को स्वल्पाहार करवाया वाहनों से हॉस्टल तक पहुंचाया

संवेदनशील कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने कलेक्ट्रेट आई छात्राओं की समस्याओं के निराकरण पश्चात उनको अपर कलेक्टर डॉ शालिनी श्रीवास्तव के साथ समीप के इंडियन कॉफी हाउस मे स्वल्पाहार करवाया इसके पश्चात वाहनों की व्यवस्था कर छात्राओं को उनके हॉस्टल तक वापस पहुंचाया.


जिले के प्रभारी मंत्री बनने के बाद मंत्री विजय शाह रतलाम आए थे यहां पर उन्होंने बैठक के साथ छात्रावास की बालिकाओं से भी चर्चा की थी और उनका हर समस्या के निराकरण का आश्वासन भी दिया था लेकिन उनके आदेश का अधिकारी ने किसी प्रकार से कोई पालन नहीं किया यही वजह रही की बालिका हाई कोर्ट 8 किलोमीटर चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को समस्या है बताने लगी इससे साफ-साफ जाहिर होता है कि अधिकारी प्रभारी मंत्री को लेकर भी गंभीर नहीं है।

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